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कोटद्वार बेस अस्पताल में 3 कोरोना संदिग्ध भर्ती

कोटद्वार के कलालघाटी स्थित राजकीय बेस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तीन कोरोना के संदिग्ध भर्ती किए गए हैं.

kotdwar base hospital
आइसोलेशन वार्ड
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Published : Apr 19, 2020, 10:04 PM IST

कोटद्वार: राजकीय बेस अस्पताल कलालघाटी के आइसोलेशन सेंटर में कोरोना के तीन संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया गया है. जिनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट आने तक मरीज आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे. वहीं, प्रभारी फार्मेसिस्ट ने आइसोलेशन वार्ड से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के बारे में भी जानकारी दी.

प्रभारी फार्मेसिस्ट राकेश मोहन मिश्रा ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड से निकलने वाले कूड़े को एक डस्टबिन में इकट्ठा किया जाता है. डस्टबिन को बाहर लाकर उसमें ब्लीचिंग का घोल डाला जाता है. जिसके बाद उसे गड्ढे के अंदर डाल दिया जाता है. जिससे उसमें मौजूद कोरोना वायरस के कीटाणु मर जाते हैं.

वेस्टेज का इस तरह से किया जा रहा निस्तारण

ये भी पढ़ेंः कोरोना से ठप पड़ा ट्रैवल व्यवसाय, मैक्सी-टैक्सी यूनियन ने सरकार से की राहत देने की मांग

उन्होंने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में जितने भी मरीज भर्ती हैं. उनके खाने का वेस्टेज, पानी की बोतलें सभी को वार्ड के अंदर रखे डस्टबिन में इकठ्ठा किया जाता है. जब भी कोई डॉक्टर, फार्मेसिस्ट या वार्ड बॉय आइसोलेशन वार्ड में जिस पीपीई किट को पहनकर जांच के लिए जाते हैं, बाहर निकलने के बाद उस किट को भी डस्टबिन में डाल दिया जाता है.

कोटद्वार: राजकीय बेस अस्पताल कलालघाटी के आइसोलेशन सेंटर में कोरोना के तीन संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया गया है. जिनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट आने तक मरीज आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे. वहीं, प्रभारी फार्मेसिस्ट ने आइसोलेशन वार्ड से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के बारे में भी जानकारी दी.

प्रभारी फार्मेसिस्ट राकेश मोहन मिश्रा ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड से निकलने वाले कूड़े को एक डस्टबिन में इकट्ठा किया जाता है. डस्टबिन को बाहर लाकर उसमें ब्लीचिंग का घोल डाला जाता है. जिसके बाद उसे गड्ढे के अंदर डाल दिया जाता है. जिससे उसमें मौजूद कोरोना वायरस के कीटाणु मर जाते हैं.

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उन्होंने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में जितने भी मरीज भर्ती हैं. उनके खाने का वेस्टेज, पानी की बोतलें सभी को वार्ड के अंदर रखे डस्टबिन में इकठ्ठा किया जाता है. जब भी कोई डॉक्टर, फार्मेसिस्ट या वार्ड बॉय आइसोलेशन वार्ड में जिस पीपीई किट को पहनकर जांच के लिए जाते हैं, बाहर निकलने के बाद उस किट को भी डस्टबिन में डाल दिया जाता है.

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