कोटद्वारः नगर निगम का झूला बस्ती स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड इन दिनों धू धू कर जल रहा है. जिसके चलते नगर के आसपास धुआं ही धुआं छाया हुआ है. धुएं से आस-पास के लोगों का जीना दूभर हो गया है. ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लगने से आसपास के क्षेत्र में बढ़ रहे वायु प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है.
इसके अलावा राजकीय स्पोर्ट स्टेडियम में बच्चों का खेलना भी दुश्वार हो गया है. नगर निगम और पर्यावरण बोर्ड के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. अगर यही हाल रहा तो दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड के कोटद्वार में भी भारी वायु प्रदूषण देखने को मिलेगा.
नगर निगम कोटद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए झूला बस्ती में एक ट्रेंचिंग ग्राउंड बनाया गया, लेकिन नगर निगम कूड़े में आग लगा कर पर्यावरण को दूषित करने का काम कर रहा है, जबकि एनजीटी की गाइड लाइन के मुताबिक नगर निगम शहर के आसपास या ट्रेंचिंग ग्राउंड में कूड़े में आग नहीं लगा सकता.
आसपास के लोगों ने इसकी शिकायत कई बार उपजिलाधिकारी, नगर आयुक्त, जिलाधिकारी और पर्यावरण मंत्री से की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. स्थानीय निवासी पुष्कर पवार ने कहा कि नगर निगम द्वारा ट्रेंचिंग ग्राउंड में कूड़े को नष्ट करने के लिए आग लगाई गई है उस से निकलने वाला धुआं आसपास के क्षेत्र कुंभीचौड़ रतनपुर, स्नेह, लालपानी , झूला बस्ती गाड़ी घाट, काशीरामपुर तल्ला के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है.
आग लगने के कारण से जो जहरीला धुआं निकल रहा है, उससे आंखों में मिर्च के समान जलन हो रही है. साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही है. एरिया में धुआं फैलने से कई बीमारियां पैदा होने का खतरा बना हुआ है.
यह भी पढ़ेंः इलाज के लिए विदेश जा रहे प्रकाश पंत, अब मुख्यमंत्री संभालेंगे उनके विभागों की जिम्मेदारी
इसमें नगर निगम की बहुत बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. साथ ही एनजीटी इसके लिए पूरी तरह दोषी है. कई स्थानीय लोगों द्वारा एनजीटी में आपत्ति दर्ज कराई गई थी, लेकिन एनजीटी ने उस पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया.
वहीं उप क्रीड़ा अधिकारी सुदर्शन का कहना है कि ट्रेंचिंग ग्राउंड में आग लगी है जिसके चलते स्टेडियम में स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग ले रहे छात्र छात्राओं को बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि धुएं से दम घुट रहा है. सांस लेने में उन्हें भारी दिक्कतें होती है.
इसकी शिकायत जिलाधिकारी, नगर निगम और पर्यावरण मंत्री से की गई है, लेकिन उस पर अभी तक कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया.