ETV Bharat / state

पौड़ी: युवाओं और किसानों को दिखाई गई ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म मोतीबाग

कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुड़ा गांव के रहने वाले 83 वर्षीय किसान विद्यादत्त शर्मा पर बनी लघु फिल्म मोतीबाग फिल्म के मुख्य नायक विद्यादत्त शर्मा के साथ सभी युवाओं को दिखाई गयी.

युवाओं और किसानों को दिखाई गई ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म 'मोतीबाग'
author img

By

Published : Nov 5, 2019, 11:15 PM IST

पौड़ी: मंगलवार को पौड़ी प्रेक्षागृह में युवाओं और किसानों को ऑस्कर के लिए नामित हुई लघु फिल्म मोतीबाग दिखाई गई. इस दौरान कृषि और ग्राम विकास से संबंधित विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे. इस फिल्म के माध्यम से पलायन और खेती को लेकर जो संदेश दिया है उसे युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. फिल्म के बाद जिलाधाकारी ने फिल्म के निर्माता और मुख्य नायक को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि लोगों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.

युवाओं और किसानों को दिखाई गई ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म 'मोतीबाग'

कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुड़ा गांव के रहने वाले 83 वर्षीय किसान विद्यादत्त शर्मा पर बनी लघु फिल्म मोतीबाग फिल्म के मुख्य नायक विद्यादत्त शर्मा के साथ सभी युवाओं को दिखाई गयी. इस दौरान विद्यादत्त शर्मा ने कहा कि वे आज के युवाओं ये संदेश देना चाहते हैं कि पहाड़ के जल, जंगल और जमीन को बचाने की जिम्मेदारी अब उन्हीं के हाथों में है.

पढ़ें-यूं ही नहीं बना उत्तराखंड, दशकों के संघर्ष और शहादतों के बाद मिली अलग पहचान

विद्यादत्त शर्मा ने कहा जो लोग बूढ़े हो चुके हैं वो अपनी जिम्मेदारी पूरी कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि युवा खेती, पशुपालन की मदद से अच्छा रोजगार पा सकते हैं. विद्यादत्त शर्मा ने कहा कि पहाड़ की हवा और पहाड़ की मिट्टी बहुत ही लाभदायक है, इसलिए जो लोग गांव छोड़कर शहरों में कम पैसे में नौकरी कर रहे हैं वे वापस लौट कर यहां से अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.

पढ़ें-मानव श्रृंखला के बीच वाहन लेकर जीरो जोन में घुसे लोग, जमकर उड़ी नियमों की धज्जियां

पौड़ी जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि ये विद्यादत्त शर्मा के पहाड़ के प्रति प्रेम और उनकी मेहनत का ही नतीजा है जो आज उन पर बनी फिल्म ऑस्कर के लिए नामित हुई है. उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों के बाद भी उनका हौसला कायम रहा. अधिक उम्र होने के बाद भी उनका जोश पहाड़ों के लिए कम नहीं हुआ.

पौड़ी: मंगलवार को पौड़ी प्रेक्षागृह में युवाओं और किसानों को ऑस्कर के लिए नामित हुई लघु फिल्म मोतीबाग दिखाई गई. इस दौरान कृषि और ग्राम विकास से संबंधित विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे. इस फिल्म के माध्यम से पलायन और खेती को लेकर जो संदेश दिया है उसे युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. फिल्म के बाद जिलाधाकारी ने फिल्म के निर्माता और मुख्य नायक को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि लोगों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.

युवाओं और किसानों को दिखाई गई ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म 'मोतीबाग'

कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुड़ा गांव के रहने वाले 83 वर्षीय किसान विद्यादत्त शर्मा पर बनी लघु फिल्म मोतीबाग फिल्म के मुख्य नायक विद्यादत्त शर्मा के साथ सभी युवाओं को दिखाई गयी. इस दौरान विद्यादत्त शर्मा ने कहा कि वे आज के युवाओं ये संदेश देना चाहते हैं कि पहाड़ के जल, जंगल और जमीन को बचाने की जिम्मेदारी अब उन्हीं के हाथों में है.

