श्रीनगर गढ़वालः उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक (चारधाम श्राइन बोर्ड) को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी फिर से सड़कों पर उतर गए हैं. इस विधेयक को लेकर पहले से ही विरोध हो रहा था, लेकिन अब विधेयक पारित होने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. इसी कड़ी में देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहितों ने विधेयक के विरोध में त्रिवेंद्र सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की. वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधेयक को रद्द करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की.
बता दें कि इस विधेयक के तहत चारधाम समेत प्रदेश के अन्य 50 से ज्यादा मंदिर देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधीन रहेंगे. इस विधेयक को बीते 14 जनवरी को राज्यपाल ने मंजूरी दी थी. जिसके बाद से इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. तीर्थपुरोहितों और हक हकूकधारियों ने त्रिवेंद्र सरकार पर मठ मंदिरों की सनातनी व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का आरोप लगाया है. साथ ही इसे काला कानून करार दिया है.
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तीर्थपुरोहितों और हक हकूकधारियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की है. देवभूमि तीर्थपुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल और अशोक जोशी का कहना है कि सरकार ने जनता के साथ कुठाराघात किया है. साथ ही जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया, जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा.