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Srinagar Treasury Scam: उप कोषागार श्रीनगर में 38 लाख का गबन, एक लेखाकार की हो चुकी मौत

टिहरी और पौड़ी के बाद श्रीनगर में भी ट्रेजरी में घोटाला सामने आया है. उप कोषागार श्रीनगर में दो लेखाकार पर पेंशनरों के खातों से 38 लाख से ज्यादा की धनराशि गबन का आरोप लगा है. जिसमें एक लेखाकार की मौत हो चुकी है. मामले की जांच कोतवाली श्रीनगर एसएसआई रणवीर रमोला कर रहे हैं.

Srinagar sub treasury
उप कोषागार श्रीनगर
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Published : Jan 11, 2022, 9:55 PM IST

श्रीनगरः उप कोषागार श्रीनगर में लेखाकारों की ओर से पेंशनरों के खातों से 38 लाख से ज्यादा की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है. कोषागार के अधिकारियों ने पुलिस को मामले की शिकायत सौंपी है. शिकायत मिलने के बाद श्रीनगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस की मानें तो जल्द ही मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.

जानकारी के मुताबिक, श्रीनगर उप कोषागार के ट्रेजरी ऑफिसर नरेंद्र खत्री ने कोतवाली श्रीनगर में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि कोषागार में कार्यरत लेखाकार सुभाष चंद और लेखाकार स्वर्गीय हरि दर्शन बिष्ट की ओर से दस्तावेजों में हेर-फेर किया गया है. साथ ही करीब साढ़े 38 लाख रुपए का गबन किया है.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटाला, 15 लाख से ज्यादा का गबन

वहीं, शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि इन लेखाकारों की ओर से मृतक रिटायर कर्मियों के फर्जी दस्तावेजों और फर्जी अकाउंट के जरिए ये पूरा फर्जीवाड़ा किया गया है. अब इस मामले की पूरी जांच कोतवाली श्रीनगर एसएसआई रणवीर रमोला कर रहे हैं.

श्रीनगर उप कोषागार श्रीनगर में 38 लाख का गबन.

वहीं, जांच ऑफिसर एसएसआई रणवीर रमोला ने बताया कि मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, सभी को जांच के दायरे में लाया जा रहा है. जल्द मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.

जालसाजी को ऐसे दिया अंजामः जानकारी के मुताबिक, साल 2016 से 2019 के बीच 75 मृतकों को जीवित दिखाकर उनको मिलने वाली पेंशन राशि को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी. दोनों ने मृतक पेंशनर्स की पेंशन बंद करने के बजाय उनकी पेंशन की धनराशि अपने खातों में डाली थी. इतना ही नहीं दोनों ने फेक आईडी के माध्यम से इस काम को अजांम दिया था.

पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटालाः कोषागार पौड़ी में भी सेवारत एक लेखा लिपिक की ओर से पेंशनरों के खातों से 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला भी सामने आ चुका है. मामले में पुलिस लेखा लिपिक नितिन रावत के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर चुकी है.

सीटीओ चंद्रा की मानें तो नितिन रावत की ओर से 15 लाख 36 हजार 362 रुपये के सरकारी धन का गबन किया गया है. साथ ही शासकीय पत्रावलियां भी गायब की हैं. लेखा लिपिक नितिन तीन से अधिक खातों में लंबे समय से पेंशनरों के खातों से धनराशि डाल रहा था. यह धनराशि लेखा लिपिक नितिन रावत और उप-कोषागार श्रीनगर के एक कार्मिक के अलावा अन्य खातों में जा रही थी.

ये भी पढ़ेंः टिहरी ट्रेजरी गबन मामला: दूसरे आरोपी यशपाल नेगी की कार बरामद, फरार दोषियों की तलाश में जुटी पुलिस

टिहरी की ट्रेजरी में भी हुआ था घपला: नई टिहरी कोषागार में करोड़ों रुपयों का गबन करने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. 29 दिसंबर 2021 को नई टिहरी के सहायक कोषाधिकारी अरविंद चौहान ने नई टिहरी कोतवाली में लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी, पीआरडी जवान सुरेंद्र सिंह पंवार, खाताधारक मनोज कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

मामले के तहत आरोप था कि नई टिहरी कोषागार में कार्यरत लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी ने खाता धारकों के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से पेंशन व एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया.

