पौड़ीः सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही संसाधन, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. लाख कोशिश के बावजूद भी सरकार डॉक्टरों की तैनाती पर्वतीय अंचलों में नहीं कर पा रही है. जिससे लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. जहां पहाड़ पहले से ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. वहीं, अब शासन ने महिला अस्पताल में तैनात दो महिला डॉक्टरों का मैदानी क्षेत्रों में तबादला कर दिया है. ऐसे में अब स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की पूरी उम्मीद है.
दरअसल, पौड़ी महिला अस्पताल में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मेघना असवाल और विनीता सयाना को शासन ने देहरादून तबादला कर दिया है. जिसके बाद अस्पताल में तैनात अन्य डॉक्टरों पर मरीजों को देखने का बोझ बढ़ सकता है.
वहीं तबादले के बाद अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने का अंदेशा जताया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले इन डॉक्टरों की मदद से अस्पताल की हालत सुधर रही थी, लेकिन दोनों डॉक्टरों के तबादले के बाद अस्पताल की व्यवस्था दोबारा से लचर हो सकती है.
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स्थानीय निवासी विपिन रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार पहाड़ विरोधी रही है. मैदानी क्षेत्रों में सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है, लेकिन पहाड़ को उपेक्षित रखा जा रहा है. जिससे पहाड़ खाली होते जा रहे हैं.
वहीं, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीता का कहना है वर्तमान में जिला अस्पताल में 2 डॉक्टर कार्यरत हैं. डॉक्टर मेघना असवाल के तबादले के बाद श्रीनगर में अटैच डॉक्टर जल्द वापसी करेंगी. जिससे पहले की तरह ही व्यवस्थाओं को पटरी पर लाया जाएगा.