श्रीनगरः विशेषज्ञ डॉक्टरों का अभाव हमेशा इस पहाड़ी प्रदेश की जनता पर भारी पड़ता रहा है, लेकिन अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी कुछ हद तक दूर होने की उम्मीद है. जी हां, अब मरीजों को न्यूरो संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए देहरादून, ऋषिकेश समेत अन्य अस्पतालों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा. जल्द ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में न्यूरोसर्जन (Srinagar Medical College Neurosurgeon) मिलने जा रहा है.
बता दें कि उत्तराखंड राज्य को गठन हुए 22 साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी भी प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं नहीं सुधर पाई है. आलम तो ये है कि पहाड़ के सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही संसाधन, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. जो अस्पताल भी हैं, वो महज रेफर सेंटर ही बनकर रह गए हैं. लाख कोशिश के बावजूद भी सरकार डॉक्टरों की तैनाती पर्वतीय अंचलों में नहीं कर पा रही है. जिससे लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. हालांकि, अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी झेल रहे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं सुधारी जा रही है.
दरअसल, न्यूरो सर्जरी विभाग में जयपुर के प्रसिद्ध सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज (Sawai Man Singh Medical College Jaipur) के न्यूरो सर्जन डॉ राधे श्याम मित्तल अपनी नियुक्ति देंगे. इसके अलावा प्लास्टिक सर्जरी विभाग (Plastic Surgery Department) में प्लास्टिक सर्जन मनोहर निशंक ने अपनी नियुक्ति दे दी है. वो आज से ही ओपीडी का कार्य देख रहे हैं. जबकि, गायनी विभाग में एक नई असिस्टेंट प्रोफेसर समेत एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मिलने जा रहे हैं, जो जल्द अपने विभाग में नियुक्ति लेंगी. ऐसे में माना जा रहा है कि चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी जिले से आने वाले मरीजों को लाभ मिल सकेगा.
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वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान से संबद्ध हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय बेस टीचिंग चिकित्सालय श्रीनगर (Srinagar Medical College) के एमएस प्रोफेसर रविंद्र बिष्ट ने बताया कि नए डॉक्टरों के मिलने के बाद सर्जरी विभाग के लिए 10 बेड का नया आईसीयू बना दिया गया है. जिसमे 8 बेड जर्नल सर्जरी के होंगे, जबकि दो प्राइवेट वार्ड है. इन्हें अत्याधुनिक बनाया गया है. उन्होंने बताया कि सीटी स्कैन विभाग को भी अपडेट किया गया है. अब अस्पताल में कंट्रास्ट सीटी स्कैन भी हो सकेंगे. इसके लिए तकनीशियनों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
श्रीनगर बेस अस्पताल की लचर व्यवस्था से मरीज परेशानः श्रीनगर मेडिकल कॉलेज यानी बेस अस्पताल (Base Hospital Srinagar) की लचर व्यवस्था से परेशान मरीज खुद ही डिस्चार्ज करवा रहे हैं. ताजा मामला पौड़ी से आए एक परिवार का है. जिन्होंने मरीज को अस्पताल में इलाज कराने की बजाय वापस ले जाने में ही अपनी भलाई नजर आई.
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दरअसल, पौड़ी के रहने वाले श्रीकांत अपनी 65 वर्षीय मां को लेकर बेस अस्पताल आए थे. उनकी मां को डायलिसिस कराने की जरूरत थी, जब वे यहां पहुचे तो उन्हें अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती करवा दिया गया. श्रीकांत का आरोप है कि उनके साथ यहां अच्छा बर्ताव नहीं किया गया. पहले तो उन्हें ब्लड के लिए घुमाया गया, फिर भी ब्लड नहीं मिला डोनर उपलब्ध करवाया गया.
वहीं, उनका आरोप है कि बल्ड समेत अन्य टेस्ट करवाए गए, लेकिन टेस्ट रिपोर्ट में उनकी मां के नाम की जगह दूसरे का नाम लिख दिया गया. जिसके चलते वो अपनी मां की रिपोर्ट दिनभर खोजते रहे, मजबूरन उन्हें अपनी मां को देहरादून ले जाना पड़ा. उधर, बेस अस्पताल के एमएस आरएस बिष्ट ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में मरीज को सभी सुविधाए दी जा रही थी. मरीज को डायलिसिस के लिए ब्लड चढ़ाया जाना था.
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