पौड़ी: उत्तराखंड सरकार में इन दिनों अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने का काम जोरों पर चल रहा है. राजधानी देहरादून में दो दिनों में लगभग 15 से अधिक मजारों को हटाया गया है तो अब यह सिलसिला दूसरे जिलों में भी शुरू हो गया है. पौड़ी में भी एक चर्चित मजार को जिला प्रशासन ने हटा दिया है. चर्चित इसलिए क्योंकि इस मजार के जीर्णोद्धार के लिए विधायक राजकुमार ने ₹2 लाख अपनी विधायक निधि से दिए थे. प्रशासन ने इसे भी अवैध निर्माण बताते हुए ध्वस्त कर दिया है. इस मामले पर विधायक पोरी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उनका कहना है कि जिस तरह से इस बार ठोकर लगी है, अब आगे से ध्यान रखा जाएगा कि विधायक निधि कहां और कैसे खर्च करनी है.
क्याा है मामला: पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक (mazaar demolished in Chiloli village) में बरसों पहले बनी एक मजार को राजस्व प्रशासन ने बुधवार को ध्वस्त (mazaar Demolished in Pauri) कर दिया. बताया गया है कि जब मजार की जांच की गई तो दस्तावेजों में यह चारागाह में निर्मित पायी गई. इसे प्रशासन ने अतिक्रमण मानते हुए बुधवार को यह ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की. इस संबंध में डीएम ने भी पौड़ी के एसडीएम से रिपोर्ट मांगी थी. बताया जा रहा है कि यह मजार करीब 20 साल पहले बनाई गई थी.
पौड़ी एसडीएम आकाश जोशी ने पूरी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कल्जीखाल ब्लॉक के गांव चिलोली की सरहद में एक मजार चारागाह भूमि पर बनी थी. राजस्व रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को मजार को ध्वस्त कर दिया गया. चारागाह वाली भूमि पर किसी तरह भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता है. यह अतिक्रमण की श्रेणी में आता है.
हालांकि, इस मजार के पास विधायक निधि से एक टिनशेड निर्माण को लेकर भी सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से चर्चाएं हो रही है. पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी से संपर्क करने पर दूरभाष पर बताया कि उन्होंने किसी धर्मस्थल को बनाने के लिए कोई निधि नहीं दी है. मंडल अध्यक्ष ने इस संबंध में यहां एक टिनशेड स्थानीय लोगों के धूप और बारिश से बचने के लिए बनाने का प्रस्ताव दिया था.
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पोरी ने कहा कि मणधार में उन्होंने विधायक निधि से दो लाख की धनराशि टिनशेड निर्माण के लिए स्वीकृत की. विधायक ने कहा कि कुछ मीडिया खबरों में इसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है और उसे दूसरा रंग देने की कोशिश की जा रही है, जो कि सही नहीं है.
कांग्रेस ने उठाए सवाल: कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि अवैध निर्माणों को किसी भी रूप में रहने नहीं देना चाहिए, यह सरकार का सही फैसला है लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि यह अवैध निर्माण में योगदान कौन दे रहा है. उन्होंने बीजेपी के विधायक राजकुमार पोरी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जब यह विधायक निधि से 2 लाख दे रहे थे, क्या तब उन्हें यह नहीं मालूम था कि यह मजार सरकारी भूमि पर बनी है. गरिमा दसौनी ने कहा है कि प्रशासन को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कोई भी कार्रवाई उत्तराखंड में द्वेष भावना के तहत ना हो और अवैध निर्माण जिसके भी हैं, वह हटने चाहिए.
विधायक पोरी ने रखा पक्ष: वहीं, इस पूरे मामले पर बीजेपी विधायक राजकुमार पोरी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह दायित्व बनता ही है कि वो किसी भी चीज का विरोध करे लेकिन यह बात सही है कि उन्होंने अपनी विधायक निधि से ₹2 लाख मजार के लिए नहीं उस रास्ते पर टीन शेड बनाने के लिए दिये थे. पोरी ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते ये उनका दायित्व बनता है कि क्षेत्र के सभी लोगों के लिए विधायक निधि का इस्तेमाल करें क्योंकि विधायक निधि क्षेत्र के विकास के लिए होती है. आगे भी वो अपनी विधानसभा की जनता का इसी तरह से ध्यान रखेंगे. हालांकि, विधायक राजकुमार पोरी ने इतना जरूर कहा कि इस बार जो ठोकर उन्हें लगी है उससे वो आगे सीख लेंगे और विधायक निधि किस तरह से कहां खर्च करनी है इसका विशेष रुप से ध्यान रखा जाएगा.