कोटद्वार: पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण कोटद्वार और उसके सीमा से लगे पर्वतीय क्षेत्रों में सुखरो नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिससे नदी की सुरक्षा दीवार टूटने से नदी रुख सिम्मचौड़ गांव की ओर हो गया है. जिससे 1हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं. 8 अगस्त रात को नदी पर बना सुरक्षा दीवार टूटने से सिम्मचौड़ गांव में जलभराव हो गया.
स्थानीय लोगों ने बताया 12 जुलाई को उपजिलाधिकारी कोटद्वार व लैंसडौन वन प्रभाग प्रभागीय वनाधिकारी को ज्ञापन देकर सुरक्षा दीवार निर्माण करने के बारे में अवगतकरवाया गया. 13 जुलाई की रात भारी बारिश में सुखरो नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरक्षा फिर टूटने से 40-50 घरों में नदी का पानी भर गया. 13 जुलाई को स्थानीय लोगों ने उपजिलाधिकारी कोटद्वार को ज्ञापन प्रेषित कर सुखरो नदी से बने खतरे से सुरक्षा की मांग की. सिम्मचौड़ निवासियों ने तहसील परिसर पहुंचकर उप जिलाधिकारी कोटद्वार का घेराव किया. साथ ही जल्द सिम्मचौड़ गांव को बचाने की मांग की.
पढ़ें- उत्तराखंड में दरक रहे पहाड़, आज तक तैयार नहीं हुआ ट्रीटमेंट प्लान, हर साल खर्च होते हैं करोड़ों रुपए
सुखरो नदी बनी सुरक्षा दीवार टुटने से सिम्मचौड़ वार्ड नंबर -22 में 1 हजार मकानों के कोटद्वार न्यायालय सम्भागीय परिवहन कार्यालय पुलिस क्षेत्राधिकारी निवास व अपर पुलिस अधीक्षक निवास भी खतरे की जद में है. 13 जुलाई व 8 अगस्त की रात भारी बारिश से सुखरो नदी पर बनी सुरक्षा दीवार पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गई है. सुखरो नदी पर बनी सुरक्षा दीवार टूटने से नदी जलस्तर नदी के समीप निवास करें घरों का खतरा बना हुआ है. सिम्मचौड़ निवासियों ने उपजिलाधिकारी कोटद्वार सिम्मचौड़ सुरक्षा की गुहार लगाई है. उपजिलाधिकारी कोटद्वार तत्काल सुखरो नदी में एक जेसीबी मशीन की मदद से नदी के जलस्तर को परिवर्तित करने के लिए गांव वालों मांग स्वीकार कर दी है.