ETV Bharat / state

श्रीनगर में सरस मेले की धूम, कुटीर उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

author img

By

Published : Feb 27, 2020, 1:51 PM IST

श्रीनगर में राज्य सरकार द्वारा पहाड़ी सरस मेंले का आयोजन किया गया है. इस मेले का उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों और उनके द्वारा निर्मित उत्पादों को शहर के बड़े बाजारों में उतारना है.

srinagar
सरस मेले का आयोजन

श्रीनगर: शहर में राज्य सरकार द्वारा सरस मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले का उद्वेश्य प्रदेश की महिला स्वयं सहायता समूहों और कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार मुहैया कराना है. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

सरस मेले का आयोजन.

दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में जहां अलग-अलग स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के स्टॉल से लोग खरीददारी कर सकेंगे. वहीं, प्रत्येक रात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी जा रहा है. स्थानीय उत्पादों के अलावा रिंगाल की काश्तकारी, कोदे के बिस्कुट और भी कई सारे स्थनीय उत्पाद बाजार की स्टॉलों पर दिखाई देंगे. वहीं, पहली बार आयोजित इस पहाड़ी मेले से स्थानीय काश्तकार काफी खुश नजर आ रहे हैं. इस मेले में दूर-दराज के ग्रामीण भी पहुंच रहे हैं, जिन्हें कोदे के बिस्कुट, भांग के रेशों से बने चप्पल, ऊनी कपड़ों के साथ ही रिंगाल से बने गुलदस्ते, टोकरियां, बास्केट और पर्स भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: घर बैठे कर सकेंगे चारधाम के दर्शन, प्रमुख धार्मिक स्थलों से आरती का होगा लाइव प्रसारण

वहीं, पहाड़ के पौराणिक बारह नाजा, झंगोरा और कोणी से बने खाद्य सामग्री लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. उधर, स्थानीय उत्पादों को जगह देने के लिए लगाए गए सरस मेले से स्वयं सहायता समूहों को संचालित करने वाली महिलाएं भी काफी खुश हैं. वहीं, इन महिलाओं का कहना है कि इस तरह के मेलों के आयोजन से उनके द्वारा उत्पादित उत्पादों को एक बेहतर और बड़ा बाजार मिल रहा है.

श्रीनगर: शहर में राज्य सरकार द्वारा सरस मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले का उद्वेश्य प्रदेश की महिला स्वयं सहायता समूहों और कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार मुहैया कराना है. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

सरस मेले का आयोजन.

दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में जहां अलग-अलग स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के स्टॉल से लोग खरीददारी कर सकेंगे. वहीं, प्रत्येक रात सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी जा रहा है. स्थानीय उत्पादों के अलावा रिंगाल की काश्तकारी, कोदे के बिस्कुट और भी कई सारे स्थनीय उत्पाद बाजार की स्टॉलों पर दिखाई देंगे. वहीं, पहली बार आयोजित इस पहाड़ी मेले से स्थानीय काश्तकार काफी खुश नजर आ रहे हैं. इस मेले में दूर-दराज के ग्रामीण भी पहुंच रहे हैं, जिन्हें कोदे के बिस्कुट, भांग के रेशों से बने चप्पल, ऊनी कपड़ों के साथ ही रिंगाल से बने गुलदस्ते, टोकरियां, बास्केट और पर्स भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: घर बैठे कर सकेंगे चारधाम के दर्शन, प्रमुख धार्मिक स्थलों से आरती का होगा लाइव प्रसारण

वहीं, पहाड़ के पौराणिक बारह नाजा, झंगोरा और कोणी से बने खाद्य सामग्री लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. उधर, स्थानीय उत्पादों को जगह देने के लिए लगाए गए सरस मेले से स्वयं सहायता समूहों को संचालित करने वाली महिलाएं भी काफी खुश हैं. वहीं, इन महिलाओं का कहना है कि इस तरह के मेलों के आयोजन से उनके द्वारा उत्पादित उत्पादों को एक बेहतर और बड़ा बाजार मिल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.