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बार काउंसिल में 9 साल से HNB विश्वविद्यालय ने नहीं जमा किया शुल्क, अधर में छात्रों का भविष्य

एचएनबी विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर के छात्रों ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा नहीं करने के मामले को लेकर परिसर निदेशक से इस समस्या का समाधान की मांग की है.

एचएनबी विश्वविद्यालय के छात्रों ने निदेशक से की समस्या के समाधान की मांग.
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Published : Oct 30, 2019, 11:17 PM IST

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय ने विधि की कक्षाओं के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा नहीं किया था. जिससे पौड़ी और टिहरी के विधि विभाग के छात्रों का भविष्य खतरे में है. ऐसे में पौड़ी परिसर के छात्रों ने परिसर निदेशक से जल्द ही इस समस्या का समाधान करने की मांग की है. वहीं, पौड़ी परिसर के निदेशक आरएस नेगी ने कहा कि जल्द ही इस मामले का समाधान कर लिया जाएगा.

एचएनबी विश्वविद्यालय के छात्रों ने निदेशक से की समस्या के समाधान की मांग.

दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से हर साल बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा किया जाता है, लेकिन एचएनबी विश्वविद्यालय ने साल 2010 के बाद से शुल्क जमा नहीं किया है. जिस कारण विश्वविद्यालय के पास विधि के कक्षाओं के संचालन की अनुमति नहीं है.

पढ़ें: किसी से साझा न करें अपने पीएफ की जानकारी, EPFO ने किया अलर्ट जारी

पौड़ी परिसर के विधि विभाग के छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही छात्रों ने जल्द ही इस समस्या के समाधान की मांग की है. वहीं, जब इस मामले में रजिस्ट्रार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी ही नहीं है. जिस पर छात्रों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी ऐसे व्यक्तियों के हाथों में सौंपी गई है जिन्हें विभागों की जानकारी तक नहीं है.

वहीं, पौड़ी परिसर के निदेशक आरएस नेगी ने कहा कि बकाया शुल्क जमा कर दिया गया है. अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एक टीम दोनों परिसर का निरीक्षण करेगी. जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा, जोकि सभी को मान्य होगा.

पौड़ी: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय ने विधि की कक्षाओं के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा नहीं किया था. जिससे पौड़ी और टिहरी के विधि विभाग के छात्रों का भविष्य खतरे में है. ऐसे में पौड़ी परिसर के छात्रों ने परिसर निदेशक से जल्द ही इस समस्या का समाधान करने की मांग की है. वहीं, पौड़ी परिसर के निदेशक आरएस नेगी ने कहा कि जल्द ही इस मामले का समाधान कर लिया जाएगा.

एचएनबी विश्वविद्यालय के छात्रों ने निदेशक से की समस्या के समाधान की मांग.

दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से हर साल बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा किया जाता है, लेकिन एचएनबी विश्वविद्यालय ने साल 2010 के बाद से शुल्क जमा नहीं किया है. जिस कारण विश्वविद्यालय के पास विधि के कक्षाओं के संचालन की अनुमति नहीं है.

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पौड़ी परिसर के विधि विभाग के छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही छात्रों ने जल्द ही इस समस्या के समाधान की मांग की है. वहीं, जब इस मामले में रजिस्ट्रार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी ही नहीं है. जिस पर छात्रों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी ऐसे व्यक्तियों के हाथों में सौंपी गई है जिन्हें विभागों की जानकारी तक नहीं है.

वहीं, पौड़ी परिसर के निदेशक आरएस नेगी ने कहा कि बकाया शुल्क जमा कर दिया गया है. अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एक टीम दोनों परिसर का निरीक्षण करेगी. जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा, जोकि सभी को मान्य होगा.

Intro:हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल (केंद्रीय )विश्वविद्यालय की ओर से बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा न करने पर अब पौड़ी और टिहरी के विधि विभाग के छात्रों का भविष्य खतरे में दिखाई देने लगा है। जिसके बाद पौड़ी परिसर के छात्रों ने परिसर निर्देशक से गुजारिश कर जल्द इस समस्या का समाधान निकालने की मांग की है। दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से हर साल बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा किया जाता है लेकिन साल 2010 के बाद से शुल्क जमा नहीं किया गया जिसको देखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया से संबंद्ध नहीं है
पौड़ी परिसर के पूर्व छात्र की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दर्ज करने के बाद यह मामला प्रकाश में आया जिसके बाद पूरे विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है। वही परिसर निदेशक की ओर से बताया गया है कि जल्द ही मामले का समाधान किया जाएगा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एक टीम पौड़ी और टिहरी कैंपस के निरीक्षण के लिए पहुंचेगी।


Body:विधि विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र मोहित सिंह ने बताया कि विधि संकाय को चलाने के लिए हर साल बार काउंसिल आफ इंडिया को शुल्क जमा करवाना होता है। शुल्क जमा करवाने के बाद ही कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी जाती है। लेकिन विश्विद्यालय की ओर से साल 2010 के बाद शुल्क जमा नही किया गया जिससे की पूर्व छात्र का बार काउंसिल ऑफ इंडिया में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। विश्वविद्यालय की गलतियों का खामियाजा मासूम छात्रों को भुगतना पड़ रहा है वहीं जब रजिस्ट्रार से इस मामले में वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी ही नहीं है जिस पर छात्रों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी ऐसे व्यक्तियों के हाथ पर सौंपी गई है जिन्हें विभागों की जानकारी तक नहीं है जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ना स्वाभाविक है।
बाईट-मोहित सिंह(छात्र)


Conclusion:एलएलएम के छात्र मयूर ने बताया कि साल 2010 के बाद विश्वविद्यालय की ओर से बार काउंसिल ऑफ इंडिया को शुल्क जमा नहीं किया गया जिसका खामियाजा दिल्ली हाइकोर्ट में रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को भुगतना पड़ रहा है वही उत्तराखंड में छात्रों का रजिस्ट्रेशन आसानी से हो रहा है। जिससे सभी के भविष्य पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। पौड़ी के परिसर निदेशक आर.एस नेगी ने बताया कि जल्द ही इस मामले का समाधान कर लिया जाएगा और जो शुल्क बकाया था उसे जमा कर लिया गया है आने वाले समय में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की एक टीम दोनों परिसर का निरीक्षण करेंगी और उनका जो अंतिम फैसला होगा वह सभी को मान्य होगा।
बाईट-मयूर भट्ट(छात्र एलएलएम)
बाईट-आर.एस नेगी(परिसर निदेशक)
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