ETV Bharat / state

कोटद्वारः शासन की लापरवाही की भेंट चढ़ा नलकूप, 10 साल से महज शोपीस बनकर रह गया - कोटद्वार में शोपीस बना नलकूप

पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक में एक नलकूप को बनते-बनते 10 साल बीत चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को आज भी इस नलकूप का लाभ नहीं मिल सका है. यह नलकूप मात्र नदी के किनारे शोपीस बना हुआ है.

tubewell
नलकूप
author img

By

Published : Dec 14, 2019, 3:20 PM IST

कोटद्वारः शासन प्रशासन की बेरुखी के कारण द्वारीखाल ब्लॉक में लंगूरगाड़ नदी के किनारे एक नलकूप को बनते-बनते 10 साल का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी नलकूप का लाभ स्थानीय ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने इस योजना के पूरा न होने का आरोप क्षेत्रीय विधायकों पर लगाया और कहा कि राज्य बनने के बाद से लगातार इस क्षेत्र का नेतृत्व भाजपा विधायकों ने किया, लेकिन आज तक एक छोटी सी योजना को पूरी नहीं करवा सके.

पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक में एक नलकूप को बनते-बनते 10 साल बीत चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को आज भी इस नलकूप का लाभ नहीं मिल सका. वर्तमान में भी यह नलकूप लंगूरगाड़ नदी के किनारे शोपीस बनकर खड़ा है. इस नलकूप के बनने से द्वारीखाल ब्लॉक दुगड्डा ब्लॉक के लगभग एक दर्जन गांवों को पेयजल और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होनी थी, लेकिन शासन और प्रशासन की बेरुखी के कारण यह नलकूप मात्र नदी के किनारे पर शोपीस बनकर खड़ा है.

शोपीस बना नलकूप

स्थिति यह है कि आने वाली बरसात में यह नलकूप का ढांचा लंगूरगाड़ नदी की भेंट चढ़ सकता है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लगातार 20 वर्षों से यहां पर भाजपा विधायकों ने इस क्षेत्र का नेतृत्व किया है, उसके बावजूद नलकूप का कार्य पूरा नहीं हो सका, ऐसे में ग्रामीणों के पास पलायन के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.

ग्रामीण रोशन बड़थ्वाल ने कहा कि वर्ष 2010 और 11 में यह नलकूप स्वीकृत हुआ था. 2015 में इस पर खुदाई और पाइपलाइन का कार्य शुरू हुआ था. लगातार इस पर काम चला. ट्रांसफार्मर लगा, मोटर भी लगी, लेकिन वर्तमान में न तो चालू स्थिति में है और न ही इससे ग्रामीणों को कोई लाभ मिल रहा है. शासन और प्रशासन की लापरवाही के कारण इसके आगे सिंचाई की नाली व पेयजल के लिए पाइपलाइन ओवरहेड टैंक तक नहीं बना.

सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार नलकूप का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि मात्र नदी के किनारे पर नलकूप का ढांचा शोपीस बनकर खड़ा है. ग्रामीणों को इस नलकूप से कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. यह हाल तब है जब भाजपा की लगातार 15 साल विधायक विजय बड़थ्वाल रहीं हैं और वर्तमान में भाजपा की रितु खंडूरी मौजूदा विधायक हैं.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः वन पंचायतों को विकास की दरकार, कब तक बदलेगी तस्वीर?

सरकार एक तरफ पलायन आयोग बना रही है और दूसरी तरफ पहाड़ों की छोटी-छोटी योजनाओं को इस तरह लटका रही है. क्षेत्र की विगत 20 सालों में यह एक मात्र योजना थी, लेकिन सरकार की बेरुखी के कारण वह भी आधे अधूरे में लटकी हुई है.वहीं ग्रामीण सुभाष देवरानी ने बताया कि गांव को तो इससे बहुत फायदा मिलना था. कई गांव इसमें जुड़े थे जैसे दुंदेख, बोंठा, काटल, तुनखेत, सराई, लेकिन इस नलकूप को बनते बनते लगभग 10 साल से अधिक हो गया है, लेकिन आज तक इस नलकूप से ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिली.

