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10 सालों से व्यापारियों को करना पड़ रहा परेशानियों का सामना, नगर निगम ने दिया आश्वासन

कोटद्वार के मोटर नगर में 2008 में पूर्व नगर पालिका द्वारा व्यापारियों को दुकान तो आवंटन कर दी गई. लेकिन दुकानदारों को अबतक सुविधा नहीं दी गई है. जिस कारण वहां कार्य कर रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मोटर नगर कोटद्वार
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Published : Aug 31, 2019, 8:04 AM IST

कोटद्वार: 2008 में नगर पालिका द्वारा शहर के मोटर नगर में 26 दुकानों का आवंटन किया था. उस दौरान पटेल मार्ग स्थित गैरेज वालों को मोटर नगर शिफ्ट कर दिया था. लेकिन नगर निगम अबतक वहां पर शौचालय, पानी, पार्किंग, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पाया है. जबकी नगर निगम द्वारा उनसे सुविधा शुल्क लगातार लिया जा रहा है.

खस्ता हाल में कोटद्वार का मोटर नगर

वहीं दुकानदार महेंद्र सिंह का कहना है कि 2008 में यह दुकानें आवंटित हुई थी. जिसके बाद से ही शिकायतों का सिलसिला जारी है. लेकिन आज तक उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई. वे कहते हैं कि सड़कों के बहुत बुरे हाल हैं. इस मार्केट में ना तो पीने के पानी की सुविधा है और ना ही शौचालय की. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान तो नगर निगम के कागजों में ही चल रहा है. वहीं सभी लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं.

पढे़ं- सहारा लोगों का 'सहारा' बनेगी पुलिस, घर-घर जाकर निकालेगी समस्याओं का हल

गैराज स्वामी सोहन सिंह नेगी का कहना है कि इस मार्केट में कोई भी सुविधा नहीं है. बस किराया और सुविधा शुल्क वसूलने के लिए नगर निगम के कर्मचारी आते हैं. यहां बनी अवैध पार्किंग पर हर समय आपसी टकराव का माहौल बना रहता है. जिस कारण उन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं सहायक नगर आयुक्त राजेश नैथानी का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. उन्होंने कहा कि वहां पर शौचालय नहीं है, जिसके बाद अब वहां स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनाए जाने का कार्य चल रहा है. साथ ही अवैध पार्किंग के संबंध में पुलिस को लिखित सूचना दे दी गई है.

कोटद्वार: 2008 में नगर पालिका द्वारा शहर के मोटर नगर में 26 दुकानों का आवंटन किया था. उस दौरान पटेल मार्ग स्थित गैरेज वालों को मोटर नगर शिफ्ट कर दिया था. लेकिन नगर निगम अबतक वहां पर शौचालय, पानी, पार्किंग, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दे पाया है. जबकी नगर निगम द्वारा उनसे सुविधा शुल्क लगातार लिया जा रहा है.

खस्ता हाल में कोटद्वार का मोटर नगर

वहीं दुकानदार महेंद्र सिंह का कहना है कि 2008 में यह दुकानें आवंटित हुई थी. जिसके बाद से ही शिकायतों का सिलसिला जारी है. लेकिन आज तक उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई. वे कहते हैं कि सड़कों के बहुत बुरे हाल हैं. इस मार्केट में ना तो पीने के पानी की सुविधा है और ना ही शौचालय की. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान तो नगर निगम के कागजों में ही चल रहा है. वहीं सभी लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं.

पढे़ं- सहारा लोगों का 'सहारा' बनेगी पुलिस, घर-घर जाकर निकालेगी समस्याओं का हल

गैराज स्वामी सोहन सिंह नेगी का कहना है कि इस मार्केट में कोई भी सुविधा नहीं है. बस किराया और सुविधा शुल्क वसूलने के लिए नगर निगम के कर्मचारी आते हैं. यहां बनी अवैध पार्किंग पर हर समय आपसी टकराव का माहौल बना रहता है. जिस कारण उन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं सहायक नगर आयुक्त राजेश नैथानी का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. उन्होंने कहा कि वहां पर शौचालय नहीं है, जिसके बाद अब वहां स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनाए जाने का कार्य चल रहा है. साथ ही अवैध पार्किंग के संबंध में पुलिस को लिखित सूचना दे दी गई है.

