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पौड़ी में नम आंखों से दी गई शहीद दीपेंद्र को अंतिम विदाई, अंतिम यात्रा में उमड़ा लोगों का हुजूम

Garhwal Rifle Soldier Martyr जम्मू-कश्मीर में 9-गढ़वाल में तैनात शहीद दीपेंद्र सिंह रावत को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. शहीद जवान दीपेंद्र अपने पीछे पत्नी और एक बेटे को छोड़ गये हैं. शहीद की अंतिम विदाई में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 9, 2023, 3:00 PM IST

पौड़ी: जिले के बीरोंखाल ब्लॉक निवासी सेना का एक जवान कॉन्वॉय के दौरान अपनी ही बंदूक से निकली गोली से शहीद हो गया था. दीपेंद्र सिंह रावत का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में उनके घर पहुंचा, पूरा माहौल गमगीन हो गया. गांव के क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग और क्या महिलाएं अपने आंसुओं को रोक नहीं पाईं. जिसके बाद सैन्य सम्मान के साथ जवान को अंतिम विदाई दी गई.

Garhwal Rifle Soldier Martyr
शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते लोग

गढ़वाल राइफल में तैनात था दीपेंद्र: बताया जा रहा है कि जवान जम्मू-कश्मीर में तैनात था, कॉन्वॉय के दौरान अपनी ही बंदूक से गोली लगने से जवान की मौत हो गई. तहसीलदार थलीसैंण आनंदपाल ने बताया कि बीरोंखाल ब्लॉक के पसोल गांव निवासी 30 साल के दीपेंद्र सिंह रावत जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए. बताया कि दीपेंद्र साल 2013 में 9-गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे. इन दिनों दीपेंद्र जम्मू और कश्मीर में तैनात थे.
पढ़ें-चित्रशिला घाट हुआ शहीद दीपक का अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी गई विदाई

पत्नी और बेटे को छोड़ गए पीछे: तहसीलदार आनंदपाल ने बताया कि दीपेंद्र अपने पीछे 2 साल का बेटा आरव व पत्नी प्रियंका देवी को छोड़ गए हैं. उनके पिता राजेंद्र सिंह का कुछ साल पहले निधन हो गया था दीपेंद्र के कुल तीन भाई हैं. कहा कि सेना की ओर से उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव बीरोंखाल के पसोल गांव पहुंचाया गया. जहां राजस्व प्रशासन के साथ ही आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई.

3 दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटा था दीपेंद्र: 9-गढ़वाल में तैनात दीपेंद्र सिंह रावत बीती 3 सितंबर को ही छुट्टी समाप्त होने को बाद अपनी ड्यूटी के लिए गया था. जहां से महज कुछ ही दिनों के बाद जवान के मौत की खबर घर पहुंची.

पौड़ी: जिले के बीरोंखाल ब्लॉक निवासी सेना का एक जवान कॉन्वॉय के दौरान अपनी ही बंदूक से निकली गोली से शहीद हो गया था. दीपेंद्र सिंह रावत का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में उनके घर पहुंचा, पूरा माहौल गमगीन हो गया. गांव के क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग और क्या महिलाएं अपने आंसुओं को रोक नहीं पाईं. जिसके बाद सैन्य सम्मान के साथ जवान को अंतिम विदाई दी गई.

Garhwal Rifle Soldier Martyr
शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते लोग

गढ़वाल राइफल में तैनात था दीपेंद्र: बताया जा रहा है कि जवान जम्मू-कश्मीर में तैनात था, कॉन्वॉय के दौरान अपनी ही बंदूक से गोली लगने से जवान की मौत हो गई. तहसीलदार थलीसैंण आनंदपाल ने बताया कि बीरोंखाल ब्लॉक के पसोल गांव निवासी 30 साल के दीपेंद्र सिंह रावत जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए. बताया कि दीपेंद्र साल 2013 में 9-गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे. इन दिनों दीपेंद्र जम्मू और कश्मीर में तैनात थे.
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पत्नी और बेटे को छोड़ गए पीछे: तहसीलदार आनंदपाल ने बताया कि दीपेंद्र अपने पीछे 2 साल का बेटा आरव व पत्नी प्रियंका देवी को छोड़ गए हैं. उनके पिता राजेंद्र सिंह का कुछ साल पहले निधन हो गया था दीपेंद्र के कुल तीन भाई हैं. कहा कि सेना की ओर से उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव बीरोंखाल के पसोल गांव पहुंचाया गया. जहां राजस्व प्रशासन के साथ ही आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई.

3 दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटा था दीपेंद्र: 9-गढ़वाल में तैनात दीपेंद्र सिंह रावत बीती 3 सितंबर को ही छुट्टी समाप्त होने को बाद अपनी ड्यूटी के लिए गया था. जहां से महज कुछ ही दिनों के बाद जवान के मौत की खबर घर पहुंची.

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