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राजनीति की भेंट चढ़ा पौड़ी बस अड्डा, 8 साल बाद भी नहीं हो पाया काम पूरा

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Published : Sep 7, 2019, 11:37 PM IST

पौड़ी में आठ साल बीते जाने के बाद भी निर्माणाधीन बस अड्डा नहीं तैयार नहीं हो पाया है. निर्माणाधीन बस अड्डे के पास सड़क निर्माण सामग्री बिखरी हुई है, जिससे रोजना जाम की स्थिति बनी रहती है.

pauri bus stand

पौड़ीः नगर में स्थित निर्माणाधीन बस अड्डे का कार्य आठ साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. इस बस अड्डे का निर्माण साल 2010 में शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य अधर में लटका है. बस अड्डे के निर्माण को लेकर दोनों ही सरकारों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, लेकिन इसके निर्माण कार्य को पूरा करने में दोनों ही सरकारें नाकामयाब साबित हो रही हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने बस अड्डे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.

पौड़ी में स्थित निर्माणाधीन बस अड्डा सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी मुद्दा बनकर रह गया. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने बस अड्डे के निर्माण को लेकर वाहवाही लूटी, लेकिन आज तक कोई भी पार्टी अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई है. निर्माणाधीन बस अड्डे के पास सड़क निर्माण सामग्री बिखरी हुई है. जिससे रोजना जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

8 सालों से अधर में लटका पौड़ी बस अड्डा.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी आपदाः नुकसान का जायजा लेने पहुंची सचिवालय टीम, तैयार करेगी रिपोर्ट

वहीं, यातायात सिपाही अनिल का कहना है कि बस अड्डा निर्माणाधीन होने के चलते रोजाना जाम लग रहा है. जिस स्थान पर बसें खड़ी होती थीं, वहां पर निर्माण सामग्री रखी गई है. जिससे बसों को सड़कों के किनारे ही खड़ा करना पड़ रहा है. सड़कें भी संकरी होने के चलते रोजाना दिक्कतें हो रही है.

गौर हो कि, मंडल मुख्यालय पौड़ी में बस अड्डे के लिए साल 2006 में 4 करोड़ 52 लाख की धनराशि की घोषणा की गई थी, लेकिन नगर पालिका को इसकी पहली किस्त साल 2010 में दो करोड़ 26 लाख के रूप में मिली. उसके बाद इस बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू किया गया.

ये भी पढ़ेंः सूदखोरों से परेशान होकर टेंपो चालक ने मौत को लगाया गले, परिजनों ने थाने में किया हंगामा

विजय बहुगुणा के कार्यकाल में पालिका को दूसरी किस्त के रूप में 2 करोड़ 26 लाख आवंटित किए गए. जिसके बाद से ही बजट के अभाव के चलते निर्माण कार्य कछुए की गति से चल रहा है. 8 साल बीत जाने के बाद भी बस अड्डा तैयार नहीं हो पाया है.

वहीं, त्रिवेंद्र सरकार ने बीते सितंबर 2017 में निर्माणाधीन इस बस अड्डे के लिए 1 करोड़ 67 लाख की राशि दी. जबकि 2019 में 1 करोड़ 57 लाख की धनराशि भी आवंटित हो गई है, लेकिन काम में तेजी नहीं आ पाई है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पौड़ीः नगर में स्थित निर्माणाधीन बस अड्डे का कार्य आठ साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. इस बस अड्डे का निर्माण साल 2010 में शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य अधर में लटका है. बस अड्डे के निर्माण को लेकर दोनों ही सरकारों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, लेकिन इसके निर्माण कार्य को पूरा करने में दोनों ही सरकारें नाकामयाब साबित हो रही हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने बस अड्डे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.

पौड़ी में स्थित निर्माणाधीन बस अड्डा सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी मुद्दा बनकर रह गया. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने बस अड्डे के निर्माण को लेकर वाहवाही लूटी, लेकिन आज तक कोई भी पार्टी अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई है. निर्माणाधीन बस अड्डे के पास सड़क निर्माण सामग्री बिखरी हुई है. जिससे रोजना जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

8 सालों से अधर में लटका पौड़ी बस अड्डा.

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वहीं, यातायात सिपाही अनिल का कहना है कि बस अड्डा निर्माणाधीन होने के चलते रोजाना जाम लग रहा है. जिस स्थान पर बसें खड़ी होती थीं, वहां पर निर्माण सामग्री रखी गई है. जिससे बसों को सड़कों के किनारे ही खड़ा करना पड़ रहा है. सड़कें भी संकरी होने के चलते रोजाना दिक्कतें हो रही है.

गौर हो कि, मंडल मुख्यालय पौड़ी में बस अड्डे के लिए साल 2006 में 4 करोड़ 52 लाख की धनराशि की घोषणा की गई थी, लेकिन नगर पालिका को इसकी पहली किस्त साल 2010 में दो करोड़ 26 लाख के रूप में मिली. उसके बाद इस बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू किया गया.

