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गढ़वाल केंद्रीय विवि के नए कुलसचिव धीरज शर्मा की है अग्निपरीक्षा, सेल्स एग्जीक्यूटिव से रजिस्ट्रार तक ऐसा रहा सफर

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विवि को अपना नया कुलसचिव मिल गया है. मेरठ के रहने वाले प्रो धीरज शर्मा विवि के नए कुलसचिव होंगे. प्रोफेसर धीरज शर्मा के सामने केंद्रीय विवि में समस्याओं का अंबार भी लगा है. नए कुलसचिव यानी रजिस्ट्रार की अब तक की क्या हैं उपलब्धियां और किन समस्याओं से होंगे दो-चार पढ़िए इस खबर में.

Garhwal University News
गढ़वाल विवि समाचार
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Published : Jul 1, 2023, 8:21 AM IST

Updated : Jul 1, 2023, 11:29 AM IST

गढ़वाल केंद्रीय विवि के नए कुलसचिव धीरज शर्मा

श्रीनगर: मेरठ के साधारण परिवार में जन्मे धीरज पढ़ाई के साथ छात्र जीवन में दिल्ली में रहते हुए एक प्राइवेट कंपनी में एक वर्ष तक सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर भी कार्य कर चुके हैं. पूर्व में शर्मा भूटान रॉयल यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट विभाग में 6 वर्ष तक प्रोफेसर के पद पर कार्य कर चुके हैं. इसके साथ ही प्रोफेसर धीरज आईएमएस गाजियाबाद, गलगोटिया विवि में भी अध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इन्होंने स्नातक कुमाऊं विवि से किया था. मास्टर डिग्री ओर पीएचडी जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर से की.

ये होंगी चुनौतियां: नव नियुक्त कुलसचिव के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती विवि में कार्यरत लिपिक संगर्ग और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति की होगी. उक्त कर्मचारी 20 से 30 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत हैं. जो कर्मचारी जिस पद पर लगा, उसी से सेवानिवृत्त होने को मजबूर है. इससे इन कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि रेगुलराइजेशन में कई अनिमिताएं हो रखी हैं. जिन्हें सुधारने की मांग कर्मचारी काफी समय से करते आ रहे हैं.

लिपिकों का कैडर स्ट्रक्चर लेगा परीक्षा: वहीं लिपिकीय संवर्ग का कैडर स्ट्रक्चर पूरी तरह गलत बना है, जिसे ठीक करने की चुनौती भी नए कुलसचिव के समक्ष होगी. विवि से जुड़े कॉलेजों की असम्बद्धता का मामला भी उसके समक्ष रहेगा. केन्द्रीय विवि बनने से पूर्व यह सब कॉलेज विवि से जुड़े थे और कोर्ट ने भी इनके पक्ष में फैसला दिया था. अब देखना यह है कि नये कुलसचिव इस प्रकरण से कैसे निपटते हैं.

सीयूईटी परीक्षा सेंटर का मामला है पेंचीदा: इस समय विवि के समक्ष विवि प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली सीयूईटी परीक्षा भी है. इसके परीक्षा केंद्र छात्रों को बाहर दिए गए, जिससे छात्रों में काफी आक्रोश व्याप्त है. वहीं छात्रों की कई मांगें भी नए कुलसचिव की अग्निपरीक्षा लेंगी. विवि से जुड़े कॉलेजों की असम्बद्धता का मामला भी उसके समक्ष होगा. यदि यह सभी कॉलेज विवि असम्बद्ध होते हैं, तो विवि को आय के स्रोत भी बढ़ाने होंगे.
ये भी पढ़ें: HNB Garhwal University को मिले स्थायी कुलसचिव समेत 4 अधिकारी, 9 परमानेंट फैकल्टी भी करेगी ज्वाइन

कोर्ट में चल रहे मामलों में ठीक पैरवी की चुनौती: विवि के कई मामले उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चल रहे हैं. कई मामले तो विवि के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. इसलिए कोर्ट में इन मामलों की ठीक से पैरवी करना और विवि की गिरती रैकिंग में सुधार लाना भी इनके लिए चुनौती होगी. रैकिंग को लेकर विवि की कुलपति भी चिंता जाहिर कर चुकी हैं. वहीं नैक टीम का भ्रमण भी विवि में होने वाला है. विवि की व्यवस्थाएं पटरी पर लाना, परीक्षा समय से करवाना आदि मामले भी नए कुलसचिव की परीक्षा लेंगे.

