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पर्यावरण असंतुलन को लेकर सेमिनार का आयोजन, गढ़वाल विवि में जुटे देशभर के वैज्ञानिक

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में पर्यावरण असंतुलन को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में देशभर से आए वैज्ञानिकों ने शिरकत की.

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Published : Nov 13, 2022, 3:27 PM IST

श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में पर्यावरण अंसतुलन को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ विवि की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने दीप प्रज्वलित करके किया. इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वैज्ञानिक डॉ जगबीर सिंह ने शिरकत की.

वहीं, इस कार्यक्रम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) के डॉ दीवान सिंह बिष्ट ने मध्य हिमालई क्षेत्रों में एरोसॉल के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के बारे में बताया. वहीं, इस सम्मेलन में कुछ विदेशी शोध छात्रों द्वारा भी अपने व्याख्यान दिए गए. जिसमें डेविड क्लार्क, मास्टर डिग्री इन एनवायरमेंटल मैनेजमेंट, वेस्टर्न कोलोराडो यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तराखंड में किए गए अपने पर्यावरणीय अध्ययन के बारे में बताया. इस सत्र के अंतिम चरण में मीरा गोस्वामी शोध छात्र गुरुकुल कांगड़ी द्वारा भी पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर चर्चा की गई.

पर्यावरण असंतुलन को लेकर सेमिनार का आयोजन.

पढ़ें- अजय भट्ट ने किया आयुर्वेदिक अस्पताल का निरीक्षण, आधी अधूरी तैयारियों पर लगाई फटकार

इस दौरान कुलपति गढ़वाल विवि अनपूर्णा नौटियाल में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होना बहुत जरूरी है. जिस तरह से देशभर में प्रदूषण बढ़ रहा है और आलम ये हो चुका है कि स्कूल तक बंद करने पड़ रहे हैं, तो यह निश्चित रूप से सोचनीय विषय है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए सबको मिलजुल कर कार्य करना होगा. इस तरह के कार्यक्रम समाज को जागरूक करने का काम करते हैं.

श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में पर्यावरण अंसतुलन को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ विवि की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने दीप प्रज्वलित करके किया. इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वैज्ञानिक डॉ जगबीर सिंह ने शिरकत की.

वहीं, इस कार्यक्रम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) के डॉ दीवान सिंह बिष्ट ने मध्य हिमालई क्षेत्रों में एरोसॉल के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के बारे में बताया. वहीं, इस सम्मेलन में कुछ विदेशी शोध छात्रों द्वारा भी अपने व्याख्यान दिए गए. जिसमें डेविड क्लार्क, मास्टर डिग्री इन एनवायरमेंटल मैनेजमेंट, वेस्टर्न कोलोराडो यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तराखंड में किए गए अपने पर्यावरणीय अध्ययन के बारे में बताया. इस सत्र के अंतिम चरण में मीरा गोस्वामी शोध छात्र गुरुकुल कांगड़ी द्वारा भी पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर चर्चा की गई.

पर्यावरण असंतुलन को लेकर सेमिनार का आयोजन.

पढ़ें- अजय भट्ट ने किया आयुर्वेदिक अस्पताल का निरीक्षण, आधी अधूरी तैयारियों पर लगाई फटकार

इस दौरान कुलपति गढ़वाल विवि अनपूर्णा नौटियाल में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होना बहुत जरूरी है. जिस तरह से देशभर में प्रदूषण बढ़ रहा है और आलम ये हो चुका है कि स्कूल तक बंद करने पड़ रहे हैं, तो यह निश्चित रूप से सोचनीय विषय है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए सबको मिलजुल कर कार्य करना होगा. इस तरह के कार्यक्रम समाज को जागरूक करने का काम करते हैं.

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