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रेल टनल प्रभावितों व रेलवे अधिकारियों के बीच बढ़ रहा गतिरोध, गढ़वाल कमिश्नर ने दिए ये निर्देश

कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना निर्माण के तहत सुरंग निर्माण के दौरान विस्फोटक का प्रयोग करने पर लोग लामबंद हो गए हैं. लोगों का कहना है कि विस्फोटक के प्रयोग से उनके घरों में दरारें आ रही हैं. शिकायत करने के बाद भी उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है.

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Published : Mar 25, 2023, 12:41 PM IST

Updated : Mar 25, 2023, 1:39 PM IST

रेल टनल प्रभावितों व रेलवे अधिकारियों के बीच बढ़ रहा गतिरोध

श्रीनगर: उत्तराखंड में जहां एक ओर जोशीमठ में भूधंसाव जैसी घटना ने लोगों को बेघर कर दिया है, वहीं दूसरी ओर लोगों ने रेलवे सुरंग निर्माण में विस्फोटक का प्रयोग करने का आरोप जड़ा है. वहीं श्रीनगर क्षेत्र में कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत हो रहे सुरंग निर्माण में विस्फोटकों के प्रयोग से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. रेलवे प्रभावित परियोजना के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.

ग्रामीणों व रेल अधिकारियों के बीच बढ़ते विवाद का गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने संज्ञान लिया है. उन्होंने बताया कि रेल अधिकारियों को पूर्व में भी निर्देश दिये गये हैं कि वे सुरक्षा का ध्यान रखकर ही टनल निर्माण का कार्य करवायें, जिससे जन विरोध पैदा न हो. गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को भी निर्देश दिए हैं कि बढ़ते विवाद को अपने स्तर से दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर सुलझाया जाए. दरअसल, ग्रामीणों और रेल अधिकारियों के बीच इस बात को लेकर लगातार विवाद बढ़ रहा है कि टनल जिन क्षेत्रों में आवासीय भवन के पास से होकर गुजर रही है, वहां टनल निर्माण में ब्लास्टिंग ना की जाये. जबकि इसके बदले मैनुअली या फिर मशीन के माध्यम से निर्माण कार्य कराया जाए.
पढ़ें-गृह मंत्री अमित शाह से मिले सीएम धामी, जोशीमठ मामले में दिया फीडबैक

जिससे आवासीय भवनों को कोई नुकसान ना हो. गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि रेलवे अधिकारियों की समीक्षा के साथ निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग भी जिलाधिकारी करें, इसके निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ग्रामीणों व रेलवे के बीच चल रहे गतिरोध का समाधान निकालने की कोशिश भी जारी है. कोशिश होगी कि प्रभावितों को न्याय मिले. वहीं दूसरी तरफ आज भी रेलवे की ब्लास्टिंग से परेशान लोगों का कहना है कि प्रशासन ने एक जांच कमेटी बनाई थी, लेकिन उस कमेटी ने पूरे घरों का मुआयना नहीं किया. जांच को दो तीन घरों तक ही सीमित रखा. लोगों का कहना है कि आज भी उनके घरों में दरारें पड़ रही हैं और रेलवे लगातर ब्लास्टिंग कर रहा है. जिससे उनका घरों में रहना तक दूभर हो गया है, लोग डर के साये में जीने के लिए मजबूर हैं.

रेल टनल प्रभावितों व रेलवे अधिकारियों के बीच बढ़ रहा गतिरोध

श्रीनगर: उत्तराखंड में जहां एक ओर जोशीमठ में भूधंसाव जैसी घटना ने लोगों को बेघर कर दिया है, वहीं दूसरी ओर लोगों ने रेलवे सुरंग निर्माण में विस्फोटक का प्रयोग करने का आरोप जड़ा है. वहीं श्रीनगर क्षेत्र में कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत हो रहे सुरंग निर्माण में विस्फोटकों के प्रयोग से स्थानीय लोगों में आक्रोश है. रेलवे प्रभावित परियोजना के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.

ग्रामीणों व रेल अधिकारियों के बीच बढ़ते विवाद का गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने संज्ञान लिया है. उन्होंने बताया कि रेल अधिकारियों को पूर्व में भी निर्देश दिये गये हैं कि वे सुरक्षा का ध्यान रखकर ही टनल निर्माण का कार्य करवायें, जिससे जन विरोध पैदा न हो. गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को भी निर्देश दिए हैं कि बढ़ते विवाद को अपने स्तर से दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर सुलझाया जाए. दरअसल, ग्रामीणों और रेल अधिकारियों के बीच इस बात को लेकर लगातार विवाद बढ़ रहा है कि टनल जिन क्षेत्रों में आवासीय भवन के पास से होकर गुजर रही है, वहां टनल निर्माण में ब्लास्टिंग ना की जाये. जबकि इसके बदले मैनुअली या फिर मशीन के माध्यम से निर्माण कार्य कराया जाए.
पढ़ें-गृह मंत्री अमित शाह से मिले सीएम धामी, जोशीमठ मामले में दिया फीडबैक

जिससे आवासीय भवनों को कोई नुकसान ना हो. गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि रेलवे अधिकारियों की समीक्षा के साथ निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग भी जिलाधिकारी करें, इसके निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ग्रामीणों व रेलवे के बीच चल रहे गतिरोध का समाधान निकालने की कोशिश भी जारी है. कोशिश होगी कि प्रभावितों को न्याय मिले. वहीं दूसरी तरफ आज भी रेलवे की ब्लास्टिंग से परेशान लोगों का कहना है कि प्रशासन ने एक जांच कमेटी बनाई थी, लेकिन उस कमेटी ने पूरे घरों का मुआयना नहीं किया. जांच को दो तीन घरों तक ही सीमित रखा. लोगों का कहना है कि आज भी उनके घरों में दरारें पड़ रही हैं और रेलवे लगातर ब्लास्टिंग कर रहा है. जिससे उनका घरों में रहना तक दूभर हो गया है, लोग डर के साये में जीने के लिए मजबूर हैं.

Last Updated : Mar 25, 2023, 1:39 PM IST
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