कोटद्वारः शासन प्रशासन की बेरुखी के कारण द्वारीखाल ब्लॉक में लंगूरगाड़ नदी के किनारे एक नलकूप को बनते-बनते 10 साल का समय बीत चुका है, लेकिन आज भी नलकूप का लाभ स्थानीय ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने इस योजना के पूरा न होने का आरोप क्षेत्रीय विधायकों पर लगाया और कहा कि राज्य बनने के बाद से लगातार इस क्षेत्र का नेतृत्व भाजपा विधायकों ने किया, लेकिन आज तक एक छोटी सी योजना को पूरी नहीं करवा सके.

पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक में एक नलकूप को बनते-बनते 10 साल बीत चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को आज भी इस नलकूप का लाभ नहीं मिल सका. वर्तमान में भी यह नलकूप लंगूरगाड़ नदी के किनारे शोपीस बनकर खड़ा है. इस नलकूप के बनने से द्वारीखाल ब्लॉक दुगड्डा ब्लॉक के लगभग एक दर्जन गांवों को पेयजल और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होनी थी, लेकिन शासन और प्रशासन की बेरुखी के कारण यह नलकूप मात्र नदी के किनारे पर शोपीस बनकर खड़ा है.

शोपीस बना नलकूप

स्थिति यह है कि आने वाली बरसात में यह नलकूप का ढांचा लंगूरगाड़ नदी की भेंट चढ़ सकता है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लगातार 20 वर्षों से यहां पर भाजपा विधायकों ने इस क्षेत्र का नेतृत्व किया है, उसके बावजूद नलकूप का कार्य पूरा नहीं हो सका, ऐसे में ग्रामीणों के पास पलायन के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.

ग्रामीण रोशन बड़थ्वाल ने कहा कि वर्ष 2010 और 11 में यह नलकूप स्वीकृत हुआ था. 2015 में इस पर खुदाई और पाइपलाइन का कार्य शुरू हुआ था. लगातार इस पर काम चला. ट्रांसफार्मर लगा, मोटर भी लगी, लेकिन वर्तमान में न तो चालू स्थिति में है और न ही इससे ग्रामीणों को कोई लाभ मिल रहा है. शासन और प्रशासन की लापरवाही के कारण इसके आगे सिंचाई की नाली व पेयजल के लिए पाइपलाइन ओवरहेड टैंक तक नहीं बना.

सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार नलकूप का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि मात्र नदी के किनारे पर नलकूप का ढांचा शोपीस बनकर खड़ा है. ग्रामीणों को इस नलकूप से कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. यह हाल तब है जब भाजपा की लगातार 15 साल विधायक विजय बड़थ्वाल रहीं हैं और वर्तमान में भाजपा की रितु खंडूरी मौजूदा विधायक हैं.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः वन पंचायतों को विकास की दरकार, कब तक बदलेगी तस्वीर?

सरकार एक तरफ पलायन आयोग बना रही है और दूसरी तरफ पहाड़ों की छोटी-छोटी योजनाओं को इस तरह लटका रही है. क्षेत्र की विगत 20 सालों में यह एक मात्र योजना थी, लेकिन सरकार की बेरुखी के कारण वह भी आधे अधूरे में लटकी हुई है.वहीं ग्रामीण सुभाष देवरानी ने बताया कि गांव को तो इससे बहुत फायदा मिलना था. कई गांव इसमें जुड़े थे जैसे दुंदेख, बोंठा, काटल, तुनखेत, सराई, लेकिन इस नलकूप को बनते बनते लगभग 10 साल से अधिक हो गया है, लेकिन आज तक इस नलकूप से ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिली.

