श्रीनगर: पिछले 13 सालों से कुमाऊं को गढ़वाल से जोड़ने वाले पुल का निर्माण अधर में लटका हुआ है. 2018 में सिंगटाली पुल से जुड़ने वाले मार्ग का निर्माण तो किया जा चुका है, लेकिन मार्ग को कौड़ियाला से जोड़ने के लिए अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है.
कुमाऊं से गढ़वाल को जोड़ेगा ये पुल: वर्ल्ड बैंक के आपदा मद से बन रहे इस पुल और मार्ग निर्माण के लिए 157 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित था. जिसमें मार्ग का निर्माण तो हो चुका है, लेकिन पुल अभी तक नहीं बन पाया है. अगर सिंगटाली पुल निर्माण हो जाता है तो सतपुली, रामनगर, बैजरो और कुमाऊं जाने वाले लोगों को हरिद्वार, कोटद्वार का रुख नहीं करना पड़ेगा.
कंसल्टेंसी एजेंसी वे जगह किया चयनित: इस पुल के निर्माण से लोग सीधे ऋषिकेश से कौड़ियाला होते हुए अपने गंतव्यों तक पहुंच सकते हैं. साथ ही सतपुली, बैजरो, रामनगर और ऋषिकेश मंडी भी इस मार्ग से जुड़ सकती थी. लोक निर्माण की माने तो पुल निर्माण के लिए कुल 6 जगहें देखी गयी हैं. जिसमें से कंसल्टेंसी एजेंसी ने एक जगह चयनित की है, जो कौडियाला बाजार से एक किलोमीटर आगे ऋषिकेष की तरफ है.
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विभाग से शासन को प्रस्ताव भेजा: विभाग ने इसका पूरा खाका शासन को भेज दिया है. जैसे ही शासन से चीजें क्लियर होती हैं. पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. इस पुल निर्माण का कार्य पूर्व में एडीबी खंड पौड़ी के पास था, जिसे बाद में श्रीनगर लोक निर्माण विभाग को दे दिया गया.
पुल की लंबाई में बढ़ोत्तरी: लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आरपी नैथानी ने कहा पुल निर्माण की डिजाइन का काम किया जा रहा है, पूर्व में इस पुल को 250 मीटर बनाया जाना था, जो अब बढ़कर 290 मीटर हो गया है. 40 मीटर की बढ़ोतरी की गई है. पुल निर्माण के लिए 6 जगहों में से एक जगह का चयन कर लिया गया है. पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी है. जैसे ही शासन से संतुति मिलती है, पुल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
पुल का निर्माण का इतिहास: जनपद टिहरी गढ़वाल के कौड़ियाला और जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड को जोड़ने वाले इस पुल के निर्माण का शासनादेश तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की सरकार में हुआ था. 30 अगस्त 2006 को कौड़ियाला ब्यास घाट मोटर मार्ग और सिंगटाली मोटर पुल निर्माण के लिए 1579.80 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई थी. उसके बाद वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने इस योजना का भूमि पूजन किया था.