पौड़ीः जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के बाद उनके तीमारदारों से रक्तदान के लिए दबाव बनाने का मामला सामने आया है. तीमारदारों का आरोप है कि रक्तदान करवाए बिना गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जा रही है. जिससे वो काफी परेशान हैं. वहीं, मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यदि उनकी ओर से दबाव नहीं डाला गया तो कोई भी रक्तदान नहीं करेगा.
दरअसल, जिला अस्पताल पौड़ी को अब पीपीपी मोड पर महंत इंद्रेश की ओर से संचालित किया जा रहा है. वहीं, अब आरोप है कि गर्भवती महिलाओं के तीमारदारों पर दबाव डालकर रक्तदान करवाया जा रहा है. इतना ही नहीं रक्तदान नहीं करने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी न देने की शिकायतें भी मिल रही हैं. बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में जो भी गर्भवती महिलाएं आ रही हैं, प्रसव के बाद इन सभी महिलाओं के तीमारदारों पर रक्तदान करने का दबाव डाला जा रहा है.
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स्थानीय निवासी नमन ने बताया कि गर्भवती महिला के साथ आने वाले तीमारदारों पर कोई भी रक्तदान के लिए दबाव नहीं डाल सकता है. यदि कोई व्यक्ति इच्छुक है या वह स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहता है तो वो इस कार्य को कर सकता है. लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से दबाव डालने की बात कही जा रही है, जो सही नहीं है. इसका आने वाले समय में विरोध किया जाएगा.
वहीं, पूरे मामले में अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. गौरव रतूड़ी का कहना है कि यदि उनकी ओर से तीमारदारों के ऊपर दबाव नहीं डाला जाता है तो कोई भी अपनी इच्छा से रक्तदान नहीं करेगा. इस रक्तदान की मदद से अन्य लोगों को सुविधाएं होगी. साथ ही बताया कि यह रक्तदान इसलिए करवाया जा रहा है ताकि आने वाले समय में यदि किसी को आवश्यकता हो तो उसे आसानी से रक्त मिल सकें.