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काश्तकारों के लिए खुशखबरी: पौड़ी में कीवी और सेब की खेती पर जोर, इतने पौधे लगाने का है लक्ष्य - Kiwi cultivation in Pauri

पौड़ी जिले में किसानों के लिए कीवी और सेब की खेती काफी फायदेमंद साबित होगी. महकमा इन दिनों दोनों ही फलदार पौधों के रकबे को बढ़ाने में लगा हुआ है. करीब 57 हजार पौध लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया.

Kiwi and apple cultivation
Kiwi and apple cultivation
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Published : Feb 24, 2022, 11:48 AM IST

Updated : Feb 24, 2022, 11:58 AM IST

पौड़ी: जनपद में काश्तकारों के लिए एक अच्छी खबर है. उद्यान विभाग जनपद के काश्तकारों के लिए कीवी और सेब की खेती से उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने की योजना बना रहा है. विभाग ने इस बार 57 हजार से अधिक कीवी और सेब के पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है.

उद्यान विभाग इन दिनों जिले में दोनों ही फलदार पौधों के रकबे को बढ़ाने में लगा हुआ है. शीतकालीन पौधारोपण में कीवी की पौध को नैनीडांडा ब्लॉक की हाईटेक नर्सरी में तैयार किया गया. जबकि खांड्यूसैण राजकीय उद्यान में सेब की पौध तैयार हो रही है. यहां सेब सहित अन्य प्रजातियों के पौधे तैयार किए जाते हैं. इस उद्यान में पॉली हाउस तकनीक का भी सहारा लिया गया है.

पौड़ी में कीवी और सेब की खेती पर जोर.

पढ़ें: NIT उत्तराखंड की गोल्ड मेडलिस्ट अमिता गिरि का मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट में हुआ चयन, करेंगी रिसर्च

जिला उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी ने बताया कि बीते दो-तीन सालों में उद्यान विभाग ने जिले में सेब और कीवी फसल में इजाफा किया है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार करीब 30 एकड़ क्षेत्र में अकेले सेब तो 40 हेक्टेयर क्षेत्र में कीवी का रकबा बढ़ा है. सेब और कीवी की फसलें काश्तकारों की आर्थिकी को सुधारने का काम करेंगी. उन्होंने बताया कि सेब के लिए जनपद के थलीसैंण, खिर्सू और पाबौ ब्लॉक को चयनित किया गया है. जबकि कीवी को जिले के सभी ब्लॉक में लगाया गया है. मौजूदा समय में कैश क्रॉप के रूप में सेब और कीवी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इन फसलों का रकबा बढ़ाते हुए किसानों को बागवानी से जोड़ने और काश्तकारों को मजबूत करने के मकसद से काम किए गए हैं.

पौड़ी: जनपद में काश्तकारों के लिए एक अच्छी खबर है. उद्यान विभाग जनपद के काश्तकारों के लिए कीवी और सेब की खेती से उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने की योजना बना रहा है. विभाग ने इस बार 57 हजार से अधिक कीवी और सेब के पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है.

उद्यान विभाग इन दिनों जिले में दोनों ही फलदार पौधों के रकबे को बढ़ाने में लगा हुआ है. शीतकालीन पौधारोपण में कीवी की पौध को नैनीडांडा ब्लॉक की हाईटेक नर्सरी में तैयार किया गया. जबकि खांड्यूसैण राजकीय उद्यान में सेब की पौध तैयार हो रही है. यहां सेब सहित अन्य प्रजातियों के पौधे तैयार किए जाते हैं. इस उद्यान में पॉली हाउस तकनीक का भी सहारा लिया गया है.

पौड़ी में कीवी और सेब की खेती पर जोर.

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जिला उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी ने बताया कि बीते दो-तीन सालों में उद्यान विभाग ने जिले में सेब और कीवी फसल में इजाफा किया है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार करीब 30 एकड़ क्षेत्र में अकेले सेब तो 40 हेक्टेयर क्षेत्र में कीवी का रकबा बढ़ा है. सेब और कीवी की फसलें काश्तकारों की आर्थिकी को सुधारने का काम करेंगी. उन्होंने बताया कि सेब के लिए जनपद के थलीसैंण, खिर्सू और पाबौ ब्लॉक को चयनित किया गया है. जबकि कीवी को जिले के सभी ब्लॉक में लगाया गया है. मौजूदा समय में कैश क्रॉप के रूप में सेब और कीवी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इन फसलों का रकबा बढ़ाते हुए किसानों को बागवानी से जोड़ने और काश्तकारों को मजबूत करने के मकसद से काम किए गए हैं.

Last Updated : Feb 24, 2022, 11:58 AM IST
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