Intro:summary शासन प्रशासन की बेरुखी के कारण द्वारीखाल ब्लॉक में लंगूरगाड़ नदी के किनारे एक नलकूप को बनते बनते 10 साल का समय बीत चुका हैं, लेकिन आज भी नलकूप का लाभ स्थानीय ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है, ग्रामीणों ने इस योजना का पूरा ना होने का आरोप क्षेत्रीय विधायको पर लगाया, कहा कि राज्य बनने के बाद से लगातार इस छेत्र का नेतृत्व भाजपा विधायकों ने किया, लेकिन आज तक एक छोटी सी योजना को पूर्ण नहीं करवा सके।

intro kotdwar पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक में एक नलकूप को बनते बनते 10 साल बीत चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को आज भी इस नलकूप का लाभ नही मिल सका, वर्तमान में भी यह नलकूप लंगूरगाड़ नदी के किनारे पर शोपीस बनकर खड़ा है, इस नलकूप के बनने से द्वारीखाल ब्लॉक दुगड्डा ब्लॉक के लगभग एक दर्जन गांवों को पेयजल और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होनी थी, लेकिन शासन और प्रशासन की बेरुखी के कारण यह नलकूप मात्र नदी के किनारे पर शोपीस बनकर खड़ा है, स्थिति यह है कि आने वाली बरसात में यह नलकूप का ढांचा लंगूरगाड़ नदी की भेंट चढ़ सकता है, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि लगातार 20 वर्षों से यहां पर भाजपा की विधायको ने इस छेत्र का नेतृत्व किया है, उसके बाबजूद भी नलकूप का कार्य पूरा नहीं हो सका, ऐसे में ग्रामीणों के पास पलायन की अलावा कोई और विकल्प नहीं है।


Body:वीओ1- ग्रामीण रोशन बड़थ्वाल ने कहा कि वर्ष 2010 और 11 में यह नलकूप स्वीकृत हुआ था, 2015 में जाकर इस पर खुदाई और पाइपलाइन का कार्य शुरू हुवा था, लगातार इस पर काम चला, ट्रांसफार्मर लगा, मोटर भी नलकूप पर लगी, लेकिन वर्तमान में ना तो चालू स्थिति में है और ना ही इससे ग्रामीणों को कोई लाभ मिल रहा है,वही नलकूप की दीवार भी नदी की भेंट चढ़ चुकी है, अगली बरसात में इसका यह ढांचा भी यहां पर नजर नहीं आएगा, बताया कि नलकूप लघु सिंचाई के अंतर्गत बन रहा था वक्त पड़ने पर इसका पेयजल और सिंचाई दोनों के लिये उपयोग में इसने आना था, लेकिन शासन और प्रशासन की लापरवाही के कारण इसके आगे सिंचाई की नाली व पेयजल के लिए पाइपलाइन ओवरहेड टैंक तक नहीं बना, जब सूचना के अधिकार में इसकी सूचना मांगी गई तो उसमें जानकारी दी कि कि नलकूप का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि मात्र नदी के किनारे पर नलकूप का ढांचा शोपीस बनकर खड़ा है, ग्रामीणों को इस नलकूप से कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है यह हाल तब है जब भाजपा की लगातार 15 साल विधायक श्रीमती विजय बड़थ्वाल यहां पर विधायक रही है और वर्तमान में भाजपा की विधायक रितु खंडूरी यहां पर मौजूदा विधायक हैं, सरकार एक तरफ पलायन आयोग बना रही है और सरकार पहाड़ों की छोटी-छोटी योजनाओं को इस तरह लटका रही है, क्षेत्र की विगत 20 सालों में यह एक मात्र योजना थी, लेकिन सरकार की बेरुखी के कारण वह भी आधे अधूरे में लटकी हुई है।

बाइट रोशन बड़थ्वाल ग्रामीण


वहीं ग्रामीण सुभाष देवरानी ने बताया कि गांव को तो इससे बहुत फायदा मिलना था कई गांव इस में जुड़े थे जैसे दुंदेख, बोंठा, काटल, तुनखेत, सराई, लेकिन इस नलकूप को बनते बनते लगभग 10 साल से अधिक हो गया है लेकिन आज तक इस नलकूप से ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिली।

बाइट सुभाष देवरानी ग्रामीण


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.