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मकर संक्रांति: साधु संतों सहित श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रांति के पावन मौके पर मां गंगा के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. प्रदेश के हरिद्वार और देवप्रयाग में श्रद्धालुओं ने संगम की पावन धारा में आस्था की डुबकी लगाई. हालांकि घने कोहरे और कड़ाके की ठंड ने मुश्किल थोड़ी बढ़ा दी.

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लगाई आस्था की डुबकी
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Published : Jan 14, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 4:07 PM IST

श्रीनगर/ रुड़की/काशीपुर/हरिद्वार/रुद्रप्रयाग/खटीमा: मकर संक्रांति के पर्व पर देश के विभिन्न राज्यों से ढोल नगाड़ों के साथ साधु संत सहित श्रद्धालु संगम स्थली पहुंचे. इस दौरान साधु संतों ने देवप्रयाग के संगम स्थल समेत प्रदेश के विभिन्न स्नान घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई. इसी कड़ी में जम्मू कश्मीर से शारदा पीठ के शंकराचार्य अनंतानंद महाराज ने भी आस्था की डुबकी लगाई. मकर संक्रांति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की थी.

श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

तकरीबन सुबह चार बजे से अलकनंदा और भागीरथी के संगम स्थल देवप्रयाग में श्रद्वालुओं का तांता देखने को मिला. देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्वालु मां गंगा में अस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. स्थानीय प्रशासन द्वारा श्रद्वालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए. वहीं, जल पुलिस के साथ-साथ रेगुलर पुलिस भी संगम में मौजूद रही.
ये भी पढ़ें : मकर संक्रांति पर सामूहिक यज्ञोपवीत कार्यक्रम, 300 बटुकों का किया गया संस्कार

चार धाम तीर्थ पुरोहित, हक हकूक धारी, महापंचायत के अध्यक्ष एवं नगर पालिका देवप्रयाग के अध्य्क्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा देवप्रयाग को कुंभ क्षेत्र घोषित किया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा कुंभ क्षेत्र में कोई विकास कार्य नही किया गया है, स्थानीय लोगों द्वारा अपने प्रयासों से पूरे शहर को सजाया गया है.

नारसन बॉर्डर पर प्रशासन मुस्तैद

उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले बाहरी यात्रियों को बॉर्डर पर ही एक प्रक्रिया से गुजरकर प्रवेश दिया जा रहा है. जिसमें यात्रियों का रजिस्ट्रेशन और कोविड सम्बंधित जांच व स्क्रीनिंग का कार्य बीती शाम से ही शुरू कर दिया गया है. बीते रोज देर शाम से उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर बाहरी यात्रियों के रजिस्ट्रेशन, कोविड जांच व स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरू की गई है. बिना रजिस्ट्रेशन किसी भी यात्री को उत्तराखंड में प्रवेश नही दिया जा रहा है. इसके साथ ही यात्रियों की स्क्रीनिंग व जांच प्रक्रिया पूरी होने पर ही आगे भेजा जा रहा है. नारसन बॉर्डर पर तकरीबन 3200 लोगों की स्क्रीनिंग की गई और 1200 लोगों की सैंपलिंग हो चुकी है. जांच के दौरान जो कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है, उसे लौटाया जा रहा है.

काशीपुर में हर्षोल्लास से मनाया गया मकर संक्राति का त्योहार

पूरे देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में काशीपुर के कई स्थानों पर अनेक मंदिरों में प्रसाद के रूप में खिचड़ी का वितरण किया गया. इस दौरान चीमा चौराहा, बार एसोसिएशन सभागार परिसर के अलावा रेलवे स्टेशन रोड स्थित शिव मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कुमाऊ वैश्य महासभा की तरफ से खिचड़ी के प्रसाद का वितरण किया गया.