गढ़वाल केंद्रीय विवि के नए कुलसचिव धीरज शर्मा

श्रीनगर: मेरठ के साधारण परिवार में जन्मे धीरज पढ़ाई के साथ छात्र जीवन में दिल्ली में रहते हुए एक प्राइवेट कंपनी में एक वर्ष तक सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर भी कार्य कर चुके हैं. पूर्व में शर्मा भूटान रॉयल यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट विभाग में 6 वर्ष तक प्रोफेसर के पद पर कार्य कर चुके हैं. इसके साथ ही प्रोफेसर धीरज आईएमएस गाजियाबाद, गलगोटिया विवि में भी अध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इन्होंने स्नातक कुमाऊं विवि से किया था. मास्टर डिग्री ओर पीएचडी जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर से की.

ये होंगी चुनौतियां: नव नियुक्त कुलसचिव के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती विवि में कार्यरत लिपिक संगर्ग और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति की होगी. उक्त कर्मचारी 20 से 30 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत हैं. जो कर्मचारी जिस पद पर लगा, उसी से सेवानिवृत्त होने को मजबूर है. इससे इन कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि रेगुलराइजेशन में कई अनिमिताएं हो रखी हैं. जिन्हें सुधारने की मांग कर्मचारी काफी समय से करते आ रहे हैं.

लिपिकों का कैडर स्ट्रक्चर लेगा परीक्षा: वहीं लिपिकीय संवर्ग का कैडर स्ट्रक्चर पूरी तरह गलत बना है, जिसे ठीक करने की चुनौती भी नए कुलसचिव के समक्ष होगी. विवि से जुड़े कॉलेजों की असम्बद्धता का मामला भी उसके समक्ष रहेगा. केन्द्रीय विवि बनने से पूर्व यह सब कॉलेज विवि से जुड़े थे और कोर्ट ने भी इनके पक्ष में फैसला दिया था. अब देखना यह है कि नये कुलसचिव इस प्रकरण से कैसे निपटते हैं.

सीयूईटी परीक्षा सेंटर का मामला है पेंचीदा: इस समय विवि के समक्ष विवि प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली सीयूईटी परीक्षा भी है. इसके परीक्षा केंद्र छात्रों को बाहर दिए गए, जिससे छात्रों में काफी आक्रोश व्याप्त है. वहीं छात्रों की कई मांगें भी नए कुलसचिव की अग्निपरीक्षा लेंगी. विवि से जुड़े कॉलेजों की असम्बद्धता का मामला भी उसके समक्ष होगा. यदि यह सभी कॉलेज विवि असम्बद्ध होते हैं, तो विवि को आय के स्रोत भी बढ़ाने होंगे.
ये भी पढ़ें: HNB Garhwal University को मिले स्थायी कुलसचिव समेत 4 अधिकारी, 9 परमानेंट फैकल्टी भी करेगी ज्वाइन

कोर्ट में चल रहे मामलों में ठीक पैरवी की चुनौती: विवि के कई मामले उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चल रहे हैं. कई मामले तो विवि के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. इसलिए कोर्ट में इन मामलों की ठीक से पैरवी करना और विवि की गिरती रैकिंग में सुधार लाना भी इनके लिए चुनौती होगी. रैकिंग को लेकर विवि की कुलपति भी चिंता जाहिर कर चुकी हैं. वहीं नैक टीम का भ्रमण भी विवि में होने वाला है. विवि की व्यवस्थाएं पटरी पर लाना, परीक्षा समय से करवाना आदि मामले भी नए कुलसचिव की परीक्षा लेंगे.

Last Updated : Jul 1, 2023, 11:29 AM IST
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