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सेना और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बीच MoU साइन, आपदा और युद्ध की स्थिति में करेंगे मदद - श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और भारतीय सेना आपदा में मदद

आपदा और युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना अब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकेगी. इसके लिए भारतीय सेना और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के बीच MoU साइन हुआ है.

indian army and srinagar medical college
भारतीय सेना और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज
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Published : Aug 11, 2021, 8:43 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 10:44 PM IST

श्रीनगरः भारतीय सेना और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. इसके तहत सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य ने एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. एमओयू के अनुसार युद्ध काल, आपदा जैसी स्थिति में सेना, मेडिकल कॉलेज के संसाधनों का उपयोग आसानी से कर सकेगी. साथ ही सेना मेडिकल कॉलेज को अपने मानव संसाधन भी मुहैया करवाएगी.

बता दें कि नीती-माणा बॉर्डर के नजदीक एक मात्र मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में ही है, जो सेना के लिए भी बड़े अस्त्र की तरह युद्ध काल में काम आ सकता है. चमोली जिला चीन सीमा से सटा हुआ है. जबकि, मेडिकल कॉलेज चमोली, रुद्रप्रयाग जिले के हायर सेंटर और एक मात्र मेडिकल कॉलेज भी है. ऐसे में इसका इस्तेमाल सेना करना चाहती है. ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि अस्पताल में संसाधनों की बढ़ोत्तरी भी होगी.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होगी दूर, पहाड़ों में बनेंगे स्पेशलिस्ट डॉक्टर

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सीएमएस रावत ने बताया कि सेना के साथ एमओयू साइन हुआ है. जिसके तहत सेना आवश्यकता अनुसार मेडिकल कॉलेज के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसे में साफ है कि सेना वीर चंद सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के साथ चीन सीमा में हो रही हलचल के दौरान फ्रंट लाइन टीम की तरह इस्तेमाल में लाना चाहती है.

श्रीनगरः भारतीय सेना और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बीच एक एमओयू साइन हुआ है. इसके तहत सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य ने एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. एमओयू के अनुसार युद्ध काल, आपदा जैसी स्थिति में सेना, मेडिकल कॉलेज के संसाधनों का उपयोग आसानी से कर सकेगी. साथ ही सेना मेडिकल कॉलेज को अपने मानव संसाधन भी मुहैया करवाएगी.

बता दें कि नीती-माणा बॉर्डर के नजदीक एक मात्र मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में ही है, जो सेना के लिए भी बड़े अस्त्र की तरह युद्ध काल में काम आ सकता है. चमोली जिला चीन सीमा से सटा हुआ है. जबकि, मेडिकल कॉलेज चमोली, रुद्रप्रयाग जिले के हायर सेंटर और एक मात्र मेडिकल कॉलेज भी है. ऐसे में इसका इस्तेमाल सेना करना चाहती है. ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि अस्पताल में संसाधनों की बढ़ोत्तरी भी होगी.

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श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सीएमएस रावत ने बताया कि सेना के साथ एमओयू साइन हुआ है. जिसके तहत सेना आवश्यकता अनुसार मेडिकल कॉलेज के संसाधनों का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसे में साफ है कि सेना वीर चंद सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के साथ चीन सीमा में हो रही हलचल के दौरान फ्रंट लाइन टीम की तरह इस्तेमाल में लाना चाहती है.

Last Updated : Aug 11, 2021, 10:44 PM IST
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