पौड़ी: जिले में मेरी आंगनबाड़ी मेरी पहचान को लेकर सीडीओ ने विकास भवन में समीक्षा बैठक ली. मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे ने बताया कि जनपद में फिलहार 70 आंगनबाड़ी केंद्रों को अधिकारियों ने गोद लिया है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चे के जीवन की शुरुआती अठखेलियां और क्रियाकलापों की स्थली होती है. लिहाजा उन्होंने अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता, गंभीरता तथा व्यक्तिगत रुचि लेते हुए बच्चों और उनसे जुड़े कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिये. केंद्रों पर अनुपूरक पोषाहार, स्कूल पूर्ण शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच तथा पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा सुविधाओं को बेहतर तरीके से देने को कहा गया.
सीडीओ ने कहा कि यदि व्यवहारिक रूप से तथा बच्चों की सुविधाओं के अनुकूल रहे तो आंगनबाड़ी केंद्रों को निकटवर्ती प्राथमिक विद्यालयों में शिफ्ट करें. जिससे शिक्षा विभाग की मूलभूत सुविधाओं का लाभ भी बाल विकास विभाग की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में प्राप्त हो सके. सीडीओ ने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को विभाग द्वारा तथा अन्य सहयोगी विभागों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली सुविधाओं की सूची संबंधित अधिकारियों से साझा करने के निर्देश दिये.
उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी पंजिकाओं में विवरण दर्ज करने तथा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का प्रशिक्षण देने को कहा. बैठक में डीपीओ जितेंद्र कुमार ने प्रेजेन्टेशन देते हुए विभाग द्वारा बच्चों, किशोरियों और धात्री महिलाओं के समुचित विकास के लिए चलायी जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि केंद्रों को गोद लेने वाले अधिकारी अपने विजन से आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोई बेहतर इनोवेटिव प्रयास भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र पर बच्चों और महिलाओं को जागरूक किया जाएगा.
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नोडल अधिकारियों को केंद्र में मेन्यू, टीकाकरण, पका भोजन, टेक होम राशन, संस्थागत प्रसव हेतु पंजीकरण, बाल लिंगानुपात सुधार से संबंधित कार्यों और इससे जुड़े दस्तावेजों की जांच करनी होगी तथा उसके अनुरूप अपनी रिपोर्ट दे सकते हैं.