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होली पर डॉक्टरों की ये सलाह जरूर आएगी आपके काम

होली के त्योहार में रंगों का अपना अलग ही महत्व होता है. अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर होली के त्योहार को मनाया जाता है. वहीं होली के ये रंग कई तरह के कैमिकल से बनाया जाता है.

होली पर डॉक्टरों की सलाह.
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Published : Mar 19, 2019, 12:06 AM IST

पौड़ी: होली के त्योहार में रंगों का अपना अलग ही महत्व होता है. अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर होली के त्योहार को मनाया जाता है. वहीं होली के ये रंग कई तरह के कैमिकल से बनाया जाता है. जिसका लोगों की त्वचा और आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वरिष्ठ ऑप्टोमेट्रिक निर्पेस तिवारी ने बताया कि होली के वक्त पिचकारी या गुब्बारे से मनुष्य के आंखों में रंग जा सकता है. जिसके चलते उनकी आखों की रोशनी भी जा सकती है.

होली पर डॉक्टरों की सलाह.

वरिष्ठ ऑप्टोमेट्रिक निर्पेस तिवारी ने बताया कि होली के समय त्वचा और आंखों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि होली के रंग कैमिकल से बने होते हैं. जिसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की आंखों में रंग चला भी जाता है तो वे जल्द ही पास के अस्पताल पर जाकर अपनी आंखों का उपचार कराएं. लापरवाही बरतना आंखों की रोशनी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

पढ़ें:कैंसर से मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद बाबा रामदेव की अपील

वहीं, स्कूली बच्चों का भी कहना था कि कैमिकल से बने रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. जोकि उनकी त्वचा और आंखों के लिए काफी हानिकारक होता है. हमें सामान्य रंगो का ही प्रयोग करना चाहिए जिसमें कैमिकल न हो या केमिकल की मात्रा कम हो. ताकि होली के इस त्योहार पर किसी के साथ अप्रिय घटना न हो.

पौड़ी: होली के त्योहार में रंगों का अपना अलग ही महत्व होता है. अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर होली के त्योहार को मनाया जाता है. वहीं होली के ये रंग कई तरह के कैमिकल से बनाया जाता है. जिसका लोगों की त्वचा और आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वरिष्ठ ऑप्टोमेट्रिक निर्पेस तिवारी ने बताया कि होली के वक्त पिचकारी या गुब्बारे से मनुष्य के आंखों में रंग जा सकता है. जिसके चलते उनकी आखों की रोशनी भी जा सकती है.

होली पर डॉक्टरों की सलाह.

वरिष्ठ ऑप्टोमेट्रिक निर्पेस तिवारी ने बताया कि होली के समय त्वचा और आंखों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि होली के रंग कैमिकल से बने होते हैं. जिसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की आंखों में रंग चला भी जाता है तो वे जल्द ही पास के अस्पताल पर जाकर अपनी आंखों का उपचार कराएं. लापरवाही बरतना आंखों की रोशनी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

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वहीं, स्कूली बच्चों का भी कहना था कि कैमिकल से बने रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. जोकि उनकी त्वचा और आंखों के लिए काफी हानिकारक होता है. हमें सामान्य रंगो का ही प्रयोग करना चाहिए जिसमें कैमिकल न हो या केमिकल की मात्रा कम हो. ताकि होली के इस त्योहार पर किसी के साथ अप्रिय घटना न हो.

Intro:होली का त्योहार खुशियों का त्योहार है और इस त्योहार में रंगों की अपनी ही महत्वता है। अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर होली के त्योहार को मनाया जाता है और इस होली के त्योहार में विशेष रूप से रंगो का ध्यान भी रखना चाहिए ताकि खुशी के इस त्यौहार में किसी के साथ कोई घटना ना हो जाए। होली के त्योहार में आज के समय में अलग-अलग प्रकार के रंगों का प्रयोग किया जाता है जो कि भिन्न भिन्न प्रकार के केमिकलों से बनाए जाते हैं विशेष रुप से आंखों और त्वचा पर इसका सबसे बुरा असर पड़ता है इसलिए आने वाली होली पर सभी लोगों को केमिकल भरे रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए साथी शरीर के महत्वपूर्ण अंग आंख को भी इन रंगों से बचाना चाहिए।


Body:होली के त्यौहार में देखा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे पर भिन्न भिन्न प्रकार के रंगों का प्रयोग करते हैं खुशी के इस त्योहार में सभी को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि जिन रंगों का प्रयोग कर रहे हैं उनमें केमिकल की मात्रा ना हो इस केमिकल से बने रंगों से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। हम देखते हैं कि खेल खेल में व्यक्ति की आंखों में होली का रंग चला जाता है जिससे कि उसकी आंखों पर बहुत बुरा असर पड़ता है उसकी आंखें कमजोर होने के साथ त्वचा भी खराब हो सकती है। स्कूल की छात्राएं बताती हैं कि केमिकल से बने रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए जो कि उनकी त्वचा और आंखों के लिए काफी हानिकारक होता है। हम सामान्य रंगो का ही प्रयोग करें जिनमें केमिकल की मात्रा ना हो ताकि होली के इस त्यौहार को खुशियों के साथ मनाया जा सके।


Conclusion:वरिष्ठ ओपट्रोमेट्रिक निर्पेस तिवारी ने बताया कि होली के समय विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि मनुष्य के शरीर का मुख्य अंग आंख जिसकी मदद से इस खूबसूरत दुनिया को देखा जाता है उसका विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। होली के त्योहार में पिचकारी हो या गुब्बारे इसका प्रयोग मनुष्य के शरीर पर करें आंखों पर नहीं। केमिकल से भरे रंगों का प्रयोग ना ही करें तो बेहतर होगा केमिकल से बने रंगों से मनुष्य की आंखों और त्वचा को काफी नुकसान होता है उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की आंखों में यह होली का रंग चला भी जाता है तो वह जल्द ही समीप वाले अस्पताल पर जाकर अपनी आंखों का उपचार कराएं यदि इस घटना में लापरवाही बरती जाती है तो आने वाले समय में यह आंखों की रोशनी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
बाईट- निर्पेस तिवारी(वरिष्ठ ओपट्रोमेट्रिक ज़िला अस्पताल पौड़ी)
बाईट-मोनिका
बाईट- शीतल
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