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देवस्थानम बोर्ड भंग: संत समाज ने जताई खुशी, कहा- 2022 में बीजेपी को मिलेगा फायदा - कोविड के नए वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है. जिसके बाद से तीर्थ पुरोहितों और संत समाज में खुशी की लहर देखी जा रही है. हरिद्वार में संतों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है. संतों का मानना है कि 2022 विधानसभा चुनाव में इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा.

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संत समाज ने जताई खुशी
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Published : Nov 30, 2021, 8:25 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 9:47 PM IST

हरिद्वार/श्रीनगर: धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग (Dhami government dissolves Devasthanam Board) कर दिया. जिसके बाद से ही उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों और संत समाज में खुशी (happiness in saint society) की लहर है. जहां सरकार और भाजपा देवस्थानम भंग करने को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं, विपक्ष सरकार द्वारा इसे 2022 विधानसभा चुनाव (2022 assembly elections) के डर से लिया गया फैसला करार दिया है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के देवस्थानम बोर्ड भंग करने के फैसले के बाद से ही हरिद्वार के साधु-संतों में हर्ष का माहौल है. साधु-संतों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर फैसले का स्वागत किया. संतों ने कहा प्रदेश सरकार के इस फैसले से आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार को इसका फायदा मिलेगा.

संत समाज ने जताई खुशी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All Bhartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पूरी ने कहा सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को लेकर लिए गए फैसले का साधु संत स्वागत करते हैं. आज केवल साधु संत ही नहीं मठ-मंदिरों से जुड़े हर वर्ग के लिए खुशी की बात है. देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के फैसले पर संत समाज मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हैं.

निरंजनी अखाड़ा (Niranjani Akhara) के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कहा वह सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं. उनका मानना है कि बोर्ड को भंग किए जाने के फैसले के बाद उत्तराखंड के चारधाम के मंदिरों से जुड़े साधु-संतों, तीर्थ पुरोहितों एवं हक-हकूकधारियों के लिए एक तरह से दीपावली का मौका है. जब प्रदेश सरकार ने पिछले काफी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है.

ये भी पढ़ें: देवस्थानम बोर्ड भंग: बोले धामी- मैं उत्तराखंड का मुख्य सेवक, मैंने लिया है यह फैसला

जूना अखाड़ा (Juna Akhara) के महामंडलेश्वर देवानंद सरस्वती ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का उत्तराखंड से लगाव रहा है. ऐसे में उनका उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) के मुख्यमंत्री ओर अन्य मंत्रिमंडल को ये आदेश रहा है कि यहां के साधु-संतों, पंडा समाज, पुरोहितों और अन्य समाज को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आये. अगर आये तो जल्द से जल्द समस्या को दूर करा जाए. प्रदेश सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग करने से वे सभी आनंदित हैं. वे केंद्र सरकार से मांग करते है कि देश मे जहां कही भी मठ मंदिर सरकार के अधीन उनको भी मुक्त कराया जाए.

वहीं, श्रीनगर पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Cabinet Minister Dr. Dhan Singh Rawat) ने कहा देवस्थानम बोर्ड का गठन (Constitution of Devasthanam Board)तीर्थ पुरोहितों के हित के लिए किया गया था, लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने इसे स्वीकार नहीं किया. तीर्थ पुरोहितों के आक्रोश के चलते सरकार को देवस्थानम बोर्ड भंग करने का फैसला लेना पड़ा.

हरिद्वार/श्रीनगर: धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग (Dhami government dissolves Devasthanam Board) कर दिया. जिसके बाद से ही उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों और संत समाज में खुशी (happiness in saint society) की लहर है. जहां सरकार और भाजपा देवस्थानम भंग करने को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं, विपक्ष सरकार द्वारा इसे 2022 विधानसभा चुनाव (2022 assembly elections) के डर से लिया गया फैसला करार दिया है.

सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) के देवस्थानम बोर्ड भंग करने के फैसले के बाद से ही हरिद्वार के साधु-संतों में हर्ष का माहौल है. साधु-संतों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर फैसले का स्वागत किया. संतों ने कहा प्रदेश सरकार के इस फैसले से आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार को इसका फायदा मिलेगा.

संत समाज ने जताई खुशी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All Bhartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पूरी ने कहा सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को लेकर लिए गए फैसले का साधु संत स्वागत करते हैं. आज केवल साधु संत ही नहीं मठ-मंदिरों से जुड़े हर वर्ग के लिए खुशी की बात है. देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के फैसले पर संत समाज मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हैं.

निरंजनी अखाड़ा (Niranjani Akhara) के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कहा वह सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं. उनका मानना है कि बोर्ड को भंग किए जाने के फैसले के बाद उत्तराखंड के चारधाम के मंदिरों से जुड़े साधु-संतों, तीर्थ पुरोहितों एवं हक-हकूकधारियों के लिए एक तरह से दीपावली का मौका है. जब प्रदेश सरकार ने पिछले काफी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है.

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जूना अखाड़ा (Juna Akhara) के महामंडलेश्वर देवानंद सरस्वती ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का उत्तराखंड से लगाव रहा है. ऐसे में उनका उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) के मुख्यमंत्री ओर अन्य मंत्रिमंडल को ये आदेश रहा है कि यहां के साधु-संतों, पंडा समाज, पुरोहितों और अन्य समाज को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आये. अगर आये तो जल्द से जल्द समस्या को दूर करा जाए. प्रदेश सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग करने से वे सभी आनंदित हैं. वे केंद्र सरकार से मांग करते है कि देश मे जहां कही भी मठ मंदिर सरकार के अधीन उनको भी मुक्त कराया जाए.

वहीं, श्रीनगर पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Cabinet Minister Dr. Dhan Singh Rawat) ने कहा देवस्थानम बोर्ड का गठन (Constitution of Devasthanam Board)तीर्थ पुरोहितों के हित के लिए किया गया था, लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने इसे स्वीकार नहीं किया. तीर्थ पुरोहितों के आक्रोश के चलते सरकार को देवस्थानम बोर्ड भंग करने का फैसला लेना पड़ा.

Last Updated : Nov 30, 2021, 9:47 PM IST
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