हरिद्वार में व्यापारियों ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
हरिद्वार में आज मकर सक्रांति के स्नान पर प्रदेश व्यापार मंडल के आह्वान पर व्यापारियों ने रैली निकाली. इस दौरान व्यापारियों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. व्यापारियों ने राजधारा पुल के पास गुरुद्वारा से एकत्रित होकर हरकी पैड़ी तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान व्यापारियों की पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन के बीच नोकझोंक भी हुई. हालांकि उसके बावजूद व्यापारी हर की पैड़ी पहुंचने में सफल रहे. प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि शासन प्रशासन को बार बार बोलने पर भी महाकुंभ का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया. जिसके कारण व्यापारियों और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रुद्रप्रयाग में ग्रामीणों ने धूमधाम से मनाया मकर संक्रांति का पर्व

रुद्रप्रयाग में मकर संक्रांति का पर्व सभी गांवों में धूमधाम से मनाया गया. क्षेत्र के सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालु ने क्षेत्र के मठ-मन्दिरों मे पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित करते हुए क्षेत्र के खुशहाली व विश्व कल्याण की कामना की. मकर संक्रांति पर्व पर तुंगेश्वर महादेव फलासी, सन्तेश्वर महादेव भटवाडी, तुंगनाथ मन्दिर क्यूडी़, कार्तिक स्वामी क्रौंच पर्वत, सौर भूतनाथ अखोडी, नीलकंठ महादेव जाबरी,आशुतोष महादेव, रंगेश्वर महादेव कण्डारा, नागेश्वर तीर्थ जलई, पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम विख्यात भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ, भगवान केदारनाथ व मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर महादेव ऊखीमठ, गिरजेश्वर महादेव गिरीया, रुच्छ महादेव, कोटमा, विश्वनाथ महादेव गुप्तकाशी, शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण सहित क्षेत्र के सभी शिवालयों में ब्रह्म बेला से ही श्रद्धालुओ का तांता लगा रहा. श्रद्धालुओं ने अपने-अपने नजदीकी शिवालयों में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर मन्नतें मांगी तथा क्षेत्र के खुशहाली तथा विश्व कल्याण की कामना की.

खटीमा में स्थित शारदा नदी में लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

खटीमा में मकर सक्रांति के अवसर पर शारदा नदी में लाल कोठी के तट पर मेले का आयोजन न होने के बावजूद भी आस्था का सैलाब उमड़ा. मकर संक्रांति के अवसर पर भारी संख्या में लोगों ने शारदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई. वहीं काफी संख्या में जनेऊ,यग्योपिय, उपनयन संस्कार भी काफी लोग कराते दिखाई दिए.

श्रीनगर/ रुड़की/काशीपुर/हरिद्वार/रुद्रप्रयाग/खटीमा: मकर संक्रांति के पर्व पर देश के विभिन्न राज्यों से ढोल नगाड़ों के साथ साधु संत सहित श्रद्धालु संगम स्थली पहुंचे. इस दौरान साधु संतों ने देवप्रयाग के संगम स्थल समेत प्रदेश के विभिन्न स्नान घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई. इसी कड़ी में जम्मू कश्मीर से शारदा पीठ के शंकराचार्य अनंतानंद महाराज ने भी आस्था की डुबकी लगाई. मकर संक्रांति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की थी.

श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

तकरीबन सुबह चार बजे से अलकनंदा और भागीरथी के संगम स्थल देवप्रयाग में श्रद्वालुओं का तांता देखने को मिला. देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्वालु मां गंगा में अस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. स्थानीय प्रशासन द्वारा श्रद्वालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए. वहीं, जल पुलिस के साथ-साथ रेगुलर पुलिस भी संगम में मौजूद रही.
ये भी पढ़ें : मकर संक्रांति पर सामूहिक यज्ञोपवीत कार्यक्रम, 300 बटुकों का किया गया संस्कार

चार धाम तीर्थ पुरोहित, हक हकूक धारी, महापंचायत के अध्यक्ष एवं नगर पालिका देवप्रयाग के अध्य्क्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा देवप्रयाग को कुंभ क्षेत्र घोषित किया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा कुंभ क्षेत्र में कोई विकास कार्य नही किया गया है, स्थानीय लोगों द्वारा अपने प्रयासों से पूरे शहर को सजाया गया है.

