पौड़ीः न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीनगर चंद्रेश्वरी सिंह की कोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को तीन साल के कारावास की सजा सुनाने के साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. पीड़ित के अधिवक्ता सुधीर उनियाल ने बताया कि बैंक खातों से सबंधित आईडी और दस्तावेजों में हेराफेरी के मामले में श्रीकोट निवासी बृजमोहन भंडारी ने 25 सितंबर 2017 को कोतवाली श्रीनगर में तहरीर दी थी.
पुलिस को दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा कि उनके पुत्र ओम प्रकाश भंडारी के नाम पर कराई गई मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में 9 लाख 50 हजार रुपये जमा किए गए थे. पॉलिसी की मैच्योरिटी के सबंध में अप्रैल 2017 में सतीश कुमार द्वारा मोबाइल पर बताया गया कि मैं मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कंपनी से बोल रहा हूं और आपकी पॉलिसी की मैच्योरिटी 80 लाख रुपए हो गई है.
सुबोध उनियाल के अनुसार इसके बाद सतीश कुमार द्वारा कहा गया कि इसके लिए आपको फाइल प्रोसेस की कुछ फीस जमा करनी होगी. इसके बाद उन्हें अलग-अलग बैंकों के माध्यम से खाते में रुपये जमा कराने के लिए कहा गया. पहली बार में पीड़ित से 2 लाख 40 हजार 353 रुपए जमा करने के लिए कहा गया. इसके बाद और रकम मांगी जाने लगी. कुछ रकम जमा करने के बाद आरोपी का फोन ऑफ हो गया जिसके बाद उन्हें धोखाधड़ी का पता चला.
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वहीं, जांच के बाद पुलिस ने आरोपी रंजीत कुमार गुप्ता उर्फ महेश कुमार उर्फ मनोज कुमार के खिलाफ आईपीसी 420, 467, 468, 471 धाराओं में मामला दर्ज किया. वहीं, बुधवार को कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए आरोपी रंजीत कुमार गुप्ता को 3 साल की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया. अर्थदंड अदा न करने की दशा में अभियुक्त को तीन माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा और भुगतनी होगी. इससे पहले अभियुक्त एक साल 10 महीने 27 दिन जेल में काट चुका है.