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विजय बहुगुणा के कार्यकाल में पालिका को दूसरी किस्त के रूप में 2 करोड़ 26 लाख आवंटित किए गए. जिसके बाद से ही बजट के अभाव के चलते निर्माण कार्य कछुए की गति से चल रहा है. 8 साल बीत जाने के बाद भी बस अड्डा तैयार नहीं हो पाया है.

वहीं, त्रिवेंद्र सरकार ने बीते सितंबर 2017 में निर्माणाधीन इस बस अड्डे के लिए 1 करोड़ 67 लाख की राशि दी. जबकि 2019 में 1 करोड़ 57 लाख की धनराशि भी आवंटित हो गई है, लेकिन काम में तेजी नहीं आ पाई है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro:पौड़ी का निर्माणाधीन बस अड्डे का निर्माण साल 2010 में शुरू हुए इस बस अड्डे के निर्माण का कार्य आज 8 साल पूरे होने के बाद भी कार्य पूरा नही हो पाया है। पौड़ी ने प्रदेश को चार चार मुख्यमंत्री ही क्यों न दिए हो लेकिन आज पौड़ी विकास के लिए तरस रहा है। पौड़ी आने वाले जनप्रतिनिधियों मंत्रियों  ने मंचो से पौड़ी के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं क्यों न की हो लेकिन घोषणाएं आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है की पौड़ी के मुख्य बस अड्डे का निर्माण 8 साल के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है दोनों ही सरकारों ने बस अड्डे के निर्माण के नाम पर वाह वाही क्यों न लूटी हो लेकिन इसके निर्माण कार्य को पूरा करने में दोनों ही सरकारें नाकामयाब साबित हो रही है।


Body:पौड़ी का निर्माणाधीन बस अड्डा सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी मुद्दा बनकर रह गया लेकिन आज तक यह वादा पूरा नही हो पाया। आज भी सड़क पर पड़े निर्माण सामग्री से रोजना जाम की स्थिति बन रही है जिससे आमजनमानस भी काफी परेशान है । स्थानिय लोगो ने कहा कि पौड़ी की जनता का कहना है कि बस अड्डे के निर्माण ना होने के पीछे शासन प्रशासन की कमियां साफ झलक रही हैं। राजनीतिक पार्टियों के किये सारे वादे भी खोखले साबित हो रहे है। कहा कि बस अड्डे का निर्माण जल्द हो जाता है तो यहां पर आने वाले यात्रियों को भी सुविधाएं मिलेंगी साथ ही शहर में जगह-जगह खड़े होने वाली गाड़ियों को भी स्थान मिलेगा। शहर के विकास के लिए आवश्यक है बस अड्डे के निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो। यातायात सिपाही अनिल बताते है कि बस अड्डा निर्माणाधीन होने के चलते रोजाना जाम लग रहा है जिस स्थान पर बस खड़ी होती थी वहां पर निर्माण सामग्री पड़ी है जिससे सारी बसों को आवाजाही के लिए सड़क पर ही रखा जा रहा है वही सड़के संकरी होने के चलते रोजाना दिक्कत हो रही है।

बाईट-अनूप सिंह(वाहन चालक)

बाईट-राजेश कुकरेती(व्यापारी)

बाईट-अनिल (यातायात सिपाही)



Conclusion:मंडल मुख्यालय पौड़ी के बस अड्डे के लिए वर्ष 2006 में बस अड्डे के निर्माण के लिए 4 करोड़ 52 लाख की धनराशि देने की घोषणा की गयी। लेकिन नगर पालिका पौड़ी को इसकी प्रथम क़िस्त 2010 में दो करोड़ 26 लाख के रूप में प्राप्त हुई। उसके बाद इस बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू किया गया। विजय बहुगुणा के कार्यकाल में पालिका को दूसरी किस्त के रूप में 2 करोड़ 26 लाख और आवंटित किए गए। बजट के अभाव के चलते हैं निर्माण कार्य कछुए की चाल से किया जाता रहा और आज 8 साल बीतने के बाद भी बस अड्डा बनकर तैयार नहीं हो पाया है दोनों ही सरकारों की कमियों के चलते बस अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया हालांकि दोनों सरकारों ने चुनावी मुद्दों में इस बस अड्डे का जिक्र तो किया लेकिन लिखने के बाद उसकी ओर ध्यान तक नहीं दिया।वहीं वर्तमान सरकार ने सितंबर 2017 में पौड़ी निर्माणाधीन इस बस अड्डे के लिए 1 करोड़ 67 लाख की राशि दी है। वही साल 2019 में 1 करोड़ 57 लाख की धनराशि आवंटित हो गयी है धीमी गति से हो रहे निर्माण कार्य के चलते जनता काफी परेशान है। 
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