श्रीनगर: ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन से शुरू हुई गंगा पथ यात्रा का समापन संगम स्थल देवप्रयाग में हुआ. यहां पहुंचे 300 गंगा पथ यात्रियों ने गंगा आरती कर पथ यात्रा का समापन किया. यात्रा का उद्वेश्य चारधाम यात्रा के पौराणिक मार्ग को पुनर्जीवित करना है. गंगा पथ यात्रा विभिन्न पड़ावों से होते हुए बंदरचट्टी पहुंची तो यहां यात्रा में शामिल विदेशी यात्रियों का स्थानीय लोगों द्वारा फूल माला डालकर स्वागत किया गया.
विदेशी श्रद्धालु भी हुए शामिल: वहीं इस पैदल गंगा पथ यात्रा में विदेशी यात्रियों के साथ, अन्य श्रद्वालुओं व बच्चों का भी उत्साह देखने लायक था. पौड़ी डीएम डॉ. आशीष चौहान भी यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान यात्रियों ने 19 किमी का पैदल ट्रैक भी किया. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि यात्रियों और पर्यटकों को यहां की संस्कृति और रीति रिवाज से रूबरू कराने के लिए इस मार्ग को फिर से संचालित किया जा रहा है.
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पर्यटन गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा: डीएम ने कहा इस यात्रा पथ के पुनः संचालित होने से यहां के गांवों में फिर से आर्थिकी लौटकर आएगी. जिससे यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. साथ ही पर्यटक प्रकृति के बीच रहकर यात्रा का आनंद उठा सकेंगे. उन्होंने बताया कि भविष्य में देवप्रयाग से आगे श्रीनगर तक भी इस यात्रा पथ को विकसित किया जायेगा. वहीं फिर से पौराणिक चारधाम यात्रा मार्ग को मुख्यधारा में लाने के प्रयास को पर्यटन व्यसाय से जुड़े लोग काफी सराह रहे हैं. साथ ही यात्रियों को भी यह मार्ग खासा पसंद आ रहा है.