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पौड़ी की जनता ध्यान दे, कुत्ता या बंदर काटे तो नहीं आना जिला अस्पताल

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Published : May 9, 2019, 6:27 PM IST

पौड़ी में जिला अस्पताल में एंटी रेबीज के इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण मरीज इधर उधर भटकते नजर आ रहे हैं. साथ ही जिला अस्पताल में जरुरी दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं.

जिला अस्पताल में एंटी रेबीज के इंजेक्शन न मिलने से मरीज परेशान.

पौड़ी: जिला अस्पताल में लंबे समय से चल रही डॉक्टरों की कमी के कारण जहां लोग उपचार के लिए भटकने को मजबूर हैं, वहीं इन दिनों अस्पताल में जरूरी दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं. अस्पताल की ये लापरवाही तब सामने आई जब स्थानीय व्यक्ति को एक बंदर ने काट लिया. घायल व्यक्ति को जब उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया तो एंटी रेबीज का इंजेक्शन न मिलने के कारण मरीज इलाज के लिए भटकता रहा. बाद में एंटी रेबीज का इंजेक्शन श्रीनगर से मंगवाना पड़ा.

जिला अस्पताल में एंटी रेबीज के इंजेक्शन न मिलने से मरीज परेशान.

पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छुपी नहीं है, लेकिन अस्पताल में जरूरत की दवाइयां और इंजेक्शन मुहैया करवाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. वहीं पौड़ी के दूरस्थ क्षेत्रों से यहां उपचार करवाने पहुंचे लोग जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.

स्थानीय व्यक्ति संजय रावत ने बताया कि जब बंदरों ने उन पर हमला किया तो कुछ चोटें आई. उपचार के लिए जब वह जिला अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि यहां पर एंटी रेबीज का इंजेक्शन तक नहीं है. इसके बाद में श्रीनगर से इंजेक्शन मंगवाना पड़ा, लेकिन गरीब और असहाय व्यक्ति जब अस्पताल पहुंचेगा तो वह छोटी दवाइयों के लिए दर-दर भटकने को मजबूर रहेगा.

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रमेश राणा ने बताया कि जो व्यक्ति अस्पताल में रेबीज वेक्सीन की आपूर्ति करता था, अब वह नहीं कर पा रहा है. इसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को देते हुए इस संबंध में आग्रह किया है कि जल्द अस्पताल में इस वेक्सीन की आपूर्ति करवाई जाएगी.

पौड़ी: जिला अस्पताल में लंबे समय से चल रही डॉक्टरों की कमी के कारण जहां लोग उपचार के लिए भटकने को मजबूर हैं, वहीं इन दिनों अस्पताल में जरूरी दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं. अस्पताल की ये लापरवाही तब सामने आई जब स्थानीय व्यक्ति को एक बंदर ने काट लिया. घायल व्यक्ति को जब उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया तो एंटी रेबीज का इंजेक्शन न मिलने के कारण मरीज इलाज के लिए भटकता रहा. बाद में एंटी रेबीज का इंजेक्शन श्रीनगर से मंगवाना पड़ा.

जिला अस्पताल में एंटी रेबीज के इंजेक्शन न मिलने से मरीज परेशान.

पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छुपी नहीं है, लेकिन अस्पताल में जरूरत की दवाइयां और इंजेक्शन मुहैया करवाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. वहीं पौड़ी के दूरस्थ क्षेत्रों से यहां उपचार करवाने पहुंचे लोग जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.

स्थानीय व्यक्ति संजय रावत ने बताया कि जब बंदरों ने उन पर हमला किया तो कुछ चोटें आई. उपचार के लिए जब वह जिला अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि यहां पर एंटी रेबीज का इंजेक्शन तक नहीं है. इसके बाद में श्रीनगर से इंजेक्शन मंगवाना पड़ा, लेकिन गरीब और असहाय व्यक्ति जब अस्पताल पहुंचेगा तो वह छोटी दवाइयों के लिए दर-दर भटकने को मजबूर रहेगा.

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रमेश राणा ने बताया कि जो व्यक्ति अस्पताल में रेबीज वेक्सीन की आपूर्ति करता था, अब वह नहीं कर पा रहा है. इसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को देते हुए इस संबंध में आग्रह किया है कि जल्द अस्पताल में इस वेक्सीन की आपूर्ति करवाई जाएगी.

Intro:जिला अस्पताल पौड़ी में लंबे समय से चल रही डॉक्टरों की कमी के कारण जहां लोग उपचार के लिए भटकने को मजबूर होते हैं तो वहीं इन दिनों अस्पताल में जरूरत की दवाई तक मुहैया नहीं हो पा रही है। दरअसल पौड़ी के स्थानीय व्यक्ति को बंदर ने काट लिया घायल व्यक्ति को जब उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया तो उन्हें बताया गया की पौड़ी में एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं है और उन्हें श्रीनगर से इंजेक्शन को मंगवाना पड़ा। अस्पताल ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने इंजेक्शन की मांग की है पर उन्हें अभी तकउपलब्ध नहीं करवाया गया है।


Body:पहाड़ो में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहालिता किसी से छुपी नहीं है लेकिन अस्पताल में जरूरत की दवाइयां और इंजेक्शन मुहैया करवाना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए पौड़ी के दूरस्थ क्षेत्रों से अपना उपचार करवाने लोग पौड़ी पहुंचते हैं लेकिन जिला अस्पताल होने के बाद यहां सामान्य इंजेक्शन तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं तो अन्य मामलों में मरीज को रेफर करना भी लाजमी है। पौड़ी के स्थानीय व्यक्ति संजय रावत ने बताया कि जब बंदरों ने उन पर हमला किया तो उनपर कुछ चोटे आ गई। उपचार के लिए जब वह ज़िला अस्पताल पहुंचे और उन्हें बताया गया कि यहां पर एंटी रेबीज का इंजेक्शन तक नहीं है तो उन्होंने श्रीनगर से इंजेक्शन मंगवाना पड़ा लेकिन गरीब और असहाय व्यक्ति जब अस्पताल पहुंचेगा तो वह छोटी दवाइयों के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होगा उन्होंने कहा कि सरकार को जरूरत की दवाइयों की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि पहाड़ का व्यक्ति स्वास्थ्य उपचार के लिए दर्जन ना भटके।


Conclusion:अधिकतर जानवर कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने के बाद उसके उपचार के लिए एंटी रेबीज इंजेक्शन का प्रयोग किया जाता है ताकि जानवर के किये गए घाव को जल्द भरा जाय।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रमेश राणा ने बताया कि जो व्यक्ति अस्पताल में रेबीज़ वेक्सीन की आपूर्ति करता था अब वह अब नही कर पा रहा है। इसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को देते हुए इस संबंध में आग्रह किया है कि जल्द अस्पताल में इस वेक्सीन की आपूर्ति करवायी जाय। बताया कि जल्द इस इंजेक्शन को मंगवा लिया जाएगा ताकि आने वाले समय में किसी भी मरीज को कोई भी समस्या ना हो।
बाईट-रमेश राणा (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक)
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