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दीवान सिंह गुसाईं को विदेश भेजने का मामला, आरोपी मुजफ्फर नगर से गिरफ्तार

कतर में बंधक बनाकर रखे गए तोली चंद्रबदनी गांव के दीवान सिंह गुसाईं मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी को उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया गया है.

Devprayag Hindi News
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Published : Jan 22, 2020, 7:35 PM IST

Updated : Jan 22, 2020, 8:05 PM IST

देवप्रयाग: हिंडोलाखाल पुलिस ने फरार चल रहे इनामी बदमाश जावेद खान को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि जावेद खान ने 2019 में पट्टी चंद्रबदनी के तोली गांव निवासी दीवान सिंह गुसाईं को कुक की नौकरी का झांसा देकर सऊदी अरब के कतर भेजा गया था. जहां उसे अज्ञात स्थान पर बंधक बनाकर लिया गया. इस पर दीवान सिंह की पत्नी ने थाना हिंडोलाखाल में जावेद खान के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. तभी से पुलिस जावेद खाने की तलाश कर रही थी.

थाना प्रभारी जेपी कोहली ने बताया कि हिंडोलाखाल पुलिस ने अभियुक्त जावेद खान को मंगलवार रात मुजफ्फरनगर (उप्र) में महबूबनगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि तोली गांव निवासी दीवान सिंह गुसाईं को कतर में कैद करने के हाई प्रोफाइल मामले में विधायक विनोद कंडारी द्वारा विदेश मंत्रालय तक सम्पर्क किया गया था. विदेश मंत्रालय व पुलिस की कोशिशों से दो माह पूर्व दीवान सिंह कतर से वापिस घर लौट आया था, मगर इस मामले में अभियुक्त जावेद खान पुलिस के हाथ नहीं आ पाया था.

पढ़ें- CBSE Borad Exam: दून रीजन में 1.42 लाख छात्र देंगे परीक्षा, दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष इंतजाम

दीवान सिंह कैसे कतर पहुंचे ?

दीवान सिंह के कतर जाने की कहानी 2018 में केदारनाथ से शुरू हुई थी. यहां होटल में काम करते हुए उसकी मुलाकात लकड़ी ठेकेदार आलम खान से हुई जिसने कतर में कुक का काम दिलवाने हेतु एजेंट जावेद खान से उसे मिलवाया. जनवरी 2019 में 1 लाख 35 हजार लेकर जावेद खान ने दीवानसिंह को कतर भेज दिया. जिसके बाद दीवान सिंह की उसके परिजनों को कोई खोज खबर नहीं लगी.

जिसके बाद जानकारी मिली कि कतर में किसी अनजान जगह पर दीवान को बंधक बनाकर रखा गया है. ऐसे में दीवान सिंह का परिवार उसके मिलने की आस छोड़ चुके थे. फिर भी दीवान सिंह के भाई शोबन सिंह व पत्नी मकानी देवी लगातार प्रयास करती रही. जिसके बाद दीवान सिंह की पत्नी ने जावेद खान से उनके पति को वापस लाने के लिए कहा तो जावेद खान ने दीवान के परिजनों से 50 हजार रुपये की मांग की, लेकिन परिजनों ने पुलिस व सरकार से संपर्क बनाए रखा. जिसके बाद दो माह पहले दीवान सिंह सही सलामत घर पहुंच गए थे. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में सह अभियुक्त लकड़ी ठेकेदार आलम खान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था.

देवप्रयाग: हिंडोलाखाल पुलिस ने फरार चल रहे इनामी बदमाश जावेद खान को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि जावेद खान ने 2019 में पट्टी चंद्रबदनी के तोली गांव निवासी दीवान सिंह गुसाईं को कुक की नौकरी का झांसा देकर सऊदी अरब के कतर भेजा गया था. जहां उसे अज्ञात स्थान पर बंधक बनाकर लिया गया. इस पर दीवान सिंह की पत्नी ने थाना हिंडोलाखाल में जावेद खान के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. तभी से पुलिस जावेद खाने की तलाश कर रही थी.

थाना प्रभारी जेपी कोहली ने बताया कि हिंडोलाखाल पुलिस ने अभियुक्त जावेद खान को मंगलवार रात मुजफ्फरनगर (उप्र) में महबूबनगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि तोली गांव निवासी दीवान सिंह गुसाईं को कतर में कैद करने के हाई प्रोफाइल मामले में विधायक विनोद कंडारी द्वारा विदेश मंत्रालय तक सम्पर्क किया गया था. विदेश मंत्रालय व पुलिस की कोशिशों से दो माह पूर्व दीवान सिंह कतर से वापिस घर लौट आया था, मगर इस मामले में अभियुक्त जावेद खान पुलिस के हाथ नहीं आ पाया था.

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दीवान सिंह कैसे कतर पहुंचे ?

