कोटद्वार: नगर क्षेत्र के व्यापारियों में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक सर्वे टीम व्यापारियों का सर्वे करने पहुंची. व्यापारियों ने सर्वे टीम से जानकारी ली तो आग बबूला होकर नगर आयुक्त के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. व्यापारियों का कहना है कि नगर आयुक्त के द्वारा कोटद्वार बाजार में व्यापारियों का सर्वे करवाया जा रहा है, जो कि व्यापारियों के हित में नहीं है, सर्वे को रोकने के लिए व्यापारियों को चाहे बाजार बंद करना पड़े या धरना प्रदर्शन करना पड़े, लेकिन व्यापारी किसी भी कीमत पर नगर निगम के द्वारा सर्वे को नहीं होने देंगे.
बता दें कि नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त के द्वारा एक आउटसोर्स एजेंसी से नगर क्षेत्र में व्यापारियों का सर्वे करवाया जा रहा है, जो कि सभी व्यापारियों का डेटा एकत्रित कर रही है. डेटा एकत्रित होने के बाद नगर क्षेत्र में व्यापारियों का ट्रेड लाइसेंस बनने की प्रक्रिया शुरू होगी. जिसमें व्यापारियों को व्यवसाय के मुताबिक वार्षिक लाइसेंस फीस जमा करनी होगी. ऐसे में सर्वे टीम का व्यापारियों ने खुलकर विरोध किया, व्यापारियों ने कहा कि किसी भी कीमत पर व्यापारियों का सर्वे नगर निगम के द्वारा नहीं करने दिया जाएगा, इसके लिए व्यापारियों को चाहे बाजार बंद करना पड़े या कोई नई रणनीति बनानी पड़े, सभी 40 वार्ड के व्यापारी सब एक साथ हैं.
व्यापारी संजय मित्तल ने बताया कि सर्वे टीम के पास मौजूद पत्र पर लिखा गया है कि पार्षद व महापौर को इसकी सूचना दे दी गई है, जबकि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है. नगर आयुक्त के द्वारा कोटद्वार बाजार में अराजकता का माहौल बनाया जा रहा है, सभी व्यापारी इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं, अगर यह सर्वे टीम वापस नहीं जाती तो व्यापारी आंदोलन करेंगे रणनीति बनाएंगे, इसके लिए चाहे बाजार बंद करनी पड़े. 40 वार्डों के व्यापारी सब एक साथ हैं.
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वहीं, पूरे मामले पर नगर आयुक्त प्यारे लाल शाह ने बताया कि सभी नगर निकाय, नगर पंचायत व नगर निगम के अंतर्गत जितने भी व्यापारी आते हैं, उनका ट्रेड लाइसेंस नगर निगम के द्वारा बनाया जाता है, जो कि ऑलरेडी अन्य नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में बन चुके हैं. यह व्यवस्था वहां पर चल रही है, इसी के तहत कोटद्वार नगर निगम के द्वारा भी 40 वार्डों में ट्रेड लाइसेंस बनाने के लिए एक आउट सोर्स एजेंसी को चिन्हित किया गया है. वह एजेंसी कोटद्वार नगर क्षेत्र में व्यापारियों का सर्वे कर रही है. लाइसेंस बनने के बाद लाइसेंस की फीस व्यवसाय के तहत जमा होती है. फीस का व्यापारी को वार्षिक भुगतान करना होता है.