पौड़ी: अगर आप राहु दोष से परेशान हैं तो देवभूमि उत्तराखंड के इस मंदिर में चले आइए. माना जाता है कि देवभूमि के इस मंदिर में राहु दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है. ये गांव उत्तराखंड के पर्वतीय अचंल में स्थित है. जहां हर साल राहु दोष के निवारण के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं.
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सावन में राहु मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. मान्यता है कि सावन माह में अगर राहु दोषों से मुक्त होना है तो इसके लिए भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए. इस मंदिर में राहु के साथ भगवान शिव की भी पूजा-अर्चना की जाती है. ये भारत का एकमात्र राहु मंदिर है, जहां पर लोग विदेशों से राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए आते हैं. पौड़ी के पैठाणी स्थित राहु मंदिर जोकि भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. वहीं श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से लोगों के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही जिस पर राहु का दोष होता है वो व्यक्ति सावन के महीने में इस मंदिर में पूजा कर राहु के दोषों से मुक्त हो सकता है.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन से निकले अमृत को जब राहु धोखे से पीने ही वाले थे तो उन्हें अमर होने से रोकने के लिए भगवान विष्णु ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया और उनका कटा हुआ सिर उत्तराखंड के इसी स्थान पर आकर गिरा था, जहां उनका सिर गिरा उसी स्थान पर मंदिर की स्थापना कर भगवान शिव और राहु को स्थापित कर दिया गया. जिन पत्थरों से मंदिर का निर्माण किया गया, उस पर राहु का कटा सिर और विष्णु के चक्र की नक्काशी की गई है. वहीं मंदिर के बाहर और भीतर देवी देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं.