देवप्रयाग: हिंडोलाखाल पुलिस ने फरार चल रहे इनामी बदमाश जावेद खान को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि जावेद खान ने 2019 में पट्टी चंद्रबदनी के तोली गांव निवासी दीवान सिंह गुसाईं को कुक की नौकरी का झांसा देकर सऊदी अरब के कतर भेजा गया था. जहां उसे अज्ञात स्थान पर बंधक बनाकर लिया गया. इस पर दीवान सिंह की पत्नी ने थाना हिंडोलाखाल में जावेद खान के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. तभी से पुलिस जावेद खाने की तलाश कर रही थी.
थाना प्रभारी जेपी कोहली ने बताया कि हिंडोलाखाल पुलिस ने अभियुक्त जावेद खान को मंगलवार रात मुजफ्फरनगर (उप्र) में महबूबनगर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि तोली गांव निवासी दीवान सिंह गुसाईं को कतर में कैद करने के हाई प्रोफाइल मामले में विधायक विनोद कंडारी द्वारा विदेश मंत्रालय तक सम्पर्क किया गया था. विदेश मंत्रालय व पुलिस की कोशिशों से दो माह पूर्व दीवान सिंह कतर से वापिस घर लौट आया था, मगर इस मामले में अभियुक्त जावेद खान पुलिस के हाथ नहीं आ पाया था.
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दीवान सिंह कैसे कतर पहुंचे ?
दीवान सिंह के कतर जाने की कहानी 2018 में केदारनाथ से शुरू हुई थी. यहां होटल में काम करते हुए उसकी मुलाकात लकड़ी ठेकेदार आलम खान से हुई जिसने कतर में कुक का काम दिलवाने हेतु एजेंट जावेद खान से उसे मिलवाया. जनवरी 2019 में 1 लाख 35 हजार लेकर जावेद खान ने दीवानसिंह को कतर भेज दिया. जिसके बाद दीवान सिंह की उसके परिजनों को कोई खोज खबर नहीं लगी.
जिसके बाद जानकारी मिली कि कतर में किसी अनजान जगह पर दीवान को बंधक बनाकर रखा गया है. ऐसे में दीवान सिंह का परिवार उसके मिलने की आस छोड़ चुके थे. फिर भी दीवान सिंह के भाई शोबन सिंह व पत्नी मकानी देवी लगातार प्रयास करती रही. जिसके बाद दीवान सिंह की पत्नी ने जावेद खान से उनके पति को वापस लाने के लिए कहा तो जावेद खान ने दीवान के परिजनों से 50 हजार रुपये की मांग की, लेकिन परिजनों ने पुलिस व सरकार से संपर्क बनाए रखा. जिसके बाद दो माह पहले दीवान सिंह सही सलामत घर पहुंच गए थे. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में सह अभियुक्त लकड़ी ठेकेदार आलम खान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था.