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देवभूमि में सर्दी का कहर जारी, सूर्य देव के दर्शन को तरसे लोग

पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद सर्दी चरम पर है. वहीं, मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का कहर जारी है.

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उत्तराखंड में ठंड का कहर
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Published : Dec 29, 2019, 7:18 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 7:38 AM IST

कोटद्वार/हरिद्वार/लक्सरः उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद सर्दी चरम पर है. नदी नाले जम गए हैं और जगह-जगह पाला पड़ रहा है. वहीं, मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का कहर जारी है. घने कोहरे से दिन भर ठंड से लोग कांपते नजर आ रहे हैं. जबकि, कई जगहों पर लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.

उत्तराखंड में ठंड का कहर.

कोटद्वार
पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसी कड़ी में कोटद्वार नगर निगम की उदासीनता के चलते नगर में अलावा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मामले पर नगर आयुक्त योगेश मेहरा का कहना है कि नगर निगम के 40 वार्डों के अट्ठारह जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. जिससे लोग अलाव सेक सके.

ये भी पढे़ंः पिथौरागढ़ नर्सिंग कॉलेज में शुरू हुई क्लासेज, 32 छात्र-छात्रों ने लिया एडमिशन

वहीं, स्थानीय निवासी जितेंद्र डोबरियाल ने बताया कि नगर क्षेत्र में आवारा पशुओं की तादाद काफी ज्यादा हैं और ठंड से रोजाना दो से तीन मवेशी लगातार मर रहे हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से कहीं पर भी अलावा की व्यवस्था नहीं की गई. लोग खुद ठंड से बचने की व्यवस्था कर रहे हैं. नगर निगम की ओर से पूरे क्षेत्र को उपेक्षित किया जा रहा है.

हरिद्वार
शीतलहर का असर आम जनमानस के साथ जानवरों पर भी पड़ रहा है. ठंड से जानवर बीमार हो रहे हैं. कई जानवर हाइबरनेशन में चले जाते हैं या फिर वे लंबे समय तक सोते रहते हैं. साथ ही ठंड के कारण जानवर अपनी शारीरिक गतिविधियां नहीं कर पाते हैं. जिस कारण से जानवरों की मौत होने की संभावनाएं ज्यादा होती है.

ये भी पढे़ंः विकासनगर: पाले में फिसली कार, अटकी रही यात्रियों की सांसें

वहीं, ठंड का असर जानवरों की प्रजनन पर भी पड़ता है. इस दौरान उनके हार्मोंस में भी बदलाव आता है और वे रिफ्यूज एरिया में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. हरिद्वार वन प्रभागीय अधिकारी आकाश वर्मा की मानें तो इस समय जानवरों की विशेष निगरानी रखनी की जरूरत है.

लक्सर
लक्सर क्षेत्र में बीते 2 दिन से सूरज देवता के दर्शन नहीं हुए हैं. जिससे सर्दी अपने चरम पर है. जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कंप कपाती ठंड में जहां लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. वहीं, काम धंधे भी ठप हो गए हैं. कोहरे की वजह से सड़क पर चलना कठिन हो गया है.

ये भी पढे़ंः मसूरी विंटर कार्निवाल: देश-विदेश के सैलानी देवभूमि की संस्कृति से हुए रूबरू, अव्यवस्थाएं से चढ़ा लोगों का पारा

कोहरे से 20 मीटर की विजिबिलिटी की कम हो गई है. जिससे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में सड़क पर चलना अपनी जान को जोखिम में डालने के बराबर है. हालांकि, बढ़ती ठंड को देखकर हरिद्वार जिलाधिकारी ने स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी है. जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को ठंड से राहत मिलेगी.

कोटद्वार/हरिद्वार/लक्सरः उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद सर्दी चरम पर है. नदी नाले जम गए हैं और जगह-जगह पाला पड़ रहा है. वहीं, मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का कहर जारी है. घने कोहरे से दिन भर ठंड से लोग कांपते नजर आ रहे हैं. जबकि, कई जगहों पर लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.

उत्तराखंड में ठंड का कहर.

