कोटद्वार: प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके घर वापस भेज रही है. इसी कड़ी में शनिवार को देहरादून से कोटद्वार के लिए 6 बसे रवाना की गई. इसी दौरान यात्रियों को घर छोड़ने जा रही बसों के चालकों को बंधक बनाकर मारपीट की. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से दो लोगों को गिरफ्तार कर अन्य आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
बता दें कि शनिवार शाम देहरादून से लॉकडाउन में फंसे यात्रियों को लेकर परिवहन निगम की 6 बसें कोटद्वार पहुंची थी. ग्रास्टनगंज स्थित रामलीला मैदान में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद कोटद्वार से इन यात्रियों को प्रशासन ने उनके घरों के लिए रवाना किया था. यात्रियों को घर तक छोड़ने के लिए कोटद्वार से परिवहन निगम कोटद्वार की बसें लगाई गई थी, शाम तकरीबन 7 बजे कोटद्वार से यमकेश्वर मार्ग पर पड़ने वाले विभिन्न गांवों के 21 यात्रियों को लेकर बस यमकेश्वर के लिए रवाना हुई थी.
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रात तकरीन 9 बजे पौखाल बाजार में कुछ लोगों ने शराब के नशे में बस को रोक दिया ,और बस चालक से गाली-गलौज व मारपीट करने लगे. घटना की सूचना पर पहुंचे पटवारी शिवदत्त नौटियाल ने बीच बचाव में किया, लेकिन लोगों ने उसके साथ बदसलूकी की. मामला बढ़ता देख पटवारी ने घटना की सूचना तहसीलदार को दी. तहसीलदार डबल सिंह रावत पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे. तहसीलदार और पुलिस टीम के द्वारा ग्रामीणों को काफी समझाने की कोशिश की. लेकिन वह लोग नहीं मानें, जिस पर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान विनोद और सुनील कुमार के रूप में हुई है.
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तहसीलदार डबल सिंह रावत ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान देहरादून से 6 बेस कोटद्वार आई थी, कोटद्वार से अलग-अलग जगह के यात्रियों को अलग-अलग बसों से कोटद्वार से रवाना किया गया था, उनमें से एक बस यमकेश्वर भी गई थी. इस बस को पौखाल में कुछ लोगों के द्वारा रोक दिया गया था. ग्रामीणों को कहना था कि बाहरी लोग पहाड़ पर आकर कोरोना को फैलाएंगे. इस दौरान पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, और आठ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. उसके बाद सभी लोगों को उनके घरों के लिए बस से रवाना कर दिया गया है.