श्रीनगर: जोशीमठ के तपोवन में आई आपदा के निशान श्रीनगर में भी मिले हैं. अभी तक दो दिनों में एसडीआरएफ को दो शव श्रीनगर जलविद्युत परियोजना में मिल चुके हैं. वहीं, शव मिलने के बाद अब भारतीय नेवी की मार्कोस कमांडो अलकनंदा नदी में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. 8 सदस्यीय मार्कोस गोताखोरों का दल श्रीनगर में सर्च ऑपरेशन चला रहा है.
श्रीनगर पहुंची मार्कोस टीम
भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से मार्कोस जीवीके हेलीपैड पहुंची. मार्कोस कमांडों के 8 सदस्यीय दल का नेतृत्व कैप्टन संजीव कर रहे हैं, जिनकी टीम ने आज डैम कॉलोनी से गोवा बीच तक सर्च ऑपरेशन चलाया. फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा. कैप्टन संजीव ने बताया कि वे प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करेंगे. उन्ही के बताए जा रहे मार्गों पर हम सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. जबकि एसडीआरएफ झील के आगे के हिस्से में सर्च कर रही है.
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ड्रोन कैमरे से हो रही मॉनिटरिंग
उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह ने सर्च ऑपरेशन के बारे में ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पिछले दो दिन में जीवीके झील में दो शव मिल चुके है. आशंका जताई जा रही है कि पानी के बहाव के साथ अन्य शव भी यहां आ सकते है. जिसको लेकर विशेष सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जिसमे ड्रोन कमरों की मदद भी ली जा रही है.
कौन होते हैं मार्कोस ?
मार्कोस भारतीय नेवी का विशेष इकाई है, जिसे 1987 में स्थापित किया गया था. मार्कोस का प्रशिक्षण इतना व्यापक होता है कि इनको आतंकवाद से लेकर, नेवी ऑपरेशन, राहत बचाव में भी इस्तेमाल किया जाता है. ये कमांडो भारत के सबसे खतरनाक कमांडो में गिने जाते है. इनसे किसी भी तरह के ऑपरेशन करवाये जा सकते है. फिलहाल ये मार्कोस चमोली आपदा को लेकर सर्च ऑपरेशन करने में जुटा है. इनकी 16 सदस्यीय टीम जोशीमठ और श्रीनगर में सर्च ऑपरेशन चला रही है.