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क्लासरूम में आराम फरमा रहे कैदी, बच्चे ताप रहे 'घाम' - पौड़ी शिक्षा विभाग का कारनामा

पौड़ी में जिला प्रशासन का नया कारनामा सामने आया है. यहां क्लासरूम में कैदी आराम फरमा रहे हैं. वहीं, बच्चे धूप में पढ़ाई कर रहे हैं.

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पौड़ी
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Published : Nov 4, 2020, 7:21 PM IST

पौड़ीः जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप सिर पकड़ लेंगे. पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में स्कूलों की दशा से हर कोई वाकिफ है. बच्चों के लिए अच्छी मरम्मत वाले स्कूलों की संख्या बेहद कम है. जहां हैं भी वहां बच्चों को पढ़ाया नहीं जा रहा. बच्चे मैदान में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. इसकी बानगी पौड़ी जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालय ओजली में देखने को मिली. यहां क्लासरूम में कैदियों को रखा गया है और बच्चे खुले में पढ़ाई कर रहे हैं.

पौड़ी में जिला प्रशासन का नया कारनामा

जी हां सही सुना आपने. अब हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों किया जा रहा है? दरअसल, जब कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद थे तो वहां जिला प्रशासन ने कोरोना के संदेह में कुछ कैदियों को रखा. लेकिन अब क्योंकि 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित होने लगी है तो छात्रों का आना तो शुरू हो गया, लेकिन कैदी अभी भी विद्यालय में आराम फरमा रहे हैं. तो ऐसे में बच्चे खुले में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार और प्रशासन कितना गंभीर है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

पढ़ेंः रिलायंस टेलीकॉम कंपनी के नाम पर 67 लाख की धोखाधड़ी, फरार आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार

विद्यालय के प्रधानाचार्य मंगल सिंह चौहान ने बताया कि दो सितंबर से यहां कैदियों को रखा गया है. विद्यालय के खुलने से पूर्व जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल को इसकी सूचना दे दी गयी थी. लेकिन अभी तक यहां से कैदियों को नहीं ले जाया गया है. जिससे बच्चों के अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने में डर रहे हैं. अभिभावकों को बताया गया है कि छात्रों को स्कूल भवन से दूर रखा जा रहा है, ताकि कोरोना का साया छात्रों पर न मंडराए.

वहीं, जब तक छात्र स्कूल परिसर में हैं, तब तक छात्रों की देखरेख स्कूल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. जिससे छात्रों और शिक्षकों की दिक्कतें जिला प्रशासन की नजर अंदाजी से बढ़ गई है. स्कूली बच्चों की पढ़ाई में बढ़ा व्यवधान भी पैदा हो गया है. उपजिलाधिकारी पौड़ी श्याम सिंह राणा ने बताया कि अब विद्यालय खुल चुके हैं और इन सभी कैदियों के लिए उचित स्थान ढूंढ लिया गया है. जहां पर सुरक्षा की दृष्टि से भी पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं. इन सभी कैदियों को जल्द ही वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा.

पौड़ीः जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप सिर पकड़ लेंगे. पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में स्कूलों की दशा से हर कोई वाकिफ है. बच्चों के लिए अच्छी मरम्मत वाले स्कूलों की संख्या बेहद कम है. जहां हैं भी वहां बच्चों को पढ़ाया नहीं जा रहा. बच्चे मैदान में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. इसकी बानगी पौड़ी जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालय ओजली में देखने को मिली. यहां क्लासरूम में कैदियों को रखा गया है और बच्चे खुले में पढ़ाई कर रहे हैं.

पौड़ी में जिला प्रशासन का नया कारनामा

जी हां सही सुना आपने. अब हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों किया जा रहा है? दरअसल, जब कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद थे तो वहां जिला प्रशासन ने कोरोना के संदेह में कुछ कैदियों को रखा. लेकिन अब क्योंकि 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित होने लगी है तो छात्रों का आना तो शुरू हो गया, लेकिन कैदी अभी भी विद्यालय में आराम फरमा रहे हैं. तो ऐसे में बच्चे खुले में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार और प्रशासन कितना गंभीर है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

पढ़ेंः रिलायंस टेलीकॉम कंपनी के नाम पर 67 लाख की धोखाधड़ी, फरार आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार

विद्यालय के प्रधानाचार्य मंगल सिंह चौहान ने बताया कि दो सितंबर से यहां कैदियों को रखा गया है. विद्यालय के खुलने से पूर्व जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल को इसकी सूचना दे दी गयी थी. लेकिन अभी तक यहां से कैदियों को नहीं ले जाया गया है. जिससे बच्चों के अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने में डर रहे हैं. अभिभावकों को बताया गया है कि छात्रों को स्कूल भवन से दूर रखा जा रहा है, ताकि कोरोना का साया छात्रों पर न मंडराए.

वहीं, जब तक छात्र स्कूल परिसर में हैं, तब तक छात्रों की देखरेख स्कूल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. जिससे छात्रों और शिक्षकों की दिक्कतें जिला प्रशासन की नजर अंदाजी से बढ़ गई है. स्कूली बच्चों की पढ़ाई में बढ़ा व्यवधान भी पैदा हो गया है. उपजिलाधिकारी पौड़ी श्याम सिंह राणा ने बताया कि अब विद्यालय खुल चुके हैं और इन सभी कैदियों के लिए उचित स्थान ढूंढ लिया गया है. जहां पर सुरक्षा की दृष्टि से भी पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं. इन सभी कैदियों को जल्द ही वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा.

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