ETV Bharat / state

हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास के लिए नीति प्रस्ताव का विमोचन, जी 20 के तहत हुआ कार्यक्रम

हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास के लिए नीति प्रस्ताव का विमोचन दिल्ली में किया गया. ये कार्यक्रम जी 20 के तहत हुआ. कार्यक्रम में 30 से अधिक विषयों के विशेषज्ञ मौजूद रहे.

Etv Bharat
हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास के लिए नीति प्रस्ताव का विमोचन
author img

By

Published : Jun 29, 2023, 9:21 PM IST

श्रीनगर: जी-20 की अध्यक्षता के रूप में हमारा देश वैश्विक स्तर की विभिन्न नीतियों को तैयार कर रहा है. इसी श्रंखला में भौगोलिक तथा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारतीय हिमालय क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को लेकर जी-20 कार्यक्रमों के तहत हिमालय के सतत विकास के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की अगुवानी में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान रिसर्च एवं इन्फोर्मेशन सिस्टम (आरआईएस), कलिंगा इन्सीट्यूट ऑफ इन्डो-पैस्फिक स्टडीज और भारतीय हिमालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) तथा देश के कई अन्य शिक्षण संस्थानों के कुल 30 विद्वानों के संयुक्त प्रयास से भारतीय हिमालयी क्षेत्र के प्रमुख आठ विषयों पर गहन शोध एवं अध्ययन पर सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण नीति प्रस्ताव तैयार किया गया. इस नीति प्रस्ताव का विमोचन इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में किया गया. जिसमें 30 से अधिक विषय विशेषज्ञ सभागार में मौजूद रहे.

इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए जी-20 कार्यक्रमों के उद्देश्यों को केन्द्र में रखते हुए कहा कि हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास और उसकी चुनौतियों के समाधान हेतु वैश्विक स्तर पर मिलकर काम करने की आवश्यकता को दर्शाया. उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों को एकजुट होने का आग्रह किया. गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो० सुनील नौटियाल ने नीति प्रस्ताव की रूपरेखा प्रस्तुत की. इसी श्रंखला में सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० अविनाश खरे, असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० आर०एम० पन्त, नागालैंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० जगदीश कुमार पटनायक, नार्थ इस्टर्न हिल युनिवेर्सिटी के कुलपति प्रो प्रभाशंकर शुक्ला ने भी इस नीति प्रस्ताव की महत्ता तथा इसके क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला.

पढ़ें- उत्तराखंड हॉर्स ट्रेडिंग मामला: हरीश रावत और हरक सिंह के घर पहुंची CBI टीम , थमाया नोटिस

कार्यक्रम में डा शेसाद्री चारी, (आर० आइ० एस० के मेंबर गवेर्निंग काउन्सिल) ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये. उन्होंने भविष्य की कार्य योजनाओं पर भी चर्चा की. इसी क्रम में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत ने भी अपना सन्देश दिया. नीति प्रस्ताव की प्रतियां नीति आयोग, प्रधान मंत्री कार्यालय तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय में अग्रिम क्रियान्वयन के लिए भेजी गई.

श्रीनगर: जी-20 की अध्यक्षता के रूप में हमारा देश वैश्विक स्तर की विभिन्न नीतियों को तैयार कर रहा है. इसी श्रंखला में भौगोलिक तथा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भारतीय हिमालय क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को लेकर जी-20 कार्यक्रमों के तहत हिमालय के सतत विकास के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की अगुवानी में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान रिसर्च एवं इन्फोर्मेशन सिस्टम (आरआईएस), कलिंगा इन्सीट्यूट ऑफ इन्डो-पैस्फिक स्टडीज और भारतीय हिमालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) तथा देश के कई अन्य शिक्षण संस्थानों के कुल 30 विद्वानों के संयुक्त प्रयास से भारतीय हिमालयी क्षेत्र के प्रमुख आठ विषयों पर गहन शोध एवं अध्ययन पर सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण नीति प्रस्ताव तैयार किया गया. इस नीति प्रस्ताव का विमोचन इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में किया गया. जिसमें 30 से अधिक विषय विशेषज्ञ सभागार में मौजूद रहे.

इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए जी-20 कार्यक्रमों के उद्देश्यों को केन्द्र में रखते हुए कहा कि हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास और उसकी चुनौतियों के समाधान हेतु वैश्विक स्तर पर मिलकर काम करने की आवश्यकता को दर्शाया. उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों को एकजुट होने का आग्रह किया. गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो० सुनील नौटियाल ने नीति प्रस्ताव की रूपरेखा प्रस्तुत की. इसी श्रंखला में सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० अविनाश खरे, असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० आर०एम० पन्त, नागालैंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० जगदीश कुमार पटनायक, नार्थ इस्टर्न हिल युनिवेर्सिटी के कुलपति प्रो प्रभाशंकर शुक्ला ने भी इस नीति प्रस्ताव की महत्ता तथा इसके क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला.

पढ़ें- उत्तराखंड हॉर्स ट्रेडिंग मामला: हरीश रावत और हरक सिंह के घर पहुंची CBI टीम , थमाया नोटिस

कार्यक्रम में डा शेसाद्री चारी, (आर० आइ० एस० के मेंबर गवेर्निंग काउन्सिल) ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये. उन्होंने भविष्य की कार्य योजनाओं पर भी चर्चा की. इसी क्रम में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत ने भी अपना सन्देश दिया. नीति प्रस्ताव की प्रतियां नीति आयोग, प्रधान मंत्री कार्यालय तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय में अग्रिम क्रियान्वयन के लिए भेजी गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.