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देवस्थानम बोर्ड विधेयक को लेकर फिर सड़कों पर उतरे तीर्थ पुरोहित, PM मोदी से दखल की मांग

देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम प्रबंधन विधेयक के विरोध में त्रिवेंद्र सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की. साथ ही पीएम मोदी से इस विधेयक पर हस्तक्षेप करने की मांग की.

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देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ विरोध
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Published : Jan 16, 2020, 11:13 AM IST

श्रीनगर गढ़वालः उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक (चारधाम श्राइन बोर्ड) को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी फिर से सड़कों पर उतर गए हैं. इस विधेयक को लेकर पहले से ही विरोध हो रहा था, लेकिन अब विधेयक पारित होने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. इसी कड़ी में देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहितों ने विधेयक के विरोध में त्रिवेंद्र सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की. वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधेयक को रद्द करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की.

बता दें कि इस विधेयक के तहत चारधाम समेत प्रदेश के अन्य 50 से ज्यादा मंदिर देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधीन रहेंगे. इस विधेयक को बीते 14 जनवरी को राज्यपाल ने मंजूरी दी थी. जिसके बाद से इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. तीर्थपुरोहितों और हक हकूकधारियों ने त्रिवेंद्र सरकार पर मठ मंदिरों की सनातनी व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का आरोप लगाया है. साथ ही इसे काला कानून करार दिया है.

देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन.

ये भी पढ़ेंः खटीमा में उत्तरायणी मेले का आयोजन, छलिया नृत्य लोगों को किया आकर्षित

तीर्थपुरोहितों और हक हकूकधारियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की है. देवभूमि तीर्थपुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल और अशोक जोशी का कहना है कि सरकार ने जनता के साथ कुठाराघात किया है. साथ ही जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया, जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा.

श्रीनगर गढ़वालः उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक (चारधाम श्राइन बोर्ड) को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी फिर से सड़कों पर उतर गए हैं. इस विधेयक को लेकर पहले से ही विरोध हो रहा था, लेकिन अब विधेयक पारित होने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. इसी कड़ी में देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहितों ने विधेयक के विरोध में त्रिवेंद्र सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की. वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधेयक को रद्द करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की.

बता दें कि इस विधेयक के तहत चारधाम समेत प्रदेश के अन्य 50 से ज्यादा मंदिर देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधीन रहेंगे. इस विधेयक को बीते 14 जनवरी को राज्यपाल ने मंजूरी दी थी. जिसके बाद से इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. तीर्थपुरोहितों और हक हकूकधारियों ने त्रिवेंद्र सरकार पर मठ मंदिरों की सनातनी व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का आरोप लगाया है. साथ ही इसे काला कानून करार दिया है.

देवस्थानम अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन.

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तीर्थपुरोहितों और हक हकूकधारियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की है. देवभूमि तीर्थपुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल और अशोक जोशी का कहना है कि सरकार ने जनता के साथ कुठाराघात किया है. साथ ही जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं किया गया, जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा.

Intro:देवस्थानम अधिनियम विधेयक को राज्यपाल द्वारा स्वीकृती मिलने पर तीर्थ पुरोहित वर्ग में विरोध तेज हो गया है।इस बिल को लेकर पहले से ही तीर्थ पुरोहित व हक हकूक धारी पहले से ही गुस्से में थे।गुस्साये देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहितों ने बिल के विरोध में त्रिवेन्द्र सरकार का पुतला फूंका।पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिल को रद्द करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।Body:मंगलवार को देवस्थानम अधिनियम को राजपाल द्वारा स्वीकृत किये जाने पर तीर्थपुरोहितों व हक हकूकधारियो ने उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार द्वारा यहाँ के मठ मंदिरों की सनातनी व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का कड़ा विरोध जताया ।तीर्थ पुरोहितों व हक हकूकधारियो ने प्रधानमंत्री मोदी से चार धाम देवस्थानम को काले कानून की सज्ञा दी है। उन्होंने बिल को तत्काल वापिस लिए जाने हेतु त्रिवेंद्र सरकार को निर्देशित किये जाने की मांग की गयी है। देवभूमि तीर्थपुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल, अशोक जोशी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी भेजा । Conclusion:आपको बता दे कि देवस्थानम अधिनियम के तहत प्रदेस के चार धामो के अतिरिक्त 50 से ज्यादा मंदिर देवस्थानम प्रबन्ध बोर्ड के अधीन रहेंगे जिसका विरोध विधेयक आने से पहले ही पंडा समाज कर रहा था।
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