ETV Bharat / state

गौशाला की छत फाड़कर मवेशियों को निवाला बना रहा जंगली जानवर, खौफजदा लोग

यमकेश्वर क्षेत्र में जंगली जानवरों के आतंक से ग्रामीण डर के साए में जीने को मजबूर हैं. भालू जैसा दिखने वाला यह जानवर अब तक कई मवेशियों को निवाला बना चुका है.

जंगली जानवरों का आतंक
जंगली जानवरों का आतंक
author img

By

Published : Feb 10, 2020, 12:31 PM IST

कोटद्वारः यमकेश्वर क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. जंगली जानवर लगातार ग्रामीणों के मवेशियों को अपना निवाला बना रहे हैं. जिससे लोगों में भारी दहशत है. क्षेत्र में पिछले तीन चार सालों से सर्दियों के समय जंगली जानवर द्वारा मवेशियों को निशाना बनाया जा रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक गौशाला की छत को फाड़कर गौवंश और बकरियों को निवाला बनाया जा रहा है.

कोटद्वार में जंगली जानवरों का आतंक.

उल्लेखनीय है कि अब तक लगभग चार दर्जन मवेशियों को ये जंगली जानवरों को अपना निवाला बना चुका है. जिस कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है. इसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है और जल्द ही जनआंदोलन की तैयारी में हैं. प्रतिवर्ष जनवरी व फरवरी माह में यमकेश्वर क्षेत्र के कई गांव जैसे नीलंकठ, सिदुंड़ी आमड़ी कुमराणा भेलडुंगा, खेड़ा, दलमोगी सहित कई गांव में इस जंगली जानवर द्वारा मवेशियों को अपना निवाला बनाया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः कोटद्वार: महिला पर सुअर ने किया हमला, गंभीर रूप से घायल

भालू जैसा दिखने वाला यह जानवर गौशाला का दरवाजा नहीं तोड़ता है, बल्कि ऊपर से छानी या छप्पर को फाड़कर ऊपर से ही खींच कर ले जा रहा है और कंधे से मांस उखाड़ कर खा रहा है. यह जानवर रात के समय ज्यादा आक्रामक है. ग्रामीण रात्रि के समय एक दल बनाकर इसके ठिकानों का पता लगाने का प्रयास किया. ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग जानवर से निजात नहीं दिलाता है तो यमकेश्वर के समस्त जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों को साथ लेकर जन आंदोलन किया जाएगा.

कोटद्वारः यमकेश्वर क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. जंगली जानवर लगातार ग्रामीणों के मवेशियों को अपना निवाला बना रहे हैं. जिससे लोगों में भारी दहशत है. क्षेत्र में पिछले तीन चार सालों से सर्दियों के समय जंगली जानवर द्वारा मवेशियों को निशाना बनाया जा रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक गौशाला की छत को फाड़कर गौवंश और बकरियों को निवाला बनाया जा रहा है.

कोटद्वार में जंगली जानवरों का आतंक.

उल्लेखनीय है कि अब तक लगभग चार दर्जन मवेशियों को ये जंगली जानवरों को अपना निवाला बना चुका है. जिस कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है. इसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है और जल्द ही जनआंदोलन की तैयारी में हैं. प्रतिवर्ष जनवरी व फरवरी माह में यमकेश्वर क्षेत्र के कई गांव जैसे नीलंकठ, सिदुंड़ी आमड़ी कुमराणा भेलडुंगा, खेड़ा, दलमोगी सहित कई गांव में इस जंगली जानवर द्वारा मवेशियों को अपना निवाला बनाया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः कोटद्वार: महिला पर सुअर ने किया हमला, गंभीर रूप से घायल

भालू जैसा दिखने वाला यह जानवर गौशाला का दरवाजा नहीं तोड़ता है, बल्कि ऊपर से छानी या छप्पर को फाड़कर ऊपर से ही खींच कर ले जा रहा है और कंधे से मांस उखाड़ कर खा रहा है. यह जानवर रात के समय ज्यादा आक्रामक है. ग्रामीण रात्रि के समय एक दल बनाकर इसके ठिकानों का पता लगाने का प्रयास किया. ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग जानवर से निजात नहीं दिलाता है तो यमकेश्वर के समस्त जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों को साथ लेकर जन आंदोलन किया जाएगा.

Intro:Summary यमकेश्वर क्षेत्र में पिछले तीन चार सालों से सर्दियों के समय अज्ञात जानवर द्वारा मवेशियों की गौशाला को तोड़कर गोवंश और बकरियों को निवाला बनाया जा रहा था, अब तक लगभग चार दर्जन मवेशियों का यह जानवर शिकार कर चुका है, जिस कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश हैं, और जल्द हो जनआंदोलन की तैयारी में करने में ग्रामीण जुटे हैं।

Intro kotdwar प्रतिवर्ष जनवरी फरवरी माह में यमकेश्वर क्षेत्र के कई गॉव जैसे नीलंकठ, सिदुंड़ी आमड़ी कुमराणा भेलडुंगा, खेड़ा, दलमोगी सहित कई गॉव में इस जंगली जानवर द्वारा मवेशियों को अपना निवाला बनाया जा रहा है। भालू जैसा दिखने वाला यह जानवर गौशाला का दरवाजा नहीं तोड़ता है, बल्कि ऊपर से छानी या छप्पर को फाड़कर ऊपर से ही खींच कर ले जा रहा है, और कंधे से मांस उखाड़ कर खा रहा है। यह जानवर रात के समय ज्यादा आक्रामक है, ग्रामीण के रात्रि के समय एक दल बनाकर इसके ठिकानों का पता लगाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने कहा की
यदि वन विभाग उक्त जानवर का समाधान नहीं करता है
यमकेश्वर के समस्त जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों को साथ लेकर क्षेत्रीय लोगों द्वारा जन आंदोलन किया जायेगा।
Body:वीओConclusion:विओ2
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.