नारसन बॉर्डर पर प्रशासन मुस्तैद

उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले बाहरी यात्रियों को बॉर्डर पर ही एक प्रक्रिया से गुजरकर प्रवेश दिया जा रहा है. जिसमें यात्रियों का रजिस्ट्रेशन और कोविड सम्बंधित जांच व स्क्रीनिंग का कार्य बीती शाम से ही शुरू कर दिया गया है. बीते रोज देर शाम से उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर बाहरी यात्रियों के रजिस्ट्रेशन, कोविड जांच व स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरू की गई है. बिना रजिस्ट्रेशन किसी भी यात्री को उत्तराखंड में प्रवेश नही दिया जा रहा है. इसके साथ ही यात्रियों की स्क्रीनिंग व जांच प्रक्रिया पूरी होने पर ही आगे भेजा जा रहा है. नारसन बॉर्डर पर तकरीबन 3200 लोगों की स्क्रीनिंग की गई और 1200 लोगों की सैंपलिंग हो चुकी है. जांच के दौरान जो कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है, उसे लौटाया जा रहा है.

काशीपुर में हर्षोल्लास से मनाया गया मकर संक्राति का त्योहार

पूरे देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में काशीपुर के कई स्थानों पर अनेक मंदिरों में प्रसाद के रूप में खिचड़ी का वितरण किया गया. इस दौरान चीमा चौराहा, बार एसोसिएशन सभागार परिसर के अलावा रेलवे स्टेशन रोड स्थित शिव मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कुमाऊ वैश्य महासभा की तरफ से खिचड़ी के प्रसाद का वितरण किया गया.

हरिद्वार में व्यापारियों ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
हरिद्वार में आज मकर सक्रांति के स्नान पर प्रदेश व्यापार मंडल के आह्वान पर व्यापारियों ने रैली निकाली. इस दौरान व्यापारियों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. व्यापारियों ने राजधारा पुल के पास गुरुद्वारा से एकत्रित होकर हरकी पैड़ी तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान व्यापारियों की पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन के बीच नोकझोंक भी हुई. हालांकि उसके बावजूद व्यापारी हर की पैड़ी पहुंचने में सफल रहे. प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि शासन प्रशासन को बार बार बोलने पर भी महाकुंभ का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया. जिसके कारण व्यापारियों और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रुद्रप्रयाग में ग्रामीणों ने धूमधाम से मनाया मकर संक्रांति का पर्व

रुद्रप्रयाग में मकर संक्रांति का पर्व सभी गांवों में धूमधाम से मनाया गया. क्षेत्र के सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालु ने क्षेत्र के मठ-मन्दिरों मे पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित करते हुए क्षेत्र के खुशहाली व विश्व कल्याण की कामना की. मकर संक्रांति पर्व पर तुंगेश्वर महादेव फलासी, सन्तेश्वर महादेव भटवाडी, तुंगनाथ मन्दिर क्यूडी़, कार्तिक स्वामी क्रौंच पर्वत, सौर भूतनाथ अखोडी, नीलकंठ महादेव जाबरी,आशुतोष महादेव, रंगेश्वर महादेव कण्डारा, नागेश्वर तीर्थ जलई, पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम विख्यात भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ, भगवान केदारनाथ व मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर महादेव ऊखीमठ, गिरजेश्वर महादेव गिरीया, रुच्छ महादेव, कोटमा, विश्वनाथ महादेव गुप्तकाशी, शिव पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण सहित क्षेत्र के सभी शिवालयों में ब्रह्म बेला से ही श्रद्धालुओ का तांता लगा रहा. श्रद्धालुओं ने अपने-अपने नजदीकी शिवालयों में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर मन्नतें मांगी तथा क्षेत्र के खुशहाली तथा विश्व कल्याण की कामना की.

खटीमा में स्थित शारदा नदी में लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

खटीमा में मकर सक्रांति के अवसर पर शारदा नदी में लाल कोठी के तट पर मेले का आयोजन न होने के बावजूद भी आस्था का सैलाब उमड़ा. मकर संक्रांति के अवसर पर भारी संख्या में लोगों ने शारदा नदी में आस्था की डुबकी लगाई. वहीं काफी संख्या में जनेऊ,यग्योपिय, उपनयन संस्कार भी काफी लोग कराते दिखाई दिए.

Last Updated : Jan 16, 2021, 4:07 PM IST
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