इस मामले पर कोतवाली नई टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रथम जांच में घोटाला 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का पाया गया. जांच के दौरान सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम सबसे पहले प्रकाश में आए. आरोप है कि कोषागार के कर्मचारियों ने इन तीनों खाताधारकों के खाते में रुपए डालकर गबन किया.

ऐसे करते थे गबनः पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपए देकर बाकी सारे रुपए वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम देते थे.

श्रीनगरः उप कोषागार श्रीनगर में लेखाकारों की ओर से पेंशनरों के खातों से 38 लाख से ज्यादा की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है. कोषागार के अधिकारियों ने पुलिस को मामले की शिकायत सौंपी है. शिकायत मिलने के बाद श्रीनगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस की मानें तो जल्द ही मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.

जानकारी के मुताबिक, श्रीनगर उप कोषागार के ट्रेजरी ऑफिसर नरेंद्र खत्री ने कोतवाली श्रीनगर में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि कोषागार में कार्यरत लेखाकार सुभाष चंद और लेखाकार स्वर्गीय हरि दर्शन बिष्ट की ओर से दस्तावेजों में हेर-फेर किया गया है. साथ ही करीब साढ़े 38 लाख रुपए का गबन किया है.

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वहीं, शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि इन लेखाकारों की ओर से मृतक रिटायर कर्मियों के फर्जी दस्तावेजों और फर्जी अकाउंट के जरिए ये पूरा फर्जीवाड़ा किया गया है. अब इस मामले की पूरी जांच कोतवाली श्रीनगर एसएसआई रणवीर रमोला कर रहे हैं.

श्रीनगर उप कोषागार श्रीनगर में 38 लाख का गबन.

वहीं, जांच ऑफिसर एसएसआई रणवीर रमोला ने बताया कि मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, सभी को जांच के दायरे में लाया जा रहा है. जल्द मामले में गिरफ्तारी की जाएगी.

जालसाजी को ऐसे दिया अंजामः जानकारी के मुताबिक, साल 2016 से 2019 के बीच 75 मृतकों को जीवित दिखाकर उनको मिलने वाली पेंशन राशि को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी. दोनों ने मृतक पेंशनर्स की पेंशन बंद करने के बजाय उनकी पेंशन की धनराशि अपने खातों में डाली थी. इतना ही नहीं दोनों ने फेक आईडी के माध्यम से इस काम को अजांम दिया था.

पौड़ी की ट्रेजरी में भी घोटालाः कोषागार पौड़ी में भी सेवारत एक लेखा लिपिक की ओर से पेंशनरों के खातों से 15 लाख से अधिक की धनराशि के गबन का मामला भी सामने आ चुका है. मामले में पुलिस लेखा लिपिक नितिन रावत के खिलाफ सरकारी धन के गबन और दस्तावेज गायब करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर चुकी है.

सीटीओ चंद्रा की मानें तो नितिन रावत की ओर से 15 लाख 36 हजार 362 रुपये के सरकारी धन का गबन किया गया है. साथ ही शासकीय पत्रावलियां भी गायब की हैं. लेखा लिपिक नितिन तीन से अधिक खातों में लंबे समय से पेंशनरों के खातों से धनराशि डाल रहा था. यह धनराशि लेखा लिपिक नितिन रावत और उप-कोषागार श्रीनगर के एक कार्मिक के अलावा अन्य खातों में जा रही थी.

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टिहरी की ट्रेजरी में भी हुआ था घपला: नई टिहरी कोषागार में करोड़ों रुपयों का गबन करने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. 29 दिसंबर 2021 को नई टिहरी के सहायक कोषाधिकारी अरविंद चौहान ने नई टिहरी कोतवाली में लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी, पीआरडी जवान सुरेंद्र सिंह पंवार, खाताधारक मनोज कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

मामले के तहत आरोप था कि नई टिहरी कोषागार में कार्यरत लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी ने खाता धारकों के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से पेंशन व एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया.

इस मामले पर कोतवाली नई टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रथम जांच में घोटाला 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का पाया गया. जांच के दौरान सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम सबसे पहले प्रकाश में आए. आरोप है कि कोषागार के कर्मचारियों ने इन तीनों खाताधारकों के खाते में रुपए डालकर गबन किया.

ऐसे करते थे गबनः पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपए देकर बाकी सारे रुपए वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम देते थे.

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