दीवान सिंह के कतर जाने की कहानी 2018 में केदारनाथ से शुरू हुई थी. यहां होटल में काम करते हुए उसकी मुलाकात लकड़ी ठेकेदार आलम खान से हुई जिसने कतर में कुक का काम दिलवाने हेतु एजेंट जावेद खान से उसे मिलवाया. जनवरी 2019 में 1 लाख 35 हजार लेकर जावेद खान ने दीवानसिंह को कतर भेज दिया. जिसके बाद दीवान सिंह की उसके परिजनों को कोई खोज खबर नहीं लगी.

जिसके बाद जानकारी मिली कि कतर में किसी अनजान जगह पर दीवान को बंधक बनाकर रखा गया है. ऐसे में दीवान सिंह का परिवार उसके मिलने की आस छोड़ चुके थे. फिर भी दीवान सिंह के भाई शोबन सिंह व पत्नी मकानी देवी लगातार प्रयास करती रही. जिसके बाद दीवान सिंह की पत्नी ने जावेद खान से उनके पति को वापस लाने के लिए कहा तो जावेद खान ने दीवान के परिजनों से 50 हजार रुपये की मांग की, लेकिन परिजनों ने पुलिस व सरकार से संपर्क बनाए रखा. जिसके बाद दो माह पहले दीवान सिंह सही सलामत घर पहुंच गए थे. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में सह अभियुक्त लकड़ी ठेकेदार आलम खान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था.

Intro:देवप्रयाग
हिंडोलाखाल पुलिस ने फरार चल रहे इनामी बदमाश जावेद खान को मुजफ्फरनगर से गिरफदार कर लिया। जावेद द्वारा 2019 में पट्टी चंद्रवदनी के तोलीगाँव निवासी दीवानसिंह गुसाँई को कुक की नौकरी का झांसा देकर सऊदी अरब के कतर भेजा गया था जहाँ उसे अज्ञात स्थान पर बंधक बनाकर कैद कर लिया गया था।दीवानसिंह की पत्नी मकानीदेवी ने थाना हिंडोलाखाल में जावेद खान के खिलाफ बीते साल एक अगस्त को मामला दर्ज करवाया था।पुलिस अधीक्षक टिहरी के निर्देश पर गठित पुलिस टीम द्वारा जावेद खान की तलाश में लगातार दबिश देने के साथ ही मुखिबरो से सूचना ली जा रही थी।थाना प्रभारी जे पी कोहली ने बताया कि
हिंडोलाखाल पुलिस ने अभियुक्त जावेद खान पुत्र इदरीश को मंगलवार रात मुजफ्फर नगर (उप्र) में महबूबनगर की गली न0 3 स्थित उसके घर से गिरफदार कर लिया।
Body:तोली गाँव निवासी दीवानसिंह गुसाँई को कतर में कैद करने के हाई प्रोफाइल मामले में विधायक विनोद कंडारी द्वारा विदेश मंत्रालय तक सम्पर्क किया गया था। विदेश मंत्रालय व पुलिस की कोशिशों से दो माह पूर्व दीवानसिंह कतर से वापिस घर लौट आया था।मगर इस मामले में अभियुक्त जावेद खान पुलिस के हाथ नहीं आ पाया था।
Conclusion:दीवानसिंह के कतर जाने की कहानी 2018 में केदारनाथ से शुरू हुई थी।यहाँ होटल में काम करते उसकी मुलाकात लकड़ी ठेकेदार आलम खान से हुई जिसने कतर में कुक का काम दिलवाने हेतु एजेंट जावेद खान से उसे मिलवाया। जनवरी 2019 में 1 लाख 35 हजार लेकर जावेदखान ने दीवानसिंह को कतर भेज दिया। जिसके बाद दीवानसिंह की उसके परिजनों को कोई खोज खबर नहीं लगी। सिर्फ यह ज्ञात हुआ कि उसे कतर में किसी अनजान जगह पर बंधक बनाकर रखा गया है।ऐसे में दीवानसिंह की बूढ़ी मा कमलादेवी,पत्नी मकानीदेवी , भाई शोबनसिह , बेटा रवि व नवदीप उसके मिलने की आस छोड़ चुके थे। फिर भी दीवान सिंह के भाई शोबनसिह व पत्नी मकानीदेवी लगातार प्रयास करती रही ।एजेंट जावेद खान ने दीवानसिंह की सकुशल वापसी के लिए उनसे 50 हजार की मांग और कीथी ।मगर परिजनो ने पुलिस व सरकार से संपर्क बनाए रखा जिस पर दो माह पहले दीवानसिंह सही सलामत घर पहुँच गएथे। पुलिस के मुताबिक इस मामले में सह अभियुक्त लकड़ी ठेकेदार आलम खान को पहले ही गिरफ़ादार किया जा चुका था।
Last Updated : Jan 22, 2020, 8:05 PM IST
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