श्रीनगर: नगर पालिका में ईओ की तैनाती का विवाद जिला अधिकारी पौड़ी तक पहुंच गया है. मामले में जिलाधिकारी डॉ. विजय जोगदंडे का कहना है कि श्रीनगर नगर पालिका में नगर आयुक्त की नियुक्ति की जा चुकी है. उन्हें ही नगर पालिका का सारा कार्य देखना है. अगर पालिका के कार्य में कोई भी दिक्कत आती है तो वे इस पर वैधानिक कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि श्रीनगर पालिका में प्रशासन को जिमेदारी दिए जाने के मामले में हाईकोट ने रोक लगा दी थी. जिसके बाद शासन द्वारा नगर आयुक्त की नियुक्ति नगर पालिका श्रीनगर में कई जा चुकी है.
अभी पालिका के कर्मी ईमानदारी से नगर के सारे कार्य करेंगे. इससे पूर्व श्रीनगर नगर पालिका की अध्यक्ष पूनम तिवारी ने प्रशासन और सरकार पर आरोप लगाया था कि नगर पालिका में ईओ की तैनाती ना होने के कारण नगर के सारे काम ठप पड़े हैं. इसके कारण न तो कर्मियों को वेतन मिल पा रहा है और न ही शहर की सफाई व्यवस्था ही सुचारू हो रही है. ऐसे में पालिका में अवस्थाओं का माहौल चरम पर है.
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विदित हो कि बीते 3 सितंबर को श्रीनगर में जन आशीर्वाद रैली के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर को नगर निगम का तोहफा दिया था. जहां उन्होंने श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी. वैसे नगर पालिका परिषद श्रीनगर के उच्चीकरण का फैसला कैबिनेट में पूर्व में लिया गया था. उसके बाद अधिसूचना भी जारी की गई थी.
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इसके साथ ही सरकार ने बीते 3 जनवरी को श्रीनगर नगर पालिका को भंग कर दिया था. साथ में जिलाधिकारी को नगर निगम का प्रशासक नियुक्त कर दिया था. जिसके बाद सरकार के पालिका को भंग करने के आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसके बाद 14 जनवरी को नैनीताल हाईकोर्ट ने श्रीनगर नगर पालिका को भंग करने के फैसले पर रोक लगा दी. नगर निगम के प्रशासक को वहां से हटा दिया था. साथ ही राज्य सरकार से मामले में चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा था. तब से अब तक नगर पालिका में नगर आयुक्त ही पालिका के कार्य देख रहे हैं.