श्रीनगरः पहाड़ के रहवासियों का जीवन हमेशा से ही पहाड़ जैसा ही कठोर होता है. यहां दो वक्त की रोटी की जुगत में लोग रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर (Migration in Uttarakhand) हैं. इसके चलते गांव के गांव खाली हो रहे हैं, लेकिन इन सब के बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो पहाड़ों पर ही रहकर रोजगार सृजत कर खुद तो आत्मनिर्भर हो रहे हैं. साथ ही दूसरों को रोजगार दे रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं सुखदेव पंत. जो श्रीनगर में चार नाली भूमि पर फूलों की खेती कर रहे हैं.
दरअसल, रुद्रप्रयाग जिले के रहने वाले 56 साल के सुखदेव पंत ने श्रीनगर में फूलों की नर्सरी (Flower Farming in Srinagar) खोली है. जहां पर उन्होंने 200 प्रकार के फूल का संसार तैयार किया है. इतना ही नहीं उन्होंने अपने साथ तीन लोगों को रोजगार से भी जोड़ा है. इसके अलावा पंत रुद्रप्रयाग के स्यारी गांव में 2 एकड़ भूमि पर फल उत्पादन कर रहे हैं. सुखदेव पंत बताते हैं कि उन्होंने श्रीनगर के बांसवाड़ा में 200 फूलों का संसार बसाया है. जिन्हें वे अपने गांव में भी उगा रहे हैं. इसके साथ वो अन्य जिलों और राज्यों से भी फूलों के बीज लाकर पौध तैयार कर रहे हैं. जब पौध तैयार हो रही तो उन्हें बेच भी कर रहे हैं. इससे पहले लोगों को फूलों और फलों की पौध के लिए शहरों की तरफ रुख करना पड़ता था, अब श्रीनगर में आसानी मिल रहा है.
फिलहाल, अभी उनके इस प्रयास से थोड़ा बहुत खर्च निकल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे उनका ये व्यवसाय फलने फूलने लगेगा, इससे उनकी अच्छी आय होगी. सुखदेव पंत ने यहां गुड़हल, गुलाब, कामनी, कमेला, गेंदा, पिटूनिया, एडनियंम, पेन चींटियां, एंटोनिया, हर्ब्स, बोनसाई संतरे लगाए हैं. इसके अलावा अपने गांव स्यारी में 4 एकड़ की भूमि पर कीवी, माल्टा, कागजी नींबू, लेमन ग्रास, रोजमेरी, कॉफी, पुलम, आड़ू, खुमानी और मशरूम की खेती कर रहे हैं.
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वहीं, सुखदेव पंत (Sukhdev Pant Did Flower Farming) के इस प्रयास की स्थानीय लोग भी जमकर सराहना कर रहे हैं. स्थानीय निवासी संदीप थपलियाल और धनवीर बिष्ट बताते हैं कि 56 साल की उम्र में खेती बाड़ी करना आसान नहीं होता, लेकिन सुखदेव पंत का ये प्रयास सराहनीय है. इससे उनको रोजगार भी मिल रहा है. साथ में कुछ लोगों को भी रोजगार से जोड़ रहे हैं. ये रियल में लोगों के प्रेरणा स्रोत हैं. उनसे बेरोजगार युवाओं (Employment to youth in Uttarakhand) को बहुत कुछ सीखने को मिलता है.