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रथुवाढाब में बढ़ा जंगली जानवरों का आतंक, ग्रामीणों ने सरकार से लगाई गुहार

रथुवाढाब क्षेत्र में जंगली जानवरों की धमक बढ़ती जा रही है. ग्रामीण गांव छोड़ने को मजबूर हैं. जंगली जानवर रोजाना ग्रामीणों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

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Published : Feb 15, 2021, 8:48 AM IST

kotdwar
रथुवाढाब क्षेत्र में बढ़ा जंगली जानवरों का आतंक

कोटद्वार: लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र के रथुवाढाब क्षेत्र में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. रोजाना जंगली जानवरों की धमक से लोग काफी परेशान है. जानवर देर रात खेतों में पहुंच कर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हालात ये है कि ग्रामीण इस बात से तंग आकर गांव तक छोड़ने को मजबूर हैं. वहीं कई ग्रामीण गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन भी कर चुके हैं.

रथुवाढाब में बढ़ा जंगली जानवरों का आतंक.

रथुवाढाब क्षेत्र कालागढ़ टाइगर रिजर्व की अदनाला रेंज के अंतर्गत आता है. इस क्षेत्र में जंगली जानवर आए दिन आबादी का रुख करते हैं. जंगली जानवर आसपास के गांव में घुसकर ग्रामीणों की फसल चौपट कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और प्रदेश सरकार को कई बार मामले की गुहार लगाई गई. लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही जंगली जानवरों से उन्हें छुटकारा दिलाकर उनकी फसल को सुरक्षित बचाया जाए.

ये भी पढ़ें: चुनाव न लड़ने वाले बयान पर हरक रावत का 'कभी हां-कभी ना', कहा- मानेंगे हाईकमान का आदेश

वहीं, कुमालडी ग्राम प्रधान हेमा देवी का कहना है कि ग्राम सभा में जंगली जानवरों के दहशत से लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है. कई लोग तो गांव छोड़कर शहर को पलायन कर गए हैं, जो लोग गांव में खेती कर भी रहे हैं, उनकी फसल को जंगली जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने बाड़ भी लगाया, लेकिन जंगली जानवर उसे तोड़कर खेतों में घुस रहे हैं. क्षेत्रीय विधायक दिलीप रावत का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर ग्रामीणों के नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही जन हानि होने पर 10 लाख रुपए का मुवावजा दिया जाए.

ये भी पढ़ें: विकेट के पीछे पंत को लगे 'पंख', सुपर कैच पकड़ कर किया ट्रोलर्स का मुंह बंद

वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनकी ओर से जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को आपदा के नियमों के तहत जोड़ दिया गया है. अब अगर जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान या जनहानि होने पर उसकी भरपाई आपदा के नियमों के तहत की जाएगी. घायल को आपदा के नियमों के तहत मुआवजा मिलेगा. साथ ही फसल का नुकसान भी आपदा के नियमों के तहत ही किया जाएगा. उन्होंने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है.

कोटद्वार: लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र के रथुवाढाब क्षेत्र में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. रोजाना जंगली जानवरों की धमक से लोग काफी परेशान है. जानवर देर रात खेतों में पहुंच कर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हालात ये है कि ग्रामीण इस बात से तंग आकर गांव तक छोड़ने को मजबूर हैं. वहीं कई ग्रामीण गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन भी कर चुके हैं.

रथुवाढाब में बढ़ा जंगली जानवरों का आतंक.

रथुवाढाब क्षेत्र कालागढ़ टाइगर रिजर्व की अदनाला रेंज के अंतर्गत आता है. इस क्षेत्र में जंगली जानवर आए दिन आबादी का रुख करते हैं. जंगली जानवर आसपास के गांव में घुसकर ग्रामीणों की फसल चौपट कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और प्रदेश सरकार को कई बार मामले की गुहार लगाई गई. लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही जंगली जानवरों से उन्हें छुटकारा दिलाकर उनकी फसल को सुरक्षित बचाया जाए.

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वहीं, कुमालडी ग्राम प्रधान हेमा देवी का कहना है कि ग्राम सभा में जंगली जानवरों के दहशत से लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है. कई लोग तो गांव छोड़कर शहर को पलायन कर गए हैं, जो लोग गांव में खेती कर भी रहे हैं, उनकी फसल को जंगली जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने बाड़ भी लगाया, लेकिन जंगली जानवर उसे तोड़कर खेतों में घुस रहे हैं. क्षेत्रीय विधायक दिलीप रावत का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर ग्रामीणों के नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही जन हानि होने पर 10 लाख रुपए का मुवावजा दिया जाए.

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वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनकी ओर से जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को आपदा के नियमों के तहत जोड़ दिया गया है. अब अगर जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान या जनहानि होने पर उसकी भरपाई आपदा के नियमों के तहत की जाएगी. घायल को आपदा के नियमों के तहत मुआवजा मिलेगा. साथ ही फसल का नुकसान भी आपदा के नियमों के तहत ही किया जाएगा. उन्होंने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है.

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