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महिला चिकित्सालय में तीमारदारों के लिए राहत, अब मिलेगी रसोई गैस की व्यवस्था

महिला चिकित्सालय में तीमारदारों के लिए राहत. अब मरीजों और तीमारदारों को दूध, पानी, खाना आदि गर्म करने की मिलेगी सुविधा. तीमारदारों को नहीं भटकना पड़ेगा.

जिला महिला अस्पताल.
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Published : Feb 16, 2019, 3:39 PM IST

पौड़ीः जिला महिला चिकित्सालय में अब मरीजों और तीमारदारों को दूध, पानी, खाना आदि गर्म करने की सुविधा मिलेगी. इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने रसोई का निर्माण कर रसोई गैस की व्यवस्था की है. अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए न्यूनतम शुल्क रखा है. अस्पताल की मानें तो सर्द मौसम में पेय पदार्थ और खाना गर्म करने के लिए तीमारदारों को भटकना नहीं पड़ेगा.

जानकारी देती मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मेघना असवाल.
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दरअसल, अस्पताल शहर से दूर होने के चलते और आसपास कोई होटल और दुकान न होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. तीमारदारों को रात को चाय, दूध आदि गर्म करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा था. इसके जिसके समाधान के लिए अस्पताल प्रशासन ने अपना रसोई नाम से एक पहल शुरू की है.


महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मेघना असवाल ने बताया की दूरदराज से रात को भर्ती होने वाले मरीजों ओर छोटे बच्चों को दूध गर्म करने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी को देखते हुए उन्होंने एक रसोई के निर्माण का विचार बनाया और इसका नाम "अपना रसोई" रखा है. उन्होंने बताया कि न्यूनतम शुल्क में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा रही है. साथ ही बताया कि सर्दियों के मौसम में चाय आदि बनाने की व्यवस्था भी रखी गई है. जिससे मरीजों के साथ तीमारदारों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो.

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पौड़ीः जिला महिला चिकित्सालय में अब मरीजों और तीमारदारों को दूध, पानी, खाना आदि गर्म करने की सुविधा मिलेगी. इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने रसोई का निर्माण कर रसोई गैस की व्यवस्था की है. अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए न्यूनतम शुल्क रखा है. अस्पताल की मानें तो सर्द मौसम में पेय पदार्थ और खाना गर्म करने के लिए तीमारदारों को भटकना नहीं पड़ेगा.

जानकारी देती मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मेघना असवाल.
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दरअसल, अस्पताल शहर से दूर होने के चलते और आसपास कोई होटल और दुकान न होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. तीमारदारों को रात को चाय, दूध आदि गर्म करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा था. इसके जिसके समाधान के लिए अस्पताल प्रशासन ने अपना रसोई नाम से एक पहल शुरू की है.


महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मेघना असवाल ने बताया की दूरदराज से रात को भर्ती होने वाले मरीजों ओर छोटे बच्चों को दूध गर्म करने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी को देखते हुए उन्होंने एक रसोई के निर्माण का विचार बनाया और इसका नाम "अपना रसोई" रखा है. उन्होंने बताया कि न्यूनतम शुल्क में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा रही है. साथ ही बताया कि सर्दियों के मौसम में चाय आदि बनाने की व्यवस्था भी रखी गई है. जिससे मरीजों के साथ तीमारदारों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो.

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Intro:पौड़ी-
जिला महिला चिकित्सालय पौड़ी कि ओर से सराहनीय शुरुवात की गयी है। इसमें तीमारदारों के लिए रसोई गैस की व्यवस्था कर
देर रात को जरूरत की चीज़ों को गर्म किया जा सकेगा। दरसल पहले तीमारदारों को देर रात को चाय, दूध आदि गर्म करने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा था अस्पताल शहर से थोड़ा दूर होने के चलते हैं खाने पीने व गर्म करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होती थी।अस्पताल प्रशासन की ओर से अपना रसोई नाम से इसकी शुरुवात कर दी गयी है इसमें दूध ,खाना आदि गर्म करके खाया जा सके। पौड़ी में सर्द मौसम में यहां रहने वाले तीमारदारों को चाय खाना आदि गर्म करने के लिए भटकना नही पड़ेगा। अस्पताल की तरफ से इसके लिए न्यूनतम शुल्क रखा गया है।




Body:अस्पताल में देर रात आने वाले लोगो को समय समय पर दूध , गर्म पानी , खाना आदि की आवश्यकता पड़ती है। अस्पताल शहर से दूर होने के चलते आसपास कोई होटल या दुकान न होने के कारण लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था जिसके समाधान के लिए अस्पताल प्रशासन ने एक नई पहल की है इसमें एक रसोई का निर्माण कर यहां आने वाले लोगों के लिए गर्म पानी दूध गर्म करने के लिए और देर रात खाना गर्म करने के लिए व्यवस्था कर दी गई है जिसके लिए न्यूनतम शुल्क रखा गया है ताकि उसका दुरप्रयोग भी ना हो सके।


Conclusion:महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मेघना असवाल ने बताया की पौड़ी में सर्द मौसम हो या गर्म दूरदराज से रात को भर्ती होने वाले मरीजों ओर छोटे बच्चों को दूध गर्म करने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था इसको देखते हुए उन्होंने एक रसोई के निर्माण का विचार बनाया और इसका नाम " अपना रसोई " रख दिया। इसमें न्यूनतम शुल्क में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा रही है। देर रात तक यहां पर दूध गर्म करना, खाना ,पानी आदि गर्म किया जा सकेगा इसके साथ ही सर्दियों के मौसम में चाय आदि बनाने की व्यवस्था भी रखी गई है जिससे कि मरीजों के साथ रहने वाले को किसी प्रकार की समस्या ना हो और समय-समय पर जरूरतमंद खाना चाय और पानी आदि गर्म कर सकें।
बाईट-डॉ मेघना असवाल ( मुख्य चिकित्सा अधीक्षक)
बाईट-खुशपाल(मरीज परिजन)
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