Intro:summary मोटर नगर में 2008 में पूर्व नगर पालिका के द्वारा दुकान तो आवंटन कर दी गई लेकिन दुकानदारों को सुविधा देने भूल गये।

intro कोटद्वार में पूर्व नगर पालिका के द्वारा 2008 में मोटर नगर में 26 दुकानों का आवंटन किया गया उस दौरान पटेल मार्ग पर स्थित गैरिज वालों को मोटर नगर शिफ्ट किया था लेकिन नगर पालिका के दौरान वहां पर शौचालय, पानी, पार्किंग, सड़क जैसी मूलभूत सुविधा देने भूल गई, नगरपालिका के बाद कोटद्वार नगर निगम में तब्दील हो गया, नगर निगम के अधिकारी इन दुकानदारों से किराया और सुविधा शुल्क को लेने तो नहीं भूले लेकिन नगर निगम भी इनको सुविधा देने भूल गया, दुकानदार ओर उनके यहां काम काम करने वाले मैकेनिक खुले में शौच करने को मजबूर हैं, और उसी स्थान पर काम भी करते हैं, ऐसे में कोटद्वार नगर निगम स्वच्छ भारत अभियान पर भी पलीता लगा रहा हैं इन दुकान स्वामियों द्वारा व मैकेनिको के द्वारा नगर पालिका नगर निगम और उपजिलाधिकारी को शिकायत की गई लेकिन कोई हल नहीं निकला।


Body:वीओ1- वही दुकानदार महेंद्र सिंह का कहना है कि 2008 में यह दुकान आवंटन हुई थी और 2009 से ही शिकायतों का सिलसिला जारी था, लेकिन आज तक हमारी सुनवाई कहीं नहीं हुई, सड़कों के बहुत बुरे हाल है ना तो इस मार्केट में पीने का पानी की सुविधाएं ना बिजली और शौचालय की सुविधा है, अवैध पार्किंग हर समय बनी हुई रहती है, जिसमें की दिनभर जुआ शराब चलता रहता है। स्वच्छ भारत अभियान तो नगर निगम के कागजों में ही चल रहा है हम गैराज स्वामी, मैकेनिक, राहगीरों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, और उस गंदगी में ही गाड़ियों के नीचे लेट कर काम करने को मजबूर होना पड़ता है।
बाइट महेंद्र सिंह

वीओ2- वही गैराज स्वामी सोहन सिंह नेगी का कहना है कि इस मार्केट में कुछ भी सुविधा नहीं है बस किराया और सुविधा शुल्क वसूलने के लिए नगर निगम के कर्मचारी आते हैं, यहां पर सड़क की व्यवस्था नही है, पीने की पानी की व्यवस्था नहीं है, शौचालय की व्यवस्था नहीं है, हर समय अवैध पार्किंग बनी रहती है इस अवैध पार्किंग के दौरान यहां पर हर समय आपसी टकराव का माहौल बना रहता है हम गैराज वालों को कार्य करने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।
बाइट सोहन सिंह नेगी


वीओ3- वहीं सहायक नगर आयुक्त राजेश नैथानी का कहना है, कि मेरे संज्ञान में यह मामला आया है कुछ लोगों के द्वारा मोटर नगर में सड़कों पर पार्किंग की जाती है, जिससे कि वहां पर हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है, मौके पर मेरे द्वारा कर्मचारी भेजे गए और उनके द्वारा संज्ञान में लाया गया कि वहां पर लोग अपनी कारे और बसें खड़ी कर देते हैं, जिससे की गैराज वालों को कार्य करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, दूसरी उनकी शौचालय की डिमांड है वहां पर शौचालय नहीं है हमारे पास स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनाए जाने का कार्य चल रहा है वहां पर भी एक शौचालय बना जाएगा, अवैध पार्किंग के संबंध में पुलिस को लिखित सूचना भेज दी जायेगी।
बाइट राजेश नैथानी सहायक नगर आयुक्त।


Conclusion:
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