श्रीनगर: नैथाणा में चल रहे खनन पट्टे व क्रशर को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश (Protest against stone crusher and mining lease in Srinagar) बना हुआ है. प्रशासन द्वारा आयोजित जन सुनवाई में ग्रामीणों ने भारी आक्रोश व्यक्त किया. इस मौके पर ग्रामीणों ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े (question on srinagar public hearing) किये हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जन सुनवाई की समय पर सूचना नहीं दी गयी. जिसके कारण आधिकांश ग्रामीण सुनवाई में नहीं आ सके.
दरअसल, नैथाणा में अलकनंदा नदी किनारे खनन की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक सुनवाई में नैथाणा के ग्रामीणों ने खनन एवं स्टोन क्रशर की स्वीकृति पर आपत्ति दर्ज की. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा इस प्रोजेक्ट एवं खनन को अग्रिम स्वीकृति न दी जाए. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है जिस तरह से जन सुनवाई आयोजित की गयी वह कई सवाल खड़े करती है.
पढ़ें- चमोली पुलिस के हत्थे चढ़ा शातिर ठग, सरकारी नौकरी के नाम पर ठगे थे 10 लाख
उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया जिला प्रशासन की भूमिका पर संदेह पैदा करती है. ग्रामीणों ने अवैध रूप से हो रहे खनन को रोकने के साथ-साथ खनन के लिए स्वीकृत पट्टों को निरस्त करने की मांग भी की. ग्रामीणों ने साफ किया अगर 15 दिनों के भीतर प्रशासन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीणों को मजबूरन आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा.