श्रीनगर: कोरोना का काला साया अभी तक श्रीनगर रोडवेज बस डिपो पर ग्रहण की तरह लगा हुआ है. अनलॉक लगने के बाद भी रोडवेज बस डिपो को 60 से 70 हजार का घाटा रोज उठाना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि घाटे के चलते 4 माह से कर्मियों को वेतन तक नहीं मिल पाया है. कोरेना काल से पूर्व पर्वतीय क्षेत्र में कमाई के मामले में अव्वल रहने वाले श्रीनगर रोडवेज डिपो की हालत अभी तक नहीं सुधर पाई है.
फेस्टिवल सीजन के बावजूद भी दिल्ली से श्रीनगर के लिए डिपो की बसों को सड़कों की धूल फांकनी पड़ रही है. हर रोज डेढ़ लाख से 2 लाख की कमाई करने वाला बस डिपो आज 50 प्रतिशत लोन में चल रहा है. श्रीनगर डिपो की बसें कोटद्वार, दिल्ली, देहरादून के लिए संचालित की जा रही हैं. हालत ये रही कि जून से सितंबर महीने में किराया बढ़ाने के बाद भी डिपो को मुनाफा तो छोड़िए उनकी रोज की आमदनी भी वसूल नहीं हो सकी.
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श्रीनगर बस डिपो के लेखाकार अशोक काला ने बताया कि डिपो को हर रोज 50 प्रतिशत घाटा उठाना पड़ रहा है. फेस्टिवल होने के बाद भी दीपावली सीजन में बसों को सवारियां नहीं मिल सकीं. उन्होंने बताया कि कोरोना से पहले कभी 2 लाख की प्रतिदिन इनकम करने वाला डिपो आज 60 से 70 हजार की इनकम में ठहर गया है.