श्रीनगर: धारी देवी की मूर्ति को उसके मूल स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है. मूर्ति स्थापना के बाद मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं. धारी देवी मंदिर के पुजारियों ने कहा धारी देवी मंदिर नदी में 18 पिलरों पर खड़ा है. मंदिर की सुरक्षा के संबंध में अब तक कोई जांच नहीं हुई है. मंदिर ट्रस्ट ने सरकार से इन पिलरों की सुरक्षा संबधी जांच के साथ ही अन्य व्यवस्थाओं की मांग की है.
धारी देवी मंदिर ट्रस्ट के सचिव जगदंबा प्रसाद पाण्डेय ने कहा पूर्व में धारी देवी मंदिर में सीमित संख्या में भक्त आया करते थे. अब भक्तों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हुआ है. जिसके चलते धारी देवी मंदिर की सुरक्षा में दिक्कतें आ रही हैं. पिलरों के चलते बरसात के दिनों में मंदिर में कंपन होता है. मंदिर के लिए जाना वाला रास्ता भी पुल से होकर गुजरता है. उन्होंने धारी देवी मंदिर की सुरक्षा के लेकर बहुत सारे सवाल खड़े किये हैं.
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उन्होंने कहा धारी देवी मंदिर अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है. सामान्य कारीगर मंदिर की टूट फूट को ठीक भी नहीं कर सकता. इस पूरे मंदिर को श्रीनगर जलविद्युत परियोजना द्वारा बनाया गया है. इसलिये मंदिर की मेंटेनेंस कैसे होगा, ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है. भक्तों की संख्या बढ़ने पर मंदिर कितने भक्तों का भार सह सकेगा, इसकी पुख्ता जानकारी भी हमारे पास नहीं है. ऐसे में भक्तों की सुरक्षा को लेकर मंदिर ट्रस्ट चिंतित है. ट्रस्ट ने इस सबंध में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत से बात की है.
मामले को कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने भी गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा वे इस संबंध में श्रीनगर जलविद्युत परियोजना प्रबंधन और प्रशासन से बात करेंगे. साथ ही मंदिर ट्रस्ट से संयुक्त बातचीत कर ट्रस्ट की चिंता को दूर कर लिया जाएगा.