पौड़ी: होली के त्योहार में रंगों का अपना अलग ही महत्व होता है. अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर होली के त्योहार को मनाया जाता है. वहीं होली के ये रंग कई तरह के कैमिकल से बनाया जाता है. जिसका लोगों की त्वचा और आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वरिष्ठ ऑप्टोमेट्रिक निर्पेस तिवारी ने बताया कि होली के वक्त पिचकारी या गुब्बारे से मनुष्य के आंखों में रंग जा सकता है. जिसके चलते उनकी आखों की रोशनी भी जा सकती है.
वरिष्ठ ऑप्टोमेट्रिक निर्पेस तिवारी ने बताया कि होली के समय त्वचा और आंखों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि होली के रंग कैमिकल से बने होते हैं. जिसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की आंखों में रंग चला भी जाता है तो वे जल्द ही पास के अस्पताल पर जाकर अपनी आंखों का उपचार कराएं. लापरवाही बरतना आंखों की रोशनी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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वहीं, स्कूली बच्चों का भी कहना था कि कैमिकल से बने रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. जोकि उनकी त्वचा और आंखों के लिए काफी हानिकारक होता है. हमें सामान्य रंगो का ही प्रयोग करना चाहिए जिसमें कैमिकल न हो या केमिकल की मात्रा कम हो. ताकि होली के इस त्योहार पर किसी के साथ अप्रिय घटना न हो.