पढ़ें-यूं ही नहीं बना उत्तराखंड, दशकों के संघर्ष और शहादतों के बाद मिली अलग पहचान

विद्यादत्त शर्मा ने कहा जो लोग बूढ़े हो चुके हैं वो अपनी जिम्मेदारी पूरी कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि युवा खेती, पशुपालन की मदद से अच्छा रोजगार पा सकते हैं. विद्यादत्त शर्मा ने कहा कि पहाड़ की हवा और पहाड़ की मिट्टी बहुत ही लाभदायक है, इसलिए जो लोग गांव छोड़कर शहरों में कम पैसे में नौकरी कर रहे हैं वे वापस लौट कर यहां से अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.

पढ़ें-मानव श्रृंखला के बीच वाहन लेकर जीरो जोन में घुसे लोग, जमकर उड़ी नियमों की धज्जियां

पौड़ी जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि ये विद्यादत्त शर्मा के पहाड़ के प्रति प्रेम और उनकी मेहनत का ही नतीजा है जो आज उन पर बनी फिल्म ऑस्कर के लिए नामित हुई है. उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों के बाद भी उनका हौसला कायम रहा. अधिक उम्र होने के बाद भी उनका जोश पहाड़ों के लिए कम नहीं हुआ.

Intro:
पौड़ी के प्रेक्षागृह में ऑस्कर के लिए नामित हुई लघु फिल्म मोतीबाग आज युवाओं और कृषकों को दिखाई गई। कृषि और ग्राम विकास से संबंधित विभाग के आला अधिकारी भी इस फिल्म को देखने के लिए मौजूद रहे। फिल्म में दर्शाया गया है कि किस तरह से 84 वर्षीय किसान विद्या दत्त शर्मा अपनी पूरी मेहनत और लगन से खेतों में मेहनत कर आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। हर मौसम में अपने खेतों में विभिन्न प्रकार की सब्ज़ी अनाज उगाकर मिशाल पेश कर रहे है।
फिल्म के निर्माता और फिल्म के मुख्य नायक दोनों को जिलाधिकारी पौड़ी की ओर से सम्मानित करते हुए लोगों को उनसे प्रेरणा लेने को कहा। आज हमारे पहाड़ का युवा गांव छोड़कर अन्य शहरों में नौकरी करने को तैयार है लेकिन कुछ युवा विद्या दत्त शर्मा से प्रेरित होकर गांव वापस लौट कर अपने गांव को आबाद करने का प्रयास कर रहे हैं।Body:कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुड़ा गांव के रहने वाले 83 वर्षीय किसान विद्यादत्त शर्मा पर बनी लघु फिल्म मोतीबाग जो कि ऑस्कर के लिए नामित हुई है इस फिल्म के मुख्य नायक विद्यादत्त शर्मा के साथ सभी युवाओं को दिखाई गयी। विद्यादत्त शर्मा ने कहा कि आज के युवाओं को यही संदेश देना चाहते हैं कि पहाड़ के जल जंगल और जमीन को बचाने की जिम्मेदारी उन्हीं के हाथों में है जो लोग वृद्ध हो चुके हैं उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है लेकिन हमारे पहाड़ को बचाने की जिम्मेदारी अभी इनही युवाओं के हाथ में है अपने खेतों में कृषि पशुपालन की मदद से अच्छा रोजगार किया जा सकता है पहाड़ की हवा और पहाड़ की मिट्टी बहुत ही लाभदायक है इसलिए जो लोग गांव छोड़ शहरों में कम पैसे में नौकरी कर रहे हैं वह अपने गांव वापस आकर अपने खेतों में मेहनत करके अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।Conclusion:जिलाधिकारी पौड़ी धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि 83 वर्षीय किसान विद्यादत्त शर्मा जो कि सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद पहाड़ प्रेम और उनकी मेहनत का परिणाम है कि आज उन पर बनी फिल्म ऑस्कर के लिए नामित हुई है। विभिन्न परिस्थितियों के बाद भी उनका हौसला कायम रहा अधिक उम्र होने के बाद भी उनका जोश पहाड़ों के लिए कम नहीं हुआ है और वह चाहते हैं कि युवाओं को इनसे प्रेरणा लेकर अपने पहाड़ में खेती के क्षेत्र में मेहनत कर रोजगार करना चाहिए। आज पहाड़ का युवा बहुत कम पैसे के लिए गांव छोड़कर शहर में जा रहा है यदि वह विद दत्त शर्मा की तरह मेहनत करें तो वह अपने गांव में बहुत अच्छी आमदनी कमा सकता है
बाईट-विद्यादात्त शर्मा
बाईट-धीराज सिंह (जिलाधिकारी पौड़ी)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.