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पौड़ी जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को मिले 72 आपदा मित्र, रेस्क्यू अभियान को मिलेगी मजूबती - पौड़ी जिला आपदा प्रबंधन केंद्र

आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्यों के लिए आपदा परिचालन केंद्र को हमेशा से ही कर्मचारियों की कमियों से जूझना पड़ता था, लेकिन इस बार जिले को 72 आपदा मित्र मिल गए हैं. आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपेश चंद्र काला ने जानकारी दी है.

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पौड़ी जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को मिले 72 आपदा मित्र,
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Published : May 29, 2022, 12:28 PM IST

पौड़ी: जिला आपदा प्रबंधन केंद्र पौड़ी (Pauri District Disaster Management Center) के हाथ मजबूत हुए हैं. आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्यों के लिए आपदा परिचालन केंद्र को हमेशा से ही कर्मचारियों की कमियों से जूझना पड़ता था, लेकिन अब 72 आपदा मित्र मिल गए हैं. इन आपदा मित्रों को राहत और बचाव कार्यों का बेसिक प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे कि आपदा की घटनाओं के दौरान रेस्क्यू अभियानों में तेजी लाई जा सकेगी.

उत्तराखंड राज्य आपदा, भूस्खलन और भूकंप के लिहाज से जोन 4 व 5 में शामिल है. राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में हर साल बड़ी संख्या में आपदा और भूस्खलन की घटनाएं होती हैं. हर बार रेस्क्यू के कामों में कर्मचारियों की कमी आढ़े आती है, लेकिन इस बार हालत बदलने की उम्मीद है. जिले को इस बार 72 आपदा मित्रों के मिलने से प्रशासन के हाथ मजबूत हुए हैं, जिससे कि आपदा की घटनाओं के दौरान रेस्क्यू कार्य में मदद मिल सकेगी. आपदा मित्रों को देहरादून व टिहरी जिलों से प्रशिक्षित किया गया है. आपदा मित्रों को भुवनेश्वरी और सॉगवेली एनजीओ द्वारा प्रशिक्षित किया गया, जिसमें उन्हें रेस्क्यू के साथ ही फस्टएड की भी जानकारियां दी गई.
पढ़ें- उत्तराखंड मौसमः पहाड़ी जिलों में बरस सकते हैं बदरा, 40KM की रफ्तार से चलेगी हवा

आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपेश चंद्र काला ने बताया कि जिले में आपदा कार्यों के लिए 72 आपदा मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें पीआरडी, होमगार्ड के साथ ही स्वयंसेवक छात्र भी हैं. सभी को 12 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है. बताया कि आपदा मित्रों को रेस्क्यू के दौरान मानदेय दिये जाने का प्राविधान नहीं है. आपदा मित्रों को रेक्स्यू कार्य में सहयोग के रूप में मदद ली जाएगी.

पौड़ी: जिला आपदा प्रबंधन केंद्र पौड़ी (Pauri District Disaster Management Center) के हाथ मजबूत हुए हैं. आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्यों के लिए आपदा परिचालन केंद्र को हमेशा से ही कर्मचारियों की कमियों से जूझना पड़ता था, लेकिन अब 72 आपदा मित्र मिल गए हैं. इन आपदा मित्रों को राहत और बचाव कार्यों का बेसिक प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे कि आपदा की घटनाओं के दौरान रेस्क्यू अभियानों में तेजी लाई जा सकेगी.

उत्तराखंड राज्य आपदा, भूस्खलन और भूकंप के लिहाज से जोन 4 व 5 में शामिल है. राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में हर साल बड़ी संख्या में आपदा और भूस्खलन की घटनाएं होती हैं. हर बार रेस्क्यू के कामों में कर्मचारियों की कमी आढ़े आती है, लेकिन इस बार हालत बदलने की उम्मीद है. जिले को इस बार 72 आपदा मित्रों के मिलने से प्रशासन के हाथ मजबूत हुए हैं, जिससे कि आपदा की घटनाओं के दौरान रेस्क्यू कार्य में मदद मिल सकेगी. आपदा मित्रों को देहरादून व टिहरी जिलों से प्रशिक्षित किया गया है. आपदा मित्रों को भुवनेश्वरी और सॉगवेली एनजीओ द्वारा प्रशिक्षित किया गया, जिसमें उन्हें रेस्क्यू के साथ ही फस्टएड की भी जानकारियां दी गई.
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आपदा प्रबंधन अधिकारी दीपेश चंद्र काला ने बताया कि जिले में आपदा कार्यों के लिए 72 आपदा मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें पीआरडी, होमगार्ड के साथ ही स्वयंसेवक छात्र भी हैं. सभी को 12 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है. बताया कि आपदा मित्रों को रेस्क्यू के दौरान मानदेय दिये जाने का प्राविधान नहीं है. आपदा मित्रों को रेक्स्यू कार्य में सहयोग के रूप में मदद ली जाएगी.

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