कोटद्वार
पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसी कड़ी में कोटद्वार नगर निगम की उदासीनता के चलते नगर में अलावा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मामले पर नगर आयुक्त योगेश मेहरा का कहना है कि नगर निगम के 40 वार्डों के अट्ठारह जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. जिससे लोग अलाव सेक सके.

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वहीं, स्थानीय निवासी जितेंद्र डोबरियाल ने बताया कि नगर क्षेत्र में आवारा पशुओं की तादाद काफी ज्यादा हैं और ठंड से रोजाना दो से तीन मवेशी लगातार मर रहे हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से कहीं पर भी अलावा की व्यवस्था नहीं की गई. लोग खुद ठंड से बचने की व्यवस्था कर रहे हैं. नगर निगम की ओर से पूरे क्षेत्र को उपेक्षित किया जा रहा है.

हरिद्वार
शीतलहर का असर आम जनमानस के साथ जानवरों पर भी पड़ रहा है. ठंड से जानवर बीमार हो रहे हैं. कई जानवर हाइबरनेशन में चले जाते हैं या फिर वे लंबे समय तक सोते रहते हैं. साथ ही ठंड के कारण जानवर अपनी शारीरिक गतिविधियां नहीं कर पाते हैं. जिस कारण से जानवरों की मौत होने की संभावनाएं ज्यादा होती है.

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वहीं, ठंड का असर जानवरों की प्रजनन पर भी पड़ता है. इस दौरान उनके हार्मोंस में भी बदलाव आता है और वे रिफ्यूज एरिया में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. हरिद्वार वन प्रभागीय अधिकारी आकाश वर्मा की मानें तो इस समय जानवरों की विशेष निगरानी रखनी की जरूरत है.

लक्सर
लक्सर क्षेत्र में बीते 2 दिन से सूरज देवता के दर्शन नहीं हुए हैं. जिससे सर्दी अपने चरम पर है. जगह-जगह लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कंप कपाती ठंड में जहां लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. वहीं, काम धंधे भी ठप हो गए हैं. कोहरे की वजह से सड़क पर चलना कठिन हो गया है.

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कोहरे से 20 मीटर की विजिबिलिटी की कम हो गई है. जिससे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में सड़क पर चलना अपनी जान को जोखिम में डालने के बराबर है. हालांकि, बढ़ती ठंड को देखकर हरिद्वार जिलाधिकारी ने स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी है. जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को ठंड से राहत मिलेगी.

Intro:summary कोटद्वार में घने कोहरे के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, कड़ाके की ठंड के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं, वहीं कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में अलावा की व्यवस्था न होने के कारण स्थानीय लोगों में नगर निगम के खिलाफ रोष देखने को मिल रहा है।

intro kotdwar पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, पहाड़ी जिलों में बर्फबारी के चलते व मैदानी इलाकों में घने कोहरे से दिन भर ठंड से लोग कांपते नजर आ रहे हैं,कोटद्वार नगर निगम की उदासीनता के चलते नगर में अलावा की व्यवस्था नहीं की गई, कड़ाके की ठंड ने लोगों को घर में कैद होने पर मजबूर कर दिया। वही नगर आयुक्त योगेश मेहरा ने कहा कि नगर निगम के 40 वार्डों के अंतर्गत अट्ठारह जगह पर अलावा की व्यवस्था की गई है।


Body:वीओ1- स्थानीय निवासी जितेंद्र डोबरियाल का कहना है कि कई वर्षों के बाद इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जो सबसे बड़ी दिक्कत यहां पर है कि नगर क्षेत्र में आवारा पशुओं की तादाद बहुत अधिक है, और ठंड से रोजाना दो से तीन पशु लगातार मर रहे है, नगर निगम की ओर से कहीं पर भी अलावा की व्यवस्था नहीं की गई, लोग स्वयं अपने आप ठंड से बचने की व्यवस्था कर रहे हैं, नगर निगम की ओर से पूरे क्षेत्र को उपेक्षित किया जा रहा है।

बाइट जितेंद्र डोबरियाल स्थानीय निवासी


Conclusion:
Last Updated : Dec 30, 2019, 7:38 AM IST
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