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पौड़ी: नोडल अधिकारियों ने 'कैच द रेन' कार्यों का किया निरीक्षण, बीज बम से वृहद पौधरोपण की योजना

कम से कम समय में अधिक से अधिक पौधरोपण हो सकते हैं, इसको लेकर पौड़ी जिले में बीज बम से पौधारोपण की योजना बनाई जा रही है. इसी के साथ भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल शक्ति अभियान के लिए नामित किए गए नोडल अधिकारियों ने 'कैच द रेन' के तहत हो रहे कार्यो का निरीक्षण किया.

Pauri
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Published : Jun 17, 2022, 6:23 PM IST

पौड़ी: जिले में पहली बार बीज बम के माध्यम से पौधारोपण की योजना बनाई जा रही है. सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आगामी 16 जुलाई को हरेपा पर्व पर पौधरोपण बीजबम के माध्यम से हो सकेगा. हालांकि, पौधों का रोपण भी किया जाएगा.

भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल शक्ति अभियान के लिए नामित किए गए नोडल अधिकारियों ने 'कैच द रेन' के तहत हो रहे कार्यो का निरीक्षण किया. बताया कि योजना के तहत अब जिले में 75 रेन वाटर कैचमेंट तालाब बनेंगे. साथ ही उनकी जियो टैगिंग की जाएगी.

भारत सरकार के जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी अरूण कुमार व वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की की अश्वनी अरविन्द रानाडे ने कहा कि जल संरक्षण व वर्षा जल संग्रहण से पानी को व्यर्थ बहने से बचाया जा सकता है. उन्होंने वन विभाग को स्कूलों, ग्राम पंचायतों व स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं से समन्वय स्थापित कर वृहद रूप में पौधरोपण करने को कहा.
पढ़ें- गढ़वाल विवि में 20 जून को प्रवेश समिति की बैठक, कई महत्वपूर्ण विषयों पर होगी चर्चा

विशेषज्ञों ने पहाड़ों में घट रहे जल स्रोतों पर चिंता जताई. उन्होंने विभागों को सख्त हिदायत दी कि जिले में नए स्प्रिंग शेड्स चिन्हित करें. साथ ही विशेषज्ञों ने उनका विकास व संरक्षण करने करने की भी हिदायत दी. कहा कि इस इस कार्य में हीलाहवाली हुई तो कार्रवाई भी हो सकती है.

इस मौके पर सीडीओ प्रशांत कुमार ने सभी रेखीय विभागों को विशेषज्ञों द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन करने को कहा. सीडीओ ने कहा कि आगामी 16 जुलाई को हरेला दिवस के अवसर पर वृहद पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा. साथ ही हरेला दिवस के अवसर पर बीज बम योजना का क्रियान्वयन भी जिले में प्रथम बार किया जाएगा.

पौड़ी: जिले में पहली बार बीज बम के माध्यम से पौधारोपण की योजना बनाई जा रही है. सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आगामी 16 जुलाई को हरेपा पर्व पर पौधरोपण बीजबम के माध्यम से हो सकेगा. हालांकि, पौधों का रोपण भी किया जाएगा.

भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल शक्ति अभियान के लिए नामित किए गए नोडल अधिकारियों ने 'कैच द रेन' के तहत हो रहे कार्यो का निरीक्षण किया. बताया कि योजना के तहत अब जिले में 75 रेन वाटर कैचमेंट तालाब बनेंगे. साथ ही उनकी जियो टैगिंग की जाएगी.

भारत सरकार के जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी अरूण कुमार व वैज्ञानिक राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रूड़की की अश्वनी अरविन्द रानाडे ने कहा कि जल संरक्षण व वर्षा जल संग्रहण से पानी को व्यर्थ बहने से बचाया जा सकता है. उन्होंने वन विभाग को स्कूलों, ग्राम पंचायतों व स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं से समन्वय स्थापित कर वृहद रूप में पौधरोपण करने को कहा.
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विशेषज्ञों ने पहाड़ों में घट रहे जल स्रोतों पर चिंता जताई. उन्होंने विभागों को सख्त हिदायत दी कि जिले में नए स्प्रिंग शेड्स चिन्हित करें. साथ ही विशेषज्ञों ने उनका विकास व संरक्षण करने करने की भी हिदायत दी. कहा कि इस इस कार्य में हीलाहवाली हुई तो कार्रवाई भी हो सकती है.

इस मौके पर सीडीओ प्रशांत कुमार ने सभी रेखीय विभागों को विशेषज्ञों द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन करने को कहा. सीडीओ ने कहा कि आगामी 16 जुलाई को हरेला दिवस के अवसर पर वृहद पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा. साथ ही हरेला दिवस के अवसर पर बीज बम योजना का क्रियान्वयन भी जिले में प्रथम बार किया जाएगा.

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