पौड़ी: जनपद के मौंदाडी गांव निवासी पंचम सिंह रावत को शिक्षा शास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया है. इसके बाद उनके गांव में खुशी का माहौल है. पंचम सिंह ने भारतीय आश्रम की शिक्षा पद्धति, उसकी महत्ता, उपयोगिता, वर्तमान स्थिति व भविष्य पर शोध किया है.
पंचम सिंह ने हिमगिरी विवि में शिक्षा शास्त्र के प्राध्यापक डॉ. अनूप कुमार के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया है. उन्हें पीएचडी की उपाधि मिलने से उनके गांव व जिले में खुशी का माहौल है. डॉक्टरेट की उपाधि मिलने पर पंचम सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में भी वैदिक काल के आश्रम मौजूद हैं. महर्षि कण्व के कण्वाश्रम (कोटद्वार) जनपद पौड़ी, अगस्त्यमुनि आश्रम रुद्रप्रयाग, महर्षि जमदग्नि आश्रम उत्तरकाशी, महर्षि अत्री एवं बद्री का आश्रम जनपद चमोली शोध में शामिल रहा है.
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इन आश्रमों का महत्व देवतुल्य है. साथ ही बताया कि हमने शिक्षा ग्रहण करने के रूप में इन्हें भुला दिया है. पौड़ी के कण्वाश्रम भारतवर्ष का अभिमान है, लेकिन इसके संरक्षण की दिशा में ठोस कार्य नहीं हो पाए हैं और अभी भी इन क्षेत्रों में कार्य करने की जरूरत है.