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ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर आवाजाही में खतरा, PWD ने की अपील - uttarakhand news today

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खोले जाने के बाद भी मार्ग पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है. इसे देखते हुए हाईवे पर काम कर रही पीडब्ल्यूडी ने लोगों से इस पैच से आवाजाही न करने की अपील की है.

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कार्य पूरा होने तक ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर आवाजाही बंद.
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Published : Jul 26, 2020, 8:25 PM IST

श्रीनगर: श्रीनगर से 55 किलोमीटर दूर तोता घाटी में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया है, लेकिन यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं है. इसे देखते हुए हाईवे पर काम कर रही पीडब्ल्यूडी ने लोगों से इस पैच से आवाजाही न करने की अपील की है.

बता दें कि मौजूदा समय में देवप्रयाग से कौड़ियाला की बीच 30 किलोमीटर पैच में अधिकांश कटिंग काम निपट चुका है. वहीं, तोता घाटी का 2 किलोमीटर पैच में कटिंग करना पीडब्ल्यूडी के लिए परेशानी का सबब बन गया है. विगत मार्च महीने से यहां ब्लास्टिंग से चट्टान तोड़ने का काम चल रहा है. जो अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है. साथ ही यहां वाहनों का आवागमन खतरे से खाली नहीं रह गया है. काम और खतरे को देखते हुए टिहरी प्रशासन ने इस पैच में बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी, जबकि छोटे वाहन सिर्फ दिन के समय ही चल रहे हैं. विगत 18 जुलाई को तोता घाटी में 60 मीटर मार्ग ध्वस्त हो गया था. 6 दिन बाद सड़क यातायात के लिए खोल तो दी गई, लेकिन खतरा और भी बढ़ गया.

ये भी पढ़ें: सरकार ने चारधाम यात्रा की दी अनुमति, गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने किया विरोध

विभाग के एई द्विवेदी ने बताया कि पहाड़ कटान के कारण मार्ग कुछ स्थानों पर अधिक संकरा हो गया है. साथ ही बारिश से पत्थर गिरने की संभावना बनी रहती है. इसे देखते हुए यहां से लोगों से आवागमन न करने की अपील की गई है. विभाग के सहायक अभियंता बीएन द्विवेदी के अनुसार मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद नहीं किया गया है. सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से आम जनता से इस भाग से आवागमन न करने का अनुरोध किया गया है. वाहन चालक ऋषिकेश-नरेंद्रनगर-टिहरी-मलेथा या अन्य वैकल्पिक मोटर मार्गों का प्रयोग कर सकते हैं.

श्रीनगर: श्रीनगर से 55 किलोमीटर दूर तोता घाटी में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया है, लेकिन यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं है. इसे देखते हुए हाईवे पर काम कर रही पीडब्ल्यूडी ने लोगों से इस पैच से आवाजाही न करने की अपील की है.

बता दें कि मौजूदा समय में देवप्रयाग से कौड़ियाला की बीच 30 किलोमीटर पैच में अधिकांश कटिंग काम निपट चुका है. वहीं, तोता घाटी का 2 किलोमीटर पैच में कटिंग करना पीडब्ल्यूडी के लिए परेशानी का सबब बन गया है. विगत मार्च महीने से यहां ब्लास्टिंग से चट्टान तोड़ने का काम चल रहा है. जो अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है. साथ ही यहां वाहनों का आवागमन खतरे से खाली नहीं रह गया है. काम और खतरे को देखते हुए टिहरी प्रशासन ने इस पैच में बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी, जबकि छोटे वाहन सिर्फ दिन के समय ही चल रहे हैं. विगत 18 जुलाई को तोता घाटी में 60 मीटर मार्ग ध्वस्त हो गया था. 6 दिन बाद सड़क यातायात के लिए खोल तो दी गई, लेकिन खतरा और भी बढ़ गया.

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विभाग के एई द्विवेदी ने बताया कि पहाड़ कटान के कारण मार्ग कुछ स्थानों पर अधिक संकरा हो गया है. साथ ही बारिश से पत्थर गिरने की संभावना बनी रहती है. इसे देखते हुए यहां से लोगों से आवागमन न करने की अपील की गई है. विभाग के सहायक अभियंता बीएन द्विवेदी के अनुसार मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद नहीं किया गया है. सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से आम जनता से इस भाग से आवागमन न करने का अनुरोध किया गया है. वाहन चालक ऋषिकेश-नरेंद्रनगर-टिहरी-मलेथा या अन्य वैकल्पिक मोटर मार्गों का प्रयोग कर सकते हैं.

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