पौड़ी: जिले के नागदेव क्षेत्र में साल 2012 से लगातार मशरूम की खेती कर रहे लोगों को पिछले साल के मुकाबले इस साल मायूसी हाथ लगी है. जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पाई है. किसानों का कहना है कि मशरूम की खेती मौसम पर निर्भर होती है, इस साल अधिक बर्फबारी होने के चलते मशरूम का उत्पादन ज्यादा नहीं हो पाया.
पौड़ी में मशरूम की खेती कर रहे स्थानीय लोग ठंडे मौसम के अनुरूप ही खेती करते हैं, लेकिन इस वर्ष अधिक ठंडा होने के चलते और लगातार बर्फबारी के कारण मशरूम का उत्पादन सही नहीं हो पाया.
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मशरूम की खेती करने वाले विपिन रावत बताते हैं कि पिछले साल 12 कुंतल मशरूम का उत्पादन हुआ था. उन्होंने इस साल 6 कुंतल तक मशरूम उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन मौसम की मार के चलते मात्र 3 कुंतल ही इसका उत्पादन हुआ है. जिससे मशरूम की लागत भी नहीं निकल पाई है.
विपिन रावत का कहना है कि उनके सामने बड़ी समस्या मशरूम की कंपोस्ट को लेकर है. रुड़की हरिद्वार से कंपोस्ट पौड़ी तक पहुंचने में उन्हें काफी महंगा पड़ता है. वहीं, प्राकृतिक मौसम के भरोसे ही मशरूम की खेती करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से मशरूम के क